अतीक की क्राइम फाइल- 39 की कुंडली …!
17 साल की उम्र में हत्या में नाम आया, मोहल्ले में की पहली वसूली; गैंग के 34 शूटर नामजद …
उमेश पाल की हत्या के बाद से अतीक अहमद एक बार फिर चर्चा में हैं। परिवार दर बदर है, तो अतीक अहमदाबाद की जेल में बेचैन हैं, क्योंकि यूपी पुलिस उनसे पूछताछ करने का प्लान तैयार कर रही है। अतीक के जुर्म की एक लंबी दास्तां है, जो शुरू प्रयागराज में हुई और मशहूर पूरे देश में है। अतीक पर 1979 में पहला हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद अपना गैंग बनाया, जिसे IS- 227 नाम दिया। आज इस गैंग के 34 शूटर नामजद हैं।
आइए अतीक जुर्म की फेहरिस्त पर एक-एक करके नजर डालते हैं…
चैप्टर-1: जुर्म की दुनिया में कदम
44 साल पहले जब हत्या में नाम आया
1979 में पहली बार अतीक का नाम हत्या के केस में सामने आया। तब उसकी उम्र करीब 17 साल थी। अतीक का सबसे पहले 1979 में मो. गुलाम की हत्याकांड में पुलिस रिकार्ड में नाम दर्ज हुआ। इसका मुकदमा खुल्दाबाद थाने में दर्ज हुआ। मुकदमा संख्या- 431 /79 पर धारा 302 में दर्ज हुआ।
इसी के बाद एक तांगा चलाने वाले फिरोज अहमद का बेटा अतीक गुनाहों का बेताज बादशाह बन गया। धीरे-धीरे उसका नाम प्रयागराज के माफिया चांद बाबा और कपिल मुनि करवरिया से ऊपर गिना जाने लगा। वह पूरे प्रदेश में जमीन कब्जा करना, हत्या, लूट, डकैती और फिरौती की घटनाओं को अंजाम देने लगा।
चैप्टर-2: हिस्ट्रीशीट तैयार हुई
अतीक की हिस्ट्रीशीट नंबर 39 ए है, गैंग का नंबर आईएस- 227
अतीक की आपराधिक गतिविधि पर लगाम लगाने के लिए यूपी सरकार ने 1985 में गुंडा और 1986 में गैंगस्टर की कार्रवाई की। साथ ही और कड़ी निगरानी के लिए 17 फरवरी 1992 को इसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई, जिसका हिस्ट्रीशीट नंबर 39 ए है। उसके गैंग का नंबर आईएस -227 है।
चैप्टर-3: सियासत में कदम
1989 में पहली बार चांद बाबा को हराकार विधायक बना
अब बारी थी राजनीति की। अतीक ने माफिया का रसूख हासिल करने के बाद राजनीति के लिए जमीन तैयार करनी शुरू की। 1989 में प्रयागराज पश्चिमी सीट से अपने चिर प्रतिद्वंदी चांद बाबा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरा। और पहली बार में चांद बाबा को हराकर विधायक बन गया। इसके बाद उसने मुड़कर नहीं देखा और राजनीति के दम पर अपराध की दुनिया में एक अलग मकाम बना लिया। वह पांच बार विधायक और एक बार सांसद चुना गया। उसके खिलाफ केस लड़ने के लिए वकील से लेकर जज तक दूरी बनाने लगे।
चैप्टर-4: रंगादारी का बना बादशाह
12वीं के बाद मोहल्ले से ही रंगदारी वसूली शुरू की
अतीक अहमद का जन्म 1960 में प्रयागराज के धूमनगंज कसारी नसारी में हुआ था। पिता तांगा चालक थे। उनका नाम हाजी फिरोज अहमद था। वह कुश्ती के शौकीन थे। जिसके चलते अतीक भी कुश्ती लड़ता था। इसी वजह से इलाके में लोग उसे पहलवान नाम से भी बुलाते थे। पढ़ाई में मन नहीं लगने के चलते इंटर तक ही पढ़ाई की। इसके बाद इलाके में ही रंगदारी वसूलने लगा। पहली रंगदारी अपने मोहल्ले में ही ली थी।
चैप्टर-5- राजनीति में पहचान मिली
गेस्ट हाउस कांड में एक साथ दर्ज हुए 114 मुकदमे
अब अतीक अहमद राजनीतिक गलियारे में रसूख बनाने के लिए हर हथकंडा अपना रहा था। इसी कड़ी 1995 में उसे पहचान मिली। उसका नाम लखनऊ में हुए गेस्ट हाउस कांड में आया। सपा सरकार को बचाने के लिए उसने तत्कालीन बसपा प्रमुख मायावती और उनके दल के तमाम लोगों को बंधक बना लिया। लखनऊ के थाना हजरतगंज में उसपर मुकदमा दर्ज हुआ। जिसकी विवेचना क्राइम ब्रांच, अपराध अनुसंधान विभाग लखनऊ (CID) ने की थी। जिसमें प्रमुख अभियुक्त के रूप में नाम दर्ज किया गया था। इसके साथ ही प्रयागराज के धूमनगंज थाने में एक ही दिन में 114 मुकदमे अतीक के खिलाफ दर्ज किए गए।
- आगे बढ़ने से पहले ग्राफिक के जरिए अतीक के परिवार के बारे में जानिए..\
चैप्टर-6: सलाखों के पीछे माफिया
खुद साबरमती जेल में भाई बरेली जेल में और दो बेटे भी जेल में बंद
अब बारी अतीक के आतंक और जुर्म के दमन की थी। 2017 में भाजपा की सरकार आई। पुलिस अतीक और उसके गुर्गों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। इसी का नतीजा है कि आज अतीक गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में बंद है। उसका एक बेटा उमर लखनऊ और दूसरा बेटा प्रयागराज नैनी जेल में बंद है।
अतीक की पत्नी के खिलाफ भी 25 हजार का इनाम घोषित हो चुका है। वहीं, उसके दो नाबालिग बेटे भी उमेश पाल हत्या कांड के बाद पुलिस की रडार पर हैं।
अतीक गैंग पर पिछले दिनों योगी सरकार का बुलडोजर भी जमकर चला है। पुलिस ने गैंग के 14 सदस्यों को गिरफ्तार करते हुए गुंडा एक्ट में कार्रवाई की। वहीं 22 की हिस्ट्रीशीट खुली और दो लोगों को जिला बदर किया गया।
पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत अब तक 415 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। 68 शस्त्र लाइसेंस रद्द किए गए। यही नहीं, 751 करोड़ रुपए की अवैध सम्पत्तियों को जमींदोज भी किया गया है।
अतीक गैंग के प्रमुख शूटर
1- नफीस पुत्र तजम्मुल, खुल्दाबाद
2- मुस्तकीन पुत्र अब्दुल रहीम, खुल्दाबाद
3- असरफ उर्फ खालिद पुत्र हाजी फिरोज, खुल्दाबाद
4- गुड्डू पुत्र मो. कथून, खुल्दाबाद
5- अच्छे पुत्र मो. मियां, खुल्दाबाद
6- रफात उल्ला पुत्र रहमत, खुल्दाबाद
7- शब्बीर अहमद पुत्र अब्दुल शकूर, खुल्दाबाद
8- लवकुश पुत्र दुखीलाल, धूमनगंज
9- इशरत अली पुत्र इब्राहीम, खुल्दाबाद
10- सीताराम शुक्ला पुत्र राजकिशोर शुक्ला, खुल्दाबाद
11- सर्फराज अहमद पुत्र जुल्फेकार अहमद, खुल्दाबाद
12- फारूख पुत्र रमजान, बादशाही मण्डी थाना कोतवाली
13- नबी अनवर पुत्र फैज अहमद, धूमनगंज
14- मो० असलम पुत्र मो. इकबाल, धूमनगंज
15- इसरार पुत्र हफीजुद्दीन, धूननगंज
16- बल्ली पंडित उर्फ सुधांशु पुत्र हरिहरनाथ तिवारी, धूमनगंज
17- नकसब जिया पुत्र अब्दुल बारी, करैली
18- परवेज टंकी वाला पुत्र जीमल, करैली
19 अब्बास पुत्र यूसुफ, अतरसुइया
20- बालन उर्फ अख्तर पुत्र जाहिद अली, अतरसुइया
21- गिरीश दुबे पुत्र जगदीश दुबे, जार्जटाउन
22- नसीम उर्फ नस्सन पुत्र कल्लन, कौशाम्बी
23- अन्सार अहमद पुत्र मो इलियास, कौशाम्बी
24- जावेद इकबाल पुत्र मोईनुद्दीन, करैली
25- नैयर खां पुत्र हफीज अख्तर, शाहगंज
26- रईस अहमद पुत्र अब्दुल हनीफ, कौशाम्बी
27- मकसूद पुत्र हगन, धूमनगंज
28- मकसूद पुत्र मरदान, धूमनगंज
29- इकरार पुत्र निसार, धूमनगंज
30- गुल हसन पुत्र मन्सूर, धूमनगंज
31- गुलाम रसूल पुत्र मकसूद, धूमनगंज
32- शरीफ पुत्र गुलफुल, धूमनगंज
33- विजय यादव पुत्र रामचन्द्र, जार्जटाउन
34- एजाज अख्तर पुत्र हाजी कुद्दूस, कौशाम्बी
अतीक के पारिवारिक सदस्यों पर भी पुलिस की निगाह
1- अशरफ (भाई)
2- शाहरता परवीन (पत्नी)
3- शाहीन (बहन)
4- परवीन (बहन)
5- बेबी (बहन)
6- बज्जों (बहन)
7- डा० एकलाख अहमद (बहनोई)
8- हामिद (बहनोई)
9- नाजिद नुल्ला (मामा)
10- जाहिद जादूगर (मामा)
11- इसरार (मौसा)
12- अन्सार अहमद (मौसा)
13- गुदड़ा (मौसा)