बजरंग-साक्षी समेत 109 लोगों पर FIR ..!
पहलवान दिल्ली से रवाना हुए, विनेश बोलीं- पुलिस ने पीछा किया, क्या हमारा एनकाउंटर चाहते हैं?
दिल्ली में नए संसद भवन के सामने महापंचायत में शामिल होने जा रहे पहलवानों और पुलिस के बीच रविवार को झड़प हुई। पुलिस ने महापंचायत की इजाजत नहीं दी थी। पहलवानों ने नई संसद तक जाने के लिए बैरिकेड्स भी तोड़ दिए। इसके बाद पुलिस से उनकी झड़प हुई। इसके बाद विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों को हिरासत में लिया गया।
इसके बाद पुलिस ने जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरना दे रहे पहलवानों के टेंट उखाड़ दिए। बजरंग, साक्षी और विनेश समेत 109 लोगों पर FIR दर्ज की गई है। इन पर दंगा फैलाने, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे आरोप हैं। इन मामलों में 7 साल तक कारावास का प्रावधान है।
पुलिस एक्शन के बाद विनेश ने आरोप लगाया कि जंतर-मंतर से जा रहे पहलवानों का पुलिस ने पीछा किया। सवाल करने पर सुरक्षा मुहैया कराने का हवाला दिया। विनेश बोलीं- क्या पता बृजभूषण ने ही अपने हथियारबंद लोग भेजे हों और हो सकता है हमारा एनकाउंटर करा दिया जाए।
महिला रेसलर्स ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं और वे उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से धरना दे रहे हैं।
विनेश का आरोप- रविवार शाम हमें छोड़ा गया, तब पुलिस कहां थी?
विनेश फोगाट ने सोमवार को कहा, “दिल्ली से पहलवान सामान लेकर वापस जा रहे थे तो पुलिस पीछे लग गई। पुलिस ने बताया कि पहलवानों को सिक्योरिटी देनी है। मैंने उनसे पूछा कि हमें रविवार शाम 7:30 बजे थाने से छोड़ा गया था, उसके बाद से ये PSO कहां थे। पीछा करने की क्या जरूरत है। क्या हमारा एनकाउंटर करना चाहते हो? हो सकता है कि पुलिस के भेष में ये बृजभूषण ने ही भेजे हों। सभी के पास हथियार थे। हो सकता है कि हमारा एनकाउंटर कर दिया जाए।”
साक्षी मलिक ने कहा- खिलाड़ियों के साथ हो रहा बर्ताव दुनिया देख रही
साक्षी मलिक ने कहा, “दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ FIR दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगाए। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है कैसे सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ बर्ताव कर रही है। हम वापस जंतर-मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे।”
पहलवानों पर कार्रवाई के बाद 3 बड़े बयान
1. देश अपमान नहीं भूलेगा: अखिलेश यादव
यूपी से सपा नेता अखिलेश यादव ने भी पहली बार पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने पहलवानों को हिरासत में लिए जाने का वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- सच्चे खिलाड़ियों का अपमान भाजपा की नकारात्मक राजनीति का खेल है। देश नारी का ये अपमान नहीं भूलेगा।
2. जरूरत हुई तो गोली भी मारेंगे: रिटायर्ड IPS अस्थाना
रिटायर्ड IPS डॉ. एनसी अस्थाना ने ट्ववीट कर लिखा- ज़रूरत हुई तो गोली भी मारेंगे। मगर, तुम्हारे कहने से नहीं। अभी तो सिर्फ कचरे के बोरे की तरह घसीट कर फेंका है। दफ़ा 129 में पुलिस को गोली मारने का अधिकार है। उचित परिस्थितियों में वो हसरत भी पूरी होगी। मगर वह जानने के लिये पढ़ा-लिखा होना आवश्यक है। फिर मिलेंगे पोस्टमार्टम टेबल पर!
3.सीने पर खाएंगे गोली: बजरंग पुनिया
बजरंग पुनिया ने अस्थाना को जवाब दिया- ये IPS ऑफिसर हमें गोली मारने की बात कर रहा है। भाई सामने खड़े हैं, बता कहां आना है गोली खाने… कसम है पीठ नहीं दिखाएंगे, सीने पे खाएंगे तेरी गोली। यही बाकी रह गया है अब हमारे साथ करना, तो यो भी सही।
पहलवानों के धरने में अब तक क्या हुआ…
- 18 जनवरी 2023 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
- 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
- 23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
- 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉस्को एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
- 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
- 7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
- 21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
- 26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरनास्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
- 28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।