भोपाल। देर रात तक खुलने वाली शराब दुकानों को लेकर सामाजिक क्षेत्र के लोग तो खिलाफ हैं ही, प्रदेश के मंत्री भी चाहते हैं कि शराब दुकानों को बंद करने का समय रात नौ बजे से 10 के बीच तक निर्धारित किया जाए। शराब दुकान जल्दी बंद होने से सामाजिक वातावरण भी बेहतर होगा और कानून व्यवस्था बेहतर रहेगी।

युवतियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आईं

मध्य प्रदेश में रात 11.30 बजे तक शराब दुकानें खुलने की वजह से लोग दुकानों के गिर्द-गिर्द ही शराब पीते हैं और नशे की हालत में असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। कई बार शराबियों द्वारा युवतियों से छेड़छाड़ जैसी घटनाएं भी देखने में आई हैं। मंत्रियों ने एक स्वर में कहा है कि शराब दुकानों और बाजार बंद होने का एक निश्चित समय होना चाहिए, उन्होंने कहा कि यह विषय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान में लाएंगे।

शराब या नशाबंदी को लेकर जनजागरण होना चाहिए, लोगों की मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। पहले मेरे पास नशाबंदी वाला सामाजिक न्याय विभाग था, आप शराबबंदी के बैनर पोस्टर लगा भी लें तो कुछ नहीं होना है। नशाबंदी को सरकार को प्राथमिकता में रखना होगा। इसको लेकर लगातार प्रयास किए जाने चाहिए, तभी प्रदेश को नशा मुक्त करने में सफलता मिलेगी। शराब दुकानों के बंद होने के समय को लेकर भी विचार किया जाना चाहिए, साढ़े 11 की जगह 10.30 बजे शराब दुकानें बंद की जाएं। – गोपाल भार्गव, मंत्री लोक निर्माण विभाग

शराब दुकानों के बंद होने का समय निर्धारित होना चाहिए। देर रात (11.30) तक शराब दुकानें खुलने से अव्यवस्था तो होती ही है। – ओम प्रकाश सखलेचा, मंत्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी

शराब दुकानें अधिकतम दस बजे तक बंद हो जानी चाहिए। – ओपीएस भदौरिया, राज्य मंत्री नगरीय विकास एवं आवास

यह समाज को प्रभावित करने वाला एक गंभीर विषय है। शराब दुकानें अधिकतम आठ बजे तक बंद हो जानी चाहिए। देर रात तक दुकानें खुली रहने से आम लोगों को परेशानी होती है। मैं उचित स्थान पर इस विषय को रखूंगा। – हरदीप सिंह डंग, मंत्री नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण

शराब दुकानों के संचालन को लेकर एक निश्चित समय निर्धारित होना चाहिए। बाजार बंद होने के साथ ही शराब दुकानें भी बंद होनी चाहिए। मैं मुख्यमंत्री जी के समक्ष इस विषय को रखूंगा। – बृजेंद्र प्रताप सिंह, खनिज साधन मंत्री