गरीबी मात्र एक आंकड़ा जिससे बाहर निकलने का एक ही रास्ता है “शिक्षा”

यह तो तय है कि गरीबी सांसारिक मामला है। कुछ लोगों की गरीबी भी अलग ढंग की होती है, अपने से ऊपर वाले को देख खुद को गरीब मान लेते हैं। वैसे भारत में तो 25% लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। धर्म और अध्यात्म के पास एक तरीका है अमीर बनने का। शास्त्रों में लिखा है- राम रच्या सोइ पावै। यानी जो परमात्मा देता है, वही मिलता है।

इसे यदि ठीक से समझ लें, तो भौतिक धन का अभाव जो भी हो, पर मानसिक रूप से गरीब नहीं होंगे। फिर ऋषि-मुनियों द्वारा एक दृष्टि और दी गई है- ‘पास से जो पास है, वो परमात्मा है’, लेकिन इतने निकट वाले ईश्वर को देखने की हमारे पास दृष्टि नहीं है। और इस दुनिया में जिसके पास परमात्मा है, वो इस दुनिया में सबसे ज्यादा अमीर है और जमाने भर की दौलत होने के बाद भी जिसके पास ईश्वर नहीं है, वो सबसे बड़ा गरीब।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *