भोपाल । आमजन को कम कीमत पर प्लाट मिल सके इसके लिए गृह निर्माण समितियों का गठन किया गया है। जिन पर लोग विश्वास कर सदस्यता ले लेते हैं और प्लाट के लिए अपने जीवन भर की कमाई भी लगा देते हैं। इसके बाद भी उनका अपने आशियाने का सपना साकार नहीं हो पाता है। वह अपने ही हक के लिए सालों तक कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते हैं। जहां से उन्हें न्याय के बदले सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि इन समितियों की जमीन पर शासकीय एवं निजी संस्थाओं ने अपना कब्जा जमा रखा है। समिति के सदस्य इनकी शिकायतें भी करते हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकलता।
एक दर्जन समितियों की जमीन पर कब्जा
शहर की 128 गृह निर्माण समितियों की करीब एक हजार 300 से अधिक शिकायतें पिछले तीन साल में सहकारिता विभाग में आ चुकी हैं। इन शिकायतों की जांच सहकारिता विभाग द्वारा की गई तो सामने आया कि एक दर्जन से अधिक गृह निर्माण समितियां हैं जिनकी जमीन पर बीडीए, नगर निगम सहित अन्य सरकारी या निजी उपक्रमों के कब्जे हैं। इन समितियों की जमीनों से अवैध कब्जे हटें तो सैंकड़ों सदस्यों को प्लाट मिलने का रास्ता खुल सकेगा। हालांकि इसके लिए कवायद तो खूब हुई, लेकिन सफलता एक बार भी नहीं मिल सकी।
कहीं बने पार्क तो कहीं बना शेल्टर होम
विभाग की जांच में खुलासा हुआ था कि प्रगति गृह निर्माण समिति की जमीन पर नगर निगम ने सद्भावना पार्क बना रखा है। रोहित गृह निर्माण समिति की बावड़ियां कलां स्थित 8.30 एकड़ जमीन पर भोपाल विकास प्राधिकरण ने कब्जा कर रखा है। इसी तरह हिलटाप समिति की जमीन पर भी नगर निगम ने शेल्टर होम बना रखा है। इन सभी समितियों की जमीनों पर सरकारी कब्जे होने के कारण सदस्यों को भटकना पड़ रहा है। इसी तरह दूरसंचार गृह निर्माण समितियों की जमीन पर अतिक्रमण है। जिला प्राशसन से लेकर सहकारिता विभाग के अधिकारी तक विभागों से जमीन वापस नहीं दिला पा रहे हैं। ऐसे में सदस्य परेशान हैं और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। वहीं सहकारिता उपायुक्त विनोद सिंह का कहना है कि समितियों की जमीनों को वापस लेने के लिए पत्राचार किया जा रहा है। जमीन मिलने के बाद सदस्यों को प्लाट देने का रास्ता साफ हो सकेगा।
संस्थाओं के कब्जे के अलावा बन गई झुग्गियां
– रोहित गृह निर्माण समिति की 8.30 एकड़ जमीन पर बीडीए ने कब्जा कर रखा है। वापस लेने के लिए बीडीस को पत्र भी लिखे गए। वर्ष 2020 में बीडीए ने 8.30 एकड़ जमीन में से केवल 0.77 डेसीमल जमीन को वापस देने की बात कही है। वर्तमान में समिति के 330 सदस्य प्लाट से वंचित हैं।
– प्रगति गृह निर्माण समिति की कोहेफिजा कालोनी में 100 प्लाट काटे गए। मध्यप्रदेश गृह निर्माण बोर्ड ने इसमें से 83 प्लाटों का आवंटन 1979 में किया। बचे हुए 17 में से 11 प्लाटों पर वर्ष 2000 में नगर निगम ने सद्भावना पार्क बना डाला, जबकि अन्य प्लाटों की जमीन पर झुग्गियां तनी हुई हैं।
– हिलटाप समिति की पांच एकड़ जमीन में से आधे एकड़ से अधिक पर नगर निगम ने शेल्टर होम बना दिया है। कुछ भूमि पर झुग्गियां बनी हुई हैं।