अवैध कॉलोनियों को वैध करने पर जोर ..?

4 माह में सिर्फ 5 कॉलोनियों के ले-आउट तैयार, वैध करने में कितना खर्चा आएगा, इसमें उलझे इंजीनियर

एक ओर भले ही प्रदेश सरकार शहरी क्षेत्र में बसी अवैध कॉलोनियों को वैध करने पर जोर दे रही है। जबकि दूसरी ओर भिंड नगरपालिका इस मामले में रुचि नहीं ले रही है। परिणामस्वरुप शहर में अवैध कॉलोनियों को वैध किए जाने की कार्रवाई कछुआ गति से चल रही है। पिछले चार महीने में भिंड नगरपालिका सिर्फ पांच कॉलोनियों का ले-आउट तैयार कर पाई है।

लेकिन इन कॉलोनियों को वैध करने में कितना खर्चा आएगा, इसका जोड़ घटना भी चल रहा है। हालांकि नगरपालिका अफसरों का कहना है कि 30 जून तक यह कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी। बता दें कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने सरकार ने हाल ही 31 दिसंबर 2022 तक की अवैध कॉलोनियों को सर्वेक्षण जल्द करने के निर्देश दिए हैं।

इससे पहले सरकार ने वर्ष 2016 तक बसी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए सभी निकायों को आदेश जारी किया था। इसके तहत भिंड नगरपालिका ने जनवरी महीने के अंतिम सप्ताह में वर्ष 2016 तक शहर में बसी 37 अवैध कॉलोनियों को चिंहित करते हुए उनके वैध किए जाने की कार्रवाई शुरु की थी। लेकिन यह कार्रवाई इतनी गति से चल रही है कि पिछले चार महीने में 37 में से सिर्फ पांच कॉलोनियों का ले-आउट तैयार हो पाया है।

रहवासियों काे उठाना होगा वैध करने का खर्च
नगरपालिका ने अभी जिन पांच कॉलोनियों का ले-आउट तैयार किया है, उनमें एक बात जरूर साफ हो गई है कि इन कॉलोनियों को अवैध से वैध करने में जो खर्चा आएगा वहा रहवासियों को ही उठाना होगा। वजह यह है कि नगरपालिका को वर्ष तक 2016 तक अस्तिवत्व में आई किसी भी अवैध कॉलोनी को काटने वाला कॉलोनाइजर नहीं मिला है, जिससे कॉलोनियों को वैध करने के लिए उसमें होने वाले विकास का भार स्थानीय लोगों को ही झेलना होगा।

खर्च जोड़ने में लगे इंजीनियर
वर्ष 2016 तक शहर में बसी 37 कॉलोनियों में पांच कॉलोनियों का ले-आउट भले ही तैयार हो गया है। लेकिन इन्हें वैध करने में कितना खर्चा आएगा, इस गणित में अभी भी नगरपालिका के इंजीनियर उलझे हुए हैं। बताया जा रहा है कि ले-आउट बनने के बाद नगरपालिका के सामने यह तो आ गया है कि किस कॉलोनी में क्या क्या सुविधाएं हैं और उन्हें क्या-क्या देना है। लेकिन इन सुविधाओं पर कितना खर्चा आएगा, इसका जोड़ घटाना अभी चल रहा है। वहीं इस राशि के सामने आने के बाद ही अवैध कॉलोनी में निवास करने वाले रहवासी को पता लग पाएगा कि उनकी कॉलोनी के वैध होने के लिए उन्हें कितना शुल्क अदा करना पड़ेगा।

इन कॉलोनियों का तैयार हुआ ले-आउट
बताया जा रहा है कि भिंड नगरपालिका इंजीनियर्स की टीम ने शहर के नबादा बाग, डाक बंगला, भीम नगर, सीता नगर और कुम्हरौआ रोड पर बसी कॉलोनी को वैध करने के लिए उनका ले-आउट तैयार किया है। इस ले-आउट में किस कॉलोनी में कितनी सड़कें हैं, उन सड़कों की कितनी लंबाई चौड़ाई है और उन पर कितने मकान बने हैं व कितने खाली पड़े हैं। इसके अलावा पार्क आदि हैं अथवा नहीं। यह पूरा नक्शा रहता है। नगरपालिका अफसरों की मानें तो इन पांच कॉलोनियों के ले-आउट का इस सप्ताह में प्रकाशन कर दिया जाएगा।

अवैध कॉलोनियों के सर्वे के लिए दल गठित
एक ओर भिंड नगरपालिका वर्ष 2016 तक अस्तित्व में आई अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई अब तक पूरी नहीं कर पाई है। वहीं दूसरी ओर सरकार से नए निर्देश मिलने के बाद 31 दिसंबर 2022 तक अस्तित्व में आई अवैध कॉलोनियों के सर्वे के लिए नगरपालिका ने दल गठित कर दिए हैं। साथ ही इन दलों को जून महीने के अंत तक सर्वे पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

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