क्लास लगने से पहले ही जर्जर हो गए नए स्कूल भवन, मिट्टी परीक्षण केंद्र बंद पड़े

विधानसभा बजट सत्र …. क्लास लगने से पहले ही जर्जर हो गए नए स्कूल भवन, मिट्टी परीक्षण केंद्र बंद पड़े
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार और कृषि मंत्री कमल पटेल मंगलवार को भाजपा विधायकों के निशाने पर रहे।

बजट सत्र के पहले प्रश्नकाल में ही भाजपा विधायकों ने मंत्रियों को घेर लिया। मंगलवार को जबेरा से भाजपा विधायक धर्मेंद्र भावसिंह लोधी व जावरा से राजेंद्र पांडे ने स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार और विधायक राजेंद्र शुक्ला ने कृषि मंत्री कमल पटेल के कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए। लोधी व पांडे ने परमार से कहा कि उनके क्षेत्रों में स्कूलों के नए भवन बने हैं। एक भी दिन क्लास नहीं लगी, उससे पहले ही वे क्षतिग्रस्त हो गए। कई जगह घटिया निर्माण हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. गिरीश गौतम ने भी इसे गंभीर मामला बताया।

बाद में बसपा विधायक रामबाई ने भी स्कूलों का मामला उठाया। सफाई में मंत्री परमार ने कहा कि उनके विभाग के पास तो कोई तकनीकी अमला नहीं हैं। संभवत: निर्माण का काम पीडब्ल्यूडी की इकाई पीआईयू ने किया है। क्रियान्वयन का जिम्मा ग्राम पंचायतों व शाला विकास समिति के पास है। फिर भी जिन स्कूलों की बात विधायकों ने रखी है, उनके साथ पूरे प्रदेश में ऐसे स्कूल भवनों की जांच कराई जाएगी। कृषि मंत्री कमल पटेल को लेकर राजेंद्र शुक्ला ने ध्यानाकर्षण दिया। शुक्ला ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर मिट्टी परीक्षण केंद्र बंद पड़े हैं। किसान परेशान हैं। 108 करोड़ में 2017-18 में ये 265 परीक्षण केंद्र बन गए थे। एक केंद्र पर 41-42 लाख रुपए खर्च हुए। पटेल ने कहा कि वे जल्द ही तमाम कमियां दुरुस्त करेंगे। इस पर शुक्ला ने तंज कसा, ‘यहां यह कहना ठीक है, लेकिन 5 साल से जो कर रहे हैं, 4-5 दिन में हो जाए।’ शून्यकाल में चित्रकूट से कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह की भोपाल में लगी मूर्ति के लोकार्पण का मामला उठाया। वहीं भाजपा के खेमे में शामिल हो चुके कांग्रेस विधायक सचिन बिरला पूरे बजट सत्र में अनुपस्थित रहेंगे।

  • स्कूल भवनों से लेकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर निशाने पर रही सरकार
  • कृषि और स्कूल शिक्षा मंत्री को भाजपा विधायकों ने ही घेरा
  • स्कूल भवनों के घटिया निर्माण पर मंत्री ने दिए जांच के निर्देश

ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट पर विधानसभा में जवाब, 30 लाख करोड़ के प्रस्ताव, निवेश आया 3.5 लाख करोड़

सरकार ने 2007-2016 के बीच ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर 50.84 करोड़ रुपए खर्च किए। साथ ही विदेश यात्रा पर 17.78 करोड़ खर्च किए हैं। विधायक मेवाराम जाटव के सवाल पर उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह ने ये जानकारी दी। इनमें जनवरी 2023 में हुई ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के खर्चे शामिल नहीं हैं। ें यह भी बताया गया कि 2007-08 से लेकर 2015-16 तक कुल 366 इकाइयों को 1224 करोड़ रुपए की सहायता दी गई है। 2007 के बाद हुई छह समिट में 13 388 एमओयू हुए, जिनमें 30 लाख 13 हजार करोड़ से अधिक के निवेश की बात हुई। इनमें से धरातल पर 762 यानि 5.69% निवेश प्रस्ताव आए, जिनके जरिए 3 लाख 47 हजार 891 करोड़ रुपए का वास्तविक निवेश हुआ जो 11.5% है। साथ ही 2 लाख 7 हजार 49 लोगों को रोजगार मिला।

सिसोदिया बोले- विकास यात्रा पर पत्थर फिंकवाए

मंदसौर विधायक यशपाल सिसोदिया ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता में कहा कि पहली बार विपक्ष ने बिना शोर अभिभाषण सुना। इस पर डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने टोका कि अभिभाषण में कुछ था ही नहीं तो क्या टिप्पणी करते। सिसोदिया ने कांग्रेस पर विकास यात्राओं में पत्थरबाजी कराने का आरोप लगाया। सिसोदिया ने कहा कि कांग्रेस के मित्रों काे भाजपा की सड़कों पर चलने के बावजूद विकास नहीं दिखता तो लक्ष्मण सिंह बोले, नेहरूजी ने गांधीसागर बनवाया, तो यह नहीं कहा था कि भाजपा के लोगों को पानी नहीं मिलेगा।

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