तिरंगे के अपमान का बदला! दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग की कम की गई सुरक्षा, हटाए गए बैरिकेड्स
बीते दिनों ब्रिटेन में खालिस्तानियों ने जो उत्पात मचाया था, उस पर जमकर बवाल हुआ. इस घटना को लेकर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया. तिरंगे के अपमान पर भारत ने ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया और इस दौरान खूब खड़ी खोटी सुनाई. भारत ने इस घटना को लेकर ब्रिटेन सरकार की कड़ी निंदा की थी.
वहीं, इस बीच खबर है कि दिल्ली स्थित ब्रिटिश दूतावास और ब्रिटिश हाई कमिश्नर की सुरक्षा कम कर दी गई है. ब्रिटिश उच्चायोग के घर के बाहर से सभी सिक्योरिटी बैरिकेड्स को हटा दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, लंदन में भारतीय दूतावास पर हमले के बाद मंगलवार रात 10.30 बजे नई दिल्ली में ब्रिटिश हाई कमिश्नर के घर के बाहर लगे बैरिकेड्स को हटा दिया गया.
खालिस्तानियों ने किया था तिरंगे का अपमान
हालांकि, मामले में अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. वहीं, ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने सुरक्षा मामलों पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है. दरअसल, इस घटना को बदले की कार्रवाई बताया जा रहा है कि क्योंकि लंदन स्थित भारतीय दूतावास में जिस तरह से तिरंगे का अपमान किया गया, उस घटना से हरेक भारतीयों को ठेस पहुंची है. सुरक्षा में नाकामी की वजह से लंदन में इस घटना को अंजाम दिया गया.
लंदन में भारतीय दूतावास में किया था जमकर हंगामा
खालिस्तानियों ने लंदन में भारतीय दूतावास में जमकर हंगामा किया. इसके बाद भारत के राष्ट्रीय ध्वज को नीचे उतार दिया गया. लंदन में हुई इस अपमानजनक घटना के बाद भारत ने ब्रिटिश राजनयिक को तलब किया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस घटना को लेकर ब्रिटिश सरकार की सुरक्षा के प्रति उदासीनता देखी गई है. यब बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है.
भारत ने पूछा था इतने लोग कैसे भारतीय दूतावास में प्रवेश कर गए. इससे पता चलता है कि दूतावास के बाहर किसी भी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी. अगर सुरक्षा व्यवस्था होती तो इस घटना को अंजाम नहीं दिया जाता.
भारतीय उच्चायोग में लहराए थे खालिस्तानी झंडे
बता दें कि रविवार को हुई इस घटना के दौरान भारी मात्रा में खालिस्तानी भारतीय उच्चायोग के अंदर घुसे थे. इस दौरान वे खालिस्तानी झंडे लहराते नतर आए थे. इसके अलावा वो खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान खालिस्तानियों ने तिरंगे को नीचे उतार दिया. इसके बाद एक भारतीय उच्चायोग के अधिकारी ने उससे बड़ा तिरंगा लहराया था.