ग्वालियर शहर में राहगीरों के चलने के लिए बने फुटपाथ अब दुकानदारों, हाथ ठेलों, फुटपाथी व फड़ वालों की गिरफ्त में आ गए हैं। निगम के मदाखलत अमले का ध्यान सिर्फ प्रमुख बाजारों की तरफ रहता है, जबकि ये दुकानदार हर उस सड़क किनारे बैठते हैं, जहां फुटपाथ बने हुए हैं। शहर में रेसकोर्स रोड, बिरला नगर, हाट बाजार भैंस मंडी, बेटी बचाओ चौराहा, मुरार, घासमंडी, गुढ़ागुढ़ी का नाका, कंपू व सिकंदर कंपू सहित अन्य क्षेत्रों में यही स्थित है।

शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा पर सुभाष मार्केट, नजरबाग मार्केट, गोलंबर के पास, टाउन हाल, थाटीपुर मयूर मार्केट, सदर बाजार, हजीरा, किला गेट, जीडीए कार्यालय के पास, फूलबाग, डीडी माल के सामने, गुढ़ा-गुढ़ी का नाका सब्जी मंडी, एसएएफ ग्राउंड रोड, सिटी सेंटर, माधव नगर एजी आफिस के सामने, सराफा बाजार, लक्ष्मीगंज मंडी, छत्री मंडी के पास, सिकंदर कंपू, कंपू क्षेत्र केआरजी के पास सहित अन्य स्थानों पर अवैध रूप से फुटपाथों पर कब्जा हो चुका है। लोगों का कहना है कि यदि शहर को अतिक्रमण से मुक्त बनाना है, तो मदाखलत अमले को सक्रिय करने के साथ ही इस मामले में सख्ती बरतनी होगी। इस मामले में अक्सर मदाखलत अमले पर मिलीभगत के आरोप लगते रहते हैं, लेकिन पिछले दिनों इसके साक्ष्य भी सामने आए। एक व्यापारी ने सीधे नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल को आडियो रिकार्डिंग भेजी। इसमें ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के मुरार में एक गन्ने की दुकान से फड़ संचालन के नाम पर पांच हजार रुपए मांगने का एक आडियो आयुक्त के पास पहुंचा। इसके बाद नगर निगम आयुक्त ने तत्काल मदाखलत निरीक्षक सुघर सिंह को निलंबित कर दिया था। इसके बाद भी मदाखलत के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा मिलीभगत कर शहर के अलग-अलग हिस्सों में अवैध रूप से फुटपाथोंं पर फड़ों से लेकर हाथ ठेले लगवाए जा रहे हैं। इसके बावजूद आला अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।