दो साल में तय नहीं हो पाया वेंटिलेटर का इस्तेमाल कहां करें, खा रहे हैं धूल
ग्वालियर. कोरोना काल में सबसे ज्यादा वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी थी। वेंटिलेटर न मिलने से कई लोगों की जान भी गई। इसको देखते हुए सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर बढ़ाने के लिए विशेष जोर दिया गया।
कोरोना काल में सबसे महत्वपूर्ण ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर ही था, लेकिन अब अनुपयोगी रखे ….
कोरोना काल में खरीदे गए वेंटिलेटर दो साल बाद भी अब धूल खा रहे हैं। सरकार ने 2021 में जीआरएमसी में 216 वेंटिलेटर के साथ कई पलंग सहित जीवन रक्षक उपकरण भिजवाए थे। जिसमें से अधिकांश मशीनें आज भी धूल खा रही है। सिविल अस्पताल हजीरा में 13 वेंटिलेटर आए थे। जिनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। उधर जिला अस्पताल में आए 5 में से 3 वेंटिलेटर ऐसे हैं। जिन्हें इस्तेमाल में नहीं लिया गया है। ऐसे में कई वेंटिलेटर का तो एक साल का मेंटेनेंस कॉन्ट्रेक्ट तक खत्म हो चुका है।
ये वेंटिलेटर खा रहे धूल
● जीआरएमसी: 216 में से अभी भी 60 धूल खा रहे हैं।
● सिविल अस्पताल हजीरा: 13 में से सभी रखे हैं।
● जिला अस्पताल मुरार: 5 में से तीन रखे हैं।
216 वेंटिलेटर आए थे
जीआरएमसी में कोरोना काल में 216 वेंटिलेटर आए थे। जिनमें से कई को विभिन्न विभागों में भेजा गया है। कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ते देख आठ वेंटिलेटर पुराना टीवी वार्ड में दिए हैं। वहीं अभी कुछ वेंटिलेटर सुपर स्पेशलिटी में रखे हुए हैं।
डॉ. केपी रंजन, पीआरओ जीआरएमसी
आइसीयू में रखे हैं
कोरोना काल में इलाज के लिए आए 13 वेंटिलेटर इन दिनों इस्तेमाल न होने के कारण आइसीयू में रख दिए हैं। आइसीयू अभी शुरू नहीं होने से वेंटिलेटर वहीं पर रखे हुए हैं।
डॉ. पी. नायक, इंचार्ज हजीरा सिविल अस्पताल
आइसीयू में खा रहे धूल
सिविल अस्पताल हजीरा में आए 13 वेंटिलेटरों का इस्तेमाल नहीं होने के बाद अब उन्हें आइसीयू में रख दिया गया है। यहां पर आइसीयू तो बनकर तैयार हो गया, लेकिन डॉक्टर और स्टाफ न मिलने के कारण यह शुरू नहीं हो पाया। जिससे यह आइसीयू में धूल खा रहे हैं।
करोड़ों के वेंटिलेटर और बाईपेप काम नहीं आए
सरकारी अस्पतालों में कोरोना काल में मरीजों के इलाज के लिए करोड़ों के वेंटिलेटर और बाईपेप खरीदे गए थे। लेकिन दूसरी लहर के बाद इनको उपयोग ही नहीं हो सका। इसके चलते कई बाईपेप तो अब तक काम ही नहीं आए हैं।
कोविड आइसीयू में आठ वेंटिलेटर लगाए
जेएएच में 216 वेंटिलेटर आए थे। यह सभी वेंटिलेटर सुपर स्पेशलिटी में रखे गए। इनको सुविधा के आधार पर विभिन्न विभागों में भेजा जाता है। अभी कोविड आइसीयू में कोरोना को लेकर पुराने टीवी वार्ड में आठ वेंटिलेटर तैयार कराए गए हैं। वहीं आज भी सुपर स्पेशलिटी में 50 से 60 वेंटिलेटर धूल खा रहे हैं।