1st एटेम्पट में IAS एग्जाम क्लियर करना सबसे आसान .!

ग्रेजुएशन के सब्जेक्ट से एग्जाम देने पर सिलेक्शन के चांसेस कम; 3 साल से ज्यादा ना करें तैयारी …

12वीं की परीक्षा दे चुके हैं और सिविल सेवा में जाने की सोच रहे हैं। लेकिन, मन में बहुत सारे सवाल हैं कि कैसे होगा? क्या विषय लूंगा? पढ़ाई कैसे करूंगा? किन बातों का ध्यान नहीं दिया तो फेल हो जाऊंगा? ऐसे ही अनगिनत सवाल आपके दिमाग में आ रहे होंगे। सिविल सेवाओं की तैयारी कैसे करें, इस विषय पर हमने IAS योगेश मिश्रा से बात की।

……. खुद तो IAS हैं। साथ ही इनके बताए रास्तों पर चल कर इनके छोटे भाई और दो बहनें भी UPSC क्लियर करके अलग-अलग विभागों में काम कर रहे हैं।

  • आइए एक-एक करके आपके सभी सवालों के जवाब यहां जानते हैं….

सवाल- 1: जिन बच्चों ने अभी 12वीं पास की है और IAS बनना चाहते हैं वो तैयारी की शुरुआत कहां से करें?
जवाब: ऐसे बच्चे जिन्होंने 12वीं में ही यह तय कर लिया है कि उन्हें IAS बनना है। उन्होंने पहला पड़ाव पार कर लिया। ज्यादातर स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन के टाइम पर तय करते हैं कि IAS बनना है। यहीं उनके पीछे रह जाने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए 12वीं में तय करें और तभी से तैयारी शुरू कर दें।

जिन 12वीं पास स्टूडेंट्स ने तय कर लिया है, उनके लिए दो चीजें सबसे ज्यादा जरूरी हैं। पहली तो ये कि उन्हें सबसे पहले UPSC का सिलेबस देखना चाहिए। उसके बाद एनालिसिस कीजिए कि किस तरह के टॉपिक्स हैं? परीक्षा का पैटर्न क्या है? कितने चरणों में परीक्षा होती है? कैसे सवाल पूछे जाते हैं?

दूसरी चीज जिसका ध्यान देना जरूरी है, वो है हर दिन किसी एक अखबार में खबरों को देखना। लगातार खबरें देखते रहने से एग्जाम में कई बातें आपके काम आएंगी।

सवाल- 2: गांव के बच्चे IAS परीक्षा में ज्यादा सिलेक्ट होते। यह देखकर शहर में पढ़े बच्चों का कॉन्फिडेंस डाउन हो जाता। क्या उन्हें अलग से तैयारी करनी चाहिए?
जवाब: गांव के बच्चों में एक ईमानदारी होती है। साथ ही उनके पास विकल्प की बहुत कमी रहती है। उनके लिए 2-4 ही ऑप्शंस खुले हैं। वहीं शहर के बच्चों के लिए ऑप्शंस बहुत हैं। साथ ही उन्हें गाइड करने वाले लोग बहुत हैं। इसलिए उनके पास इतनी इन्फॉर्मेशन हो जाती कि वो कन्फ्यूज हो जाते हैं और दूसरी तरफ भागने लगते हैं।

शहर के बच्चों को लगता कि कुछ साल कोई नौकरी कर लें, फिर IAS की तैयारी करेंगे। इसी उलझन में उनके 4-5 साल निकल जाते हैं। यह समस्या गांव के बच्चों के साथ कम होती है। बच्चे फोकस कर लें, तो परीक्षा निकालना आसान हो जाता।

सवाल- 3: IAS की तैयारी के लिए पांच चीजें, जो सबसे ज्यादा जरूरी हैं?
जवाब: 
सबसे पहले तो एग्जाम में एक ऑप्शनल विषय होता है। उसका चयन कर लीजिए। उसके बाद अगर संभव है, तो ग्रेजुएशन में उस ऑप्शनल विषय का ही चुनाव कर लीजिए।

दूसरी चीज ग्रेजुएशन में जो विषय लिए हैं, उसकी पढ़ाई करने के साथ-साथ जो खाली समय मिलता है उसमें सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दें।

तीसरी चीज यह कि स्टूडेंट्स को ऐसे लोगों से मिलने का प्रयास करना चाहिए जिन्होंने यह परीक्षा पास की है। उनसे मिलकर परीक्षा से जुड़ी चीजों को जानने की कोशिश करिए। ताकि आपको एग्जाम सी जुड़ी अफवाहों से बचने में मदद मिले और सही चीज का पता चल पाए।

चौथी चीज है टाइमलाइन। पूरा सिलेबस देखकर एक समय तय कर लेना चाहिए कि इतने महीनों या साल में मैं ये चीज कर लूंगा। आखिर में पांचवीं चीज ये कि सोशल मीडिया से जितनी दूरी बना लेंगे, उतना जल्दी एग्जाम के लिए फोकस कर पाएंगे।

सवाल- 4: IAS की तैयारी के लिए सब्जेक्ट सिलेक्शन का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
जवाब: स्टूडेंट्स ज्यादातर सोचते हैं कि जो सब्जेक्ट ग्रेजुएशन में लिया है उसी से सिविल परीक्षा देना आसान है। लेकिन ऐसा होता नहीं है। कई बार ग्रेजुएशन का सब्जेक्ट ही ले लेना बैक फायर कर जाता है। जब IAS एग्जाम में कोई सवाल आता है, तो स्टूडेंट्स अपने ग्रेजुएशन में पढ़ी सारी जानकारी को पेपर में लिखने की कोशिश करते हैं।

यही चीज IAS एग्जाम के लिए ठीक नहीं है। यही ज्ञान की अधिकता अच्छे मार्क्स दिला पाने में बाधक बन जाती है। इसलिए ग्रेजुएशन के और एग्जाम के सब्जेक्ट्स में बैलेंस बनाना जरूरी है। साथ ही ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनते वक्त यह ध्यान में रखना चाहिए कि किसका स्टडी मटेरियल आसानी से मिल जाएगा।

सवाल- 5: कई बार स्टूडेंट्स के पास जो सब्जेक्ट होता है, उसमें कम्पटीशन ज्यादा होता है। तो उन्हें सब्जेक्ट बदलने की सलाह दी जाती। ये कितना सही है?
जवाब: ऐसा नहीं करना चाहिए। हमेशा सब्जेक्ट अपने इंटरेस्ट के हिसाब से सिलेक्ट करना चाहिए। ऐसे सब्जेक्ट, जिसे कम लोग देते हैं, उनका स्टडी मटेरियल मिलने में दिक्कत आती है। साथ ही इस स्टेज पर स्टूडेंट्स को ठोस निर्णय लेने चाहिए जिन्हें बार-बार बदलना ना पड़े।

सवाल- 6: क्या कोई स्पेसिफिक किताबें हैं, जिन्हें तैयारी करने के लिए पढ़ना जरूरी है?
जवाब: ऐसी कोई स्पेसिफिक किताब ना UPSC कहता है ना ही हम लोग मानते हैं। सभी टॉपर्स की अपनी बुक लिस्ट है। उनका अपना तरीका है। इसलिए आप जो भी पढ़ रहे हैं, वो प्रेजेंट कैसे करते हैं यह ज्यादा जरूरी है।

सवाल- 7: अगर एग्जाम क्लियर हो जाता है, तो इंटरव्यू की तैयारी किस तरह करें?
जवाब: UPSC के इंटरव्यू को ‘पर्सनालिटी टेस्ट’ कहा जाता है। इसमें कोई स्पेशल तैयारी काम नहीं आती है। यहां आपकी पर्सनालिटी देखी जाती है, जो आपने पूरी जिंदगी में बनाई होती है। कुछ महीनों में पर्सनालिटी सही कर पाना मुश्किल होता है। इसलिए जिस दिन से तय करें कि UPSC की परीक्षा देनी है, उसी दिन से अपनी पर्सनालिटी पर भी काम करना शुरू कर दें। सबसे बड़ी बात ये है कि आपको टेस्ट के दौरान कॉन्फिडेंट नजर आना है। अगर आप घबराएंगे नहीं, तो यह टेस्ट पास करना आसान हो जाएगा।

सवाल- 8: इंटरव्यू क्लियर कर लिया, तब LBSNAA में क्या होता है? किस तरह की ट्रेनिंग कराई जाती है?
जवाब: LBSNAA में अलग-अलग फील्ड्स के सफल लोग आते हैं। लेक्चर्स होते हैं। हर फील्ड के बारे में जानकारी दी जाती है। साथ ही जो चीजें सिविल एग्जाम के सिलेबस में नहीं हैं, लेकिन IAS बनने के बाद उनके बारे में जानना जरूरी है, वो पढ़ाया जाता है।

इसके अलावा फिजिकल ट्रेनिंग को LBSNAA में बहुत इंपॉर्टेंस दी जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि पढ़ाई करके एग्जाम तो पास कर लिया, लेकिन आगे काम के लिए नॉलेज के साथ फिजिकली फिट होना भी बहुत जरूरी है। कई लोग यही भ्रम फैलाते हैं कि पहली बार में सिलेक्शन नहीं होता है। इसलिए स्टूडेंट्स भी यही मानकर तैयारी करने लगता है। अगर आपने सोच लिया है कि आप सिलेक्ट नहीं होंगे, तो कोई भी चीज आपको एग्जाम पास नहीं करा पाएगी।

सवाल- 9: एक धारणा है कि फर्स्ट अटेम्प्ट में एग्जाम क्लियर नहीं होता। ये कितना सही है?
जवाब: मेरे हिसाब से ये सोच एकदम गलत है। क्योंकि मैंने खुद पहले अटेम्प्ट में ही IAS की परीक्षा पास की है। मैं भी तैयारी के दिनों में जब टीचर्स से बात करता, तो वो कहते थे कि एक बार में एग्जाम क्लियर करना मुश्किल है। अगर तुमने प्रिलिम्स भी क्लियर कर लिया, तो ये एक अचीवमेंट होगा।

यह सुनकर मैंने ठाना कि मुझे पहली बार में एग्जाम पास करना है और मैंने किया भी। ऐसे कई बच्चे हैं, जो पहले अटेम्प्ट में एग्जाम क्लियर कर लेते हैं। मेरा बस इतना ही कहना है कि पहले अटेम्प्ट में एग्जाम क्लियर करना ज्यादा आसान है। क्योंकि, आप पहली बार में अपनी पूरी ताकत लगाते हैं। साथ ही हमारा यह मोटो है कि फर्स्ट अटेम्प्ट इज बेस्ट अटेम्प्ट।’ आप जितनी बार एग्जाम देंगे पिछले एग्जाम की असफलताएं आप के ऊपर हावी होती जाएंगी। इसलिए आगे में अटेंप्ट्स में आपको पहले से बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।

सवाल- 10: अगर तैयारी करने के बाद भी सिलेक्शन नहीं होता है, तो दूसरा ऑप्शन क्या है?
जवाब: सबसे पहले स्टूडेंट्स को सही गाइडेंस में मैक्सिमम 3 साल तैयारी और 2 बार अटेम्प्ट देना चाहिए। इसके बाद अगर स्टूडेंट्स को लगता है कि उन्होंने अपना 100% दिया, फिर भी एग्जाम पास नहीं कर पाए। तो दूसरा ऑप्शन देख लेना चाहिए।

मुझे नहीं लगता कि IAS के लिए इससे ज्यादा साल तैयारी करने की जरूरत पड़ती है। अगर आपका इतने वक्त में सिलेक्शन नहीं हुआ, तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि आपके व्यक्तित्व में और इस एग्जाम की डिमांड में थोड़ा मिसमैच है। आप गलत फील्ड में हैं और आपको आगे दूसरे रास्ते देखने चाहिए।

साथ ही कई स्टूडेंट्स ऐसे भी हैं, जिन्होंने सब अटेंप्ट्स दे लिए और उनकी उम्र भी निकल गई। ऐसे स्टूडेंट्स स्टेट PCS के कुछ एग्जाम्स दे सकते हैं। साथ ही इस समय सरकार कई योजनाओं में ऐसी ऑपर्च्युनिटी दे रही है, जो नए और पुराने, दोनों ही तरह के IAS एस्पिरेंट्स के लिए बढ़िया रास्ते हैं।

  • यह तो थे IAS योगेश मिश्रा से पूछे गए सवाल और उनके जवाब। अब आगे IAS एग्जाम से जुड़ी कुछ जरूरी बातों को जान लेते हैं।

UPSC एग्जाम में क्लियर करनी होती हैं 3 स्टेज ….

प्रिलिमिनरी: इसमें 200-200 नंबर के 2 पेपर होते हैं। दोनों पेपर मल्टीपल टाइप सवालों के होते हैं। मतलब, क्वेश्चन पेपर में एक सवाल और चार जवाब दिए गए होंगे। उनमें से आपको सही उत्तर का चुनाव करना है। फाइनल मेरिट में प्रीलिम्स के नंबर नहीं जुड़ते हैं।

मेन्स: प्री की परीक्षा पास करने के बाद ही मेन्स का एग्जाम देने को मिल सकता है। मेन्स एग्जाम में 9 पेपर होते हैं। हर साल 8 से 10 लाख स्टूडेंट्स IAS एग्जाम के लिए आवेदन करते हैं। उनमें से 50% यानी 5 लाख लोग प्री एग्जाम देते हैं। इन 5 लाख में से 18 से 22 हजार लोग एग्जाम पास करके मेन्स का एग्जाम लिख पाते हैं। ज्यादातर यही होता है कि स्टूडेंट्स प्री का एग्जाम तो पास कर लेते हैं। लेकिन कई अटेम्प्ट्स के बाद भी मेन्स का एग्जाम पास नहीं कर पाते। इस एग्जाम को पास करने के लिए बहुत तगड़ी पढ़ाई की जरूरत होती है।

इंटरव्यू: जो स्टूडेंट्स मेन्स का एग्जाम पास कर लेते हैं। उन्हें इंटरव्यू की तैयारी करनी होती है। इंटरव्यू में जनरल नॉलेज और करंट अफेयर्स से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। आमतौर पर भर्तियों की संख्या से दोगुने स्टूडेंट्स इंटरव्यू के लिए चुने जाते हैं। उनमें से आधे लोगों का सिलेक्शन होता है। सालभर में 800 से 1000 पदों के लिए भर्ती निकाली जाती है। जिसमें 150 के करीब IAS की पोस्ट होती है। इंटरव्यू पास करने के बाद सिलेक्टेड ऑफिसर्स को ट्रेनिंग के लिए LBSNAA यानी लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन भेजा जाता है। ट्रेनिंग के बाद आपको पोस्टिंग दी जाएगी और आप IAS अधिकारी बन जाएंगे। सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर के अलावा यूपी के इलाहाबाद और लखनऊ शहर सबसे बेहतर ऑप्शन हैं।

कौन-कौन कहलाता है IAS अधिकारी?
कमिश्नर, डिवीजनल कमिश्नर, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, जॉइंट कलेक्टर, चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर ये सभी IAS अधिकारी होते हैं।

इन सब के अलावा स्टेट गवर्नमेंट सेक्रेटरिएट या सेंट्रल गवर्नमेंट सेक्रेटरिएट में पोस्ट होने वाले अंडर सेक्रेटरी इन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, डिप्टी सेक्रेटरी इन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, डायरेक्टर इन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, जॉइंट सेक्रेटरी टू गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, सेक्रेटरी टू गवर्नमेंट ऑफ इंडिया और कैबिनेट सेक्रेटरी भी IAS अधिकारी होते हैं।

SC/ST कैटेगरी के स्टूडेंट सबसे ज्यादा उम्र तक बन सकते हैं अधिकारी
सरकार ने IAS अधिकारी बनने के लिए अगल-अलग कास्ट कैटेगरी के लिए अलग-अलग एज लिमिट निश्चित कर रखी है।

जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स 21 से 30 की उम्र तक IAS अधिकारी बन सकते हैं। ओबीसी कैटेगरी के स्टूडेंट्स 21 से 33 की उम्र तक IAS अधिकारी बन सकते हैं। एससी/एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट्स 21 से 35 की उम्र तक IAS अधिकारी बन सकते हैं।

आखिर में परीक्षा से जुड़ी सब जानकारियों के बाद आप योगेश मिश्रा और उनके तीन भाई बहनों के सिविल परीक्षा पास करने की पूरी कहानी यहां पढ़ सकते हैं…

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