मौजूदा दौर के 85 प्रतिशत से ज्यादा जॉब्स नेटवर्किंग के माध्यम से ही मिल रहे हैं

परम्परागत रूप से नौकरियों की तलाश में उम्मीदवारों को स्थानीय अखबारों और टेम्प एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था। ये प्रणालियां शायद आज भी उपयोगी हों, लेकिन अब वे जॉब-सीकर्स को पहले जितने अवसर मुहैया नहीं कराती हैं। इंटरनेट ने क्रांतिकारी बदलाव ला दिए हैं।

वर्ष 2022 में लगभग 80 प्रतिशत जॉब-सर्च ऑनलाइन किए गए थे और कम्पनियों से उम्मीदवारों का सम्पर्क स्थापित करने में जॉब बोर्ड्स अहम भूमिका निभा रहे थे। उसी साल हर माह 25 करोड़ से ज्यादा यूनीक विजिटर्स भी दर्ज किए गए। लेकिन करियर की शुरुआत में ये प्लेटफॉर्म भले बहुत काम के साबित हों, उनकी अपनी सीमाएं भी हैं।

वे बहुत औपचारिक हैं, भीड़भरे हैं, रिक्रूटर्स को अच्छी सीवी क्वालिटी नहीं मुहैया कराते और आज के समय की बदलती भूमिकाओं के लिए उपयुक्त नहीं हैं। ऐसे में आपको जॉब बोर्ड्स के परे जाना होगा। लेकिन कैसे? इसका जवाब नेटवर्किंग में है। मौजूदा दौर के 85 प्रतिशत से ज्यादा जॉब्स नेटवर्किंग के माध्यम से ही मिल रहे हैं। अपना पेशेवर नेटवर्क बनाने और नौकरियां तलाशने के लिए ये चार तरीके कारगर साबित हो सकते हैं :

1. टैलेंट कम्युनिटीज़ : ये समान पेशेवर रुचियों वाले व्यक्तियों के नेटवर्क्स हैं। वे अपने सदस्यों को उनकी स्किल्स दिखाने और वेबिनार, वर्कशॉप, कोर्सेस के जरिए इंडस्ट्री-विशेषज्ञों से संवाद करने का अवसर मुहैया कराते हैं। कम्युनिटी-माहौल से नियोक्ता और कर्मचारी को एक यूनीक नेटवर्किंग अनुभव मिलता है और उनके लिए एक-दूसरे से जुड़ना सरल हो जाता है।

कम्पनियां भी ऐसी कम्युनिटीज़ में जॉब-ओपनिंग्स के बारे में पोस्ट करना पसंद करती हैं। उनके हाई-इंगेजमेंट के स्तरों के कारण दोनों पक्षों को जॉब-फिटनेस के बारे में राय बनाने का मौका मिलता है और परिणामस्वरूप साक्षात्कार आदि की प्रक्रियाएं सरल हो जाती हैं।

नैस्कॉम (आईटी) और सियाम (ऑटोमोबाइल्स) जैसे इंडस्ट्री-फोरम के पास पेशेवर नेटवर्किंग को बढ़ावा देने वाली कम्युनिटीज़ हैं। आप टैग्ड के करियर सर्कल्स जैसे पीयर-नेटवर्कों का भी लाभ ले सकते हैं, जिनके पास फार्मास्युटिकल्स, आईटी, ऑटोमोबाइल आदि के लिए कम्युनिटीज़ हैं।

2. सिफारिशें : जॉब-रेफरेंस भी एक भरोसेमंद स्रोत है, जिसका इस्तेमाल कम्पनियों के द्वारा नियुक्तियों के लिए किया जाता है। यह एक तरह की वर्ड-ऑफ-माउथ मार्केटिंग है। अगर आप किसी ऐसी कम्पनी में काम करना चाहते हैं, जहां कोई आपको जानता है और आपकी जॉब-स्किल्स की पुष्टि कर सकता है तो उनसे आपको रिकमेंड करने का अनुरोध करें।

कम्पनी आपकी प्रोफाइल पर खुशी से विचार करेगी। अध्ययनों में पाया गया है अधिकतर कम्पनियां ऐसे ही रेफरल्स के जरिए 40% कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं। सिफारिशी उम्मीदवारों की नियुक्ति की सम्भावना दूसरों से चार गुना अधिक होती है। ऑटोमोटिव, बीएफएसआई, आईटी, मैन्युफेक्चरिंग जैसी इंडस्ट्रीज़ तो सिफारिशों पर बहुत निर्भर करती हैं।

3. सोशल मीडिया : 2022 में 73% मिलेनियल्स को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के जरिए काम मिला। 66% नियोक्ता नियमित रूप से सोशल मीडिया पर भर्तियों के बारे में पोस्ट करते हैं। लिंक्डइन इसमें सबसे भरोसेमंद रिक्रूटमेंट चैनल है, जिसके बाद फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम का नम्बर आता है। सोशल मीडिया के जरिए सफलतापूर्वक नौकरियां खोजने के लिए यह जरूरी है कि आप वहां अपनी मौजूदगी कायम रखें और अपनी प्रोफाइल को अपडेट करते रहें।

4. वॉट्सएप्प : एक और लोकप्रिय साधन है वॉट्सएप्प। आपके फोन में मौजूद यह चैट मैसेंजर अपने नियोक्ताओं के द्वारा ग्रुप बनाकर भर्तियों के बारे में सूचनाएं फॉरवर्ड करने के लिए उपयोग किया जाता है। आईटी, एचआर, फाइनेंस, एडमिन भूमिकाओं के लिए सहायकों की तलाश में यह बहुत लोकप्रिय है।

अब सरकार भी ऐसा नया प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है, जो नौकरियों की तलाश करने वालों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा। इसे स्किल्स का यूपीआई भी कहा जा सकता है और जॉब-सीकर्स को इस पर नजर रखना चाहिए।

अगर आप नए काम की तलाश कर रहे हैं या करियर में बदलाव के बारे में विचार कर रहे हैं तो जॉब बोर्ड्स के परे जाकर डिजिटल जॉब मार्केट की पूर्ण सम्भावनाओं का अनुभव करना जरूरी है। इतनी सारी चैनल्स पर सक्रिय रहना भले मुश्किल लगे, दृढ़ता और धैर्य के फल हमेशा मीठ होते हैं!

अगर आप नए काम की तलाश कर रहे हैं या अपने करियर में बदलाव के बारे में विचार कर रहे हैं तो जॉब बोर्ड्स के परे जाकर डिजिटल जॉब मार्केट की पूर्ण सम्भावनाओं का अनुभव करना जरूरी है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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