ग्वालिय यात्री व स्कूल बसों को व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) व पैनिक बटन लगाने की मोहलत(28 फरवरी) खत्म हो गई है, लेकिन अभी तक जिले में 196 बसों में ही दोनों डिवाइस लग सकी हैं, जबकि एक हजार से अधिक यात्री बस व 600 से अधिक स्कूल बस में इन डिवाइस को लगना है, आपरेटरों ने डिवाइस को लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके चलते परिवहन विभाग ने अब ऐसे यात्री वाहन, जिनमें वीएलटीडी व पैनिक बटन नहीं लगे हैं, उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करना बंद कर दिया है। अब डिवाइस लगने के बाद ही फिटनेस मिल सकेगी। परिवहन विभाग ने यात्री व स्कूल बसों की निगरानी के लिए वीएलटीडी व पैनिक बटन को अनिवार्य किया है। भोपाल में कंट्रोल कमांड सेंटर बनाया गया है। यहां से यात्री वाहनों की निगरानी की जानी है। यह बनकर तैयार हो गया है। वाहनों में दोनों डिवाइसों को लगाया जाना है। बिना डिवाइस वाले वाहनों की फिटनेस को रोक दिया था, जिसके चलते आपरेटरों ने डिवाइस लगाने की मोहलत मांगी थी। दिसंबर 2022 में डिवाइस लगाने के लिए आपेरटरों को 28 फरवरी की मोहलत दी थी।

द्यवीएलटीडी से वाहन की लाइव लोकेशन देख सकते हैं। यह कौनसे मार्ग पर चल रही है। वाहन कहां मौजूद हैं। इसकी गति क्या है। कहां रुकी है। वीएलटीडी के माध्यम से बस मालिक व परिवहन विभाग लाइव लोकेशन देख सकते हैं। द्यपैनिक बटन को आपात स्थिति से निपटने के लिए लगाया गया है। यदि बस में किसी महिला यात्री या यात्री को कोई परेशानी हो रही है, तो उसकी सूचना कंट्रोल रूम भेज सकते हैं। भोपाल में बने कंट्रोल कमांड सेंटर में इसकी सूचना पहुंच जाएगी। नजदीकी थाने से उस सूचना को कंट्रोल कमांड सेंटर से साझा किया जाएगा। द्यनिर्भया फंड के तहत कंट्रोल कमांड सेंटर को भोपाल में तैयार किया गया है। द्यनई बसों में दोनों डिवाइस कंपनी से फिटेड आ रहे हैं। जबकि पुरानी बसों में इन्हें आपरेटर को अपने खर्च पर लगाना है।

वीएलटीडी व पैनिक बटन लगाने के लिए 28 फरवरी तक की छूट दी थी। जिन वाहनों में दोनों डिवाइस नहीं लगे हैं तो उनकी फिटनेस नहीं होगी। फिटनेस के दौरान डिवाइस की जानकारी देना जरूरी है।

 

एचके सिंह, आरटीओ