UP सरकार के मंत्री राकेश सचान के नाम 72 प्लॉट …!

फतेहपुर इंडस्ट्रियल एरिया में एलॉटमेंट, इन्वेस्टर्स के लिए जगह ढूढ़ी गई तो सामने आया सच …

यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान विवादों में घिर गए हैं। उनके नाम फतेहपुर में 72 भूखंड आवंटित मिले हैं। सरकार की तरफ से जब ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के तहत उद्यमियों को उद्यम लगाने के लिए जमीन देने की प्रक्रिया शुरू हुई, तब यह बात सामने आई। इसके बाद मंत्री राकेश सचान को सफाई देनी पड़ी।

दरअसल, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने निदेशक कानपुर उद्योग को पत्र लिखकर बताया कि फतेहपुर में 8 इंडस्ट्रियल एरिया हैं। इनमें से एक चकहाता मिनी औद्योगिक क्षेत्र में कुल 32 भूखंड और औद्योगिक क्षेत्र सुधवापुर में 40 भूखंड राकेश सचान के नाम से आवंटित मिले हैं। आगे पड़ताल कराई गई तो सभी भूखंड कैबिनेट राकेश सचान के नाम पर आवंटित मिले।

लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह की जांच में सामने आया सच।
लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह की जांच में सामने आया सच।

निर्धारित 10% शुल्क भी नहीं दिया
जिस समय इन भूखंडों का आवंटन हुआ, उस समय राकेश सचान सांसद थे। आरोप है कि सांसद रहते हुए राकेश सचान ने आवंटन का निर्धारित 10% शुल्क भी नहीं जमा किया। हालांकि विवादों में घिरते ही मंत्री ने सामने आकर झल्लाहट में जवाब भी दिया है। उन्होंने कहा कि जमीन लेकर मैं कहीं भाग नहीं गया। विभाग ने जबरन जमीन आवंटित की थीं। न जमीन कहीं गई है और न ही मैं।

ये पत्र लघु उद्योग भारती की तरफ से लिखा गया है, जिसमें भूमि आवंटियों में मंत्री राकेश सचान का नाम लिखा गया है।
ये पत्र लघु उद्योग भारती की तरफ से लिखा गया है, जिसमें भूमि आवंटियों में मंत्री राकेश सचान का नाम लिखा गया है।

अब जानते हैं पूरा मामला
दरअसल, मामले की शुरुआत 2012 से होती है। उस दौर में राकेश सचान फतेहपुर से सपा के सांसद थे। राकेश सचान ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि उद्योग विभाग की मीटिंग में स्कूल खोलने के लिए भूखंड आवंटित कराए थे। क्योंकि, उस समय जमीन खाली थी और उद्योग लगाने के लिए कोई नहीं आ रहा था।

ये लेटर का दूसरा पेज है।
ये लेटर का दूसरा पेज है।

स्कूल खोलने के नाम पर हुआ था आवंटन, मौके पर कुछ नहीं मिला
वहीं, लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा है, “फतेहपुर के चकहाता मिनी औद्योगिक क्षेत्र में कुल 36 भूखंड हैं। जहां स्थापित उद्योग का नाम प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान बताया गया है। इनमें 32 भूखंड (एक नंबर से 17 तक) और (22 से 36 तक) एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं।

इसी तरह मिनी औद्योगिक आस्थान सुधवापुर के 45 भूखंड में 40 भूखंड (1 से 40 तक) एक ही व्यक्ति राकेश सचान के नाम हैं। जबकि मौके पर यहां कोई उद्योग नहीं लगा मिला है। कुछ भूखंडों पर मौरंग डंप की गई है, जबकि चकहाता में कुछ भूखंडों पर अस्थायी गौशाला बनी मिली है। इनमें से अभिनव शिक्षा संस्थान के नाम से औद्योगिक अस्थाना सुधवापुर में 40 भूखंड और सीमा शिक्षा संस्थान के नाम से औद्योगिक अस्थाना चकहाता में 32 भूखंड आवंटित मिले।”

दस्तावेजों में भूखंडों के आवंटन में मंत्री राकेश सचान का नाम उजागर हुआ है।
दस्तावेजों में भूखंडों के आवंटन में मंत्री राकेश सचान का नाम उजागर हुआ है।

मंत्री बोले- जबरन आवंटित की गई थी जमीन
जमीन आवंटन को लेकर घिरे मंत्री राकेश सचान शुक्रवार को फतेहपुर पहुंचे। उन्होंने इस मामले को लेकर सफाई दी। एक सवाल पर वह भड़क गए। कहा, “जमीन लेकर भाग नहीं गया। विभाग ने जबरन आवंटित की थी। फ्री में आवंटित नहीं किया गया था। लोग अभी भी वहां पर जमीन नहीं ले रहे हैं। भूखंड खाली पड़े हैं।”

चकहाता में वर्तमान में गौशाला गनी मिली।
चकहाता में वर्तमान में गौशाला गनी मिली।

उन्होंने आगे कहा, “डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। हम तो पूरी जमीन वापस करने को तैयार हैं। हम लेकर नहीं जा रहे हैं। जमीन जैसी थी, उसी तरह है। डीएम को निर्देश दिया गया है कि भूखंड को खाली कराकर स्टीमेट बनवाकर नाली, सड़क और बिजली लगवा कर उसको आवंटित कर दें।”

जमीन की मारामारी और उद्योग मंत्री के नाम मिले प्लॉट
माना जा रहा है कि प्रदेश के उद्योग मंत्री के नाम पर आवंटित मिले 72 भूखंडों को लेकर विपक्षी भाजपा सरकार पर हमलावर हो सकते हैं। चूंकि राकेश सचान खुद उद्योग मंत्री हैं और उद्योग लगाने के लिए ही जिले में जमीन की मारामारी मची है।

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