और कितनी मौतों का इंतजार है …. सरकार ….?
हुजूर! और कितनी मौतों का इंतजार है…:
इंदौर हादसे के बाद भी जिला और नगर निगम के अफसर नहीं जागे। सिर्फ कुएं-बावड़ियों का सर्वे कराकर छोड़ दिया गया। इसके चलते संजय नगर स्थित मूला जी की खोह के कुएं में नाबालिग पैर फिसलने से गिर गया और उसकी मौत हो गई। ग्वालियर में सिर्फ महाराज बाड़ा स्थित धर्मपुरी मंदिर स्थित कुएं के भराव के लिए जिम्मेदार अफसरों ने खास रुचि दिखाकर उसे भरवा दिया, जबकि शहर के अन्य कुओं में नहीं। जबकि हकीकत में वर्तमान में खुले कुएं खतरनाक हो चुके हैं। जिला प्रशासन ने निगम से सर्वे कराया था। उसमें 3032 कुएं-बावड़ी में से 1242 का ही सर्वे हो सका था। इसमें से 300 भयप्रद स्थिति में हैं।
…सोमवार ने मूला जी की खोह के कुएं में घटित हादसे के बाद खतरनाक कुओं की हकीकत को देखा। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का कहना है कि एसडीएम आदेश दे चुके हैं, कुआं-बावड़ी को सुरक्षित करने का जिम्मा निकायों का है। निगम के सिटी प्लानर को मंगलवार से कार्रवाई के लिए कहा है। निगम आयुक्त हर्ष सिंह का कहना है कि भयप्रद कुओं को सुरक्षित करने के लिए जल्दी एक्शन लेंगे।
देखिए… कहां पर किस हालात में कुएं
- कमानी पुल स्वर्ण रेखा के बगल में- यहां सोमवती जाटव के मकान के सामने कुआं है। यह सड़क के लेबल पर है।
- विवि थाने के पास- विवि थाने को जाने वाले मार्ग के बगल में अंधा कुआं खुला पड़ा है।
- टोपे वाला मोहल्ला- यहां पर पुराना कुआं बना हुआ है। यहां पर लोहे की रेलिंग डली है। लेकिन उसके सरियों में जंग लग चुकी है।
- सायबा की बगिया- मंदिर क्षेत्र में कुआं बना हुआ है। उसके ऊपर लोहे की जाली के नाम पर सिर्फ कूलर में लगने वाली जाली के तार डले हुए हैं, जिनसे कभी भी हादसा हो सकता है।
इधर… 16 घंटे बाद कुएं के मुहाने को कराया बंद
संजय नगर स्थित मूला जी की खोह स्थित प्रांगण में गत दिवस एक बालक की कुएं में गिरने से मौत हो गई थी। इस कुएं के मुहाने को सोमवार को दोपहर 2 बजे घटना के 16 घंटे बाद निगम के अफसरों ने जेसीबी की मदद से फर्शी पत्थर रखवाकर बंद करा दिया है। एसडीएम विनोद सिंह का कहना है कि कुएं का भराव करने के लिए निगम से कह दिया है।