गैर मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल का विज्ञापन करने पर केस ..

गैर मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल का विज्ञापन करने पर केस …

– कोर्ट के आदेश पर जस्ट डायल और सुलेखा डॉट कॉम कंपनी के खिलाफ पुलिस ने की कार्रवाई
नोएडा। गैर मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल का विज्ञापन करने के आरोप में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने जस्ट डायल और सुलेखा डॉट कॉम कंपनी के के खिलाफ फेज एक थाने में केस दर्ज किया है। पुलिस को दी गई शिकायत में लखमेंद्र सिंह ने बताया कि वह ग्रेटर नोएडा के बीटा दो में प्रोपराईटर ड्राइविंग स्कूल चलाते हैं, जो परिवहन विभाग से मान्यता प्राप्त है। इन दिनों शहर में बड़ी संख्या में लोग गैर मान्यता प्राप्त स्कूल चला रहे हैं। यह लोग ट्रैफिक और परिवहन विभाग के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। जस्ट डायल कंपनी में अपने फोन नंबर देकर विज्ञापन करा रहे हैं। लोगों से वाहन सिखाने के नाम पर मोटी कीमत वसूल रहे हैं। उन्होंने अपने अन्य सथियों के साथ जस्ट डायल कंपनी को गैर मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूल संचालको की पहचान कर उनको हटाने के लिए नोटिस दिया था। लेकिन कंपनी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की। सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली। थाना प्रभारी ध्रुव भूषण दुबे ने बताया मामले में कोर्ट के आदेश पर जस्ट डायल और सुलेखा डॉट कॉम के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।जिले में 12 मोटर ट्रेनिंग स्कूल हैं पंजीकृत

जिले में केवल 12 मोटर ट्रेनिंग स्कूल पंजीकृत हैं। वहीं जस्ट डायल के प्लेटफार्म पर अवैध स्कूलों की संख्या 100 से भी अधिक है। लखमेंद्र ड्राइविंग स्कूल के संचालक लखमेंद्र सिंह ने बताया कि आमतौर पर लोगों को मोटर ट्रेनिंग स्कूलों से ड्राइविंग सीखनी होती है तो वह गूगल के जरिए अपने नजदीकी स्कूल को सर्च करते हैं। सर्च करने पर जस्ट डायल से 100 से अधिक स्कूलों की जानकारी मिल जाती है। ऐसे में वाहन सीखने वाले लोग इन गलत स्कूलों के झांसे में आकर कई तरह की घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। अवैध स्कूल प्राइवेट नंबर से गाड़ी चलाना सिखाते हैं। साथ ही इनमें सुरक्षा की भी कोई जिम्मेदारी संचालकों की नहीं होती। इसके कारण जिले के वैध संचालकों को कई तरह के नुकसान झेलने पड़ रहे हैं।

पैसे लेकर गलत विज्ञापन करने का आरोप

लखमेंद्र सिंह ने बताया कि जस्ट डायल के कर्मचारी कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी मौजूद नहीं होते थे। यह कंपनी विज्ञापन का काम करती है। पैसा लेकर विज्ञापन करना इसका काम है। इन मोटर ट्रेनिंग स्कूलों से कंपनी को खासा पैसा मिल रहा था। ऐसे में कई बार चेतावनी जारी करने के बाद भी कंपनी ने इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की। यह कंपनी पैसे लेकर गलत विज्ञापन प्रसारित कर रही है।

वैध मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालकों में खुशी

जिले के 12 मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के संचालक जिला न्यायलय के इस फैसले से काफी खुश हैं। उनका कहना है कि सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर कई तरह के काम कर रही है। वहीं, गैर मान्यता प्राप्त ड्राइविंग स्कूलों को लेकर ढिलाई कैसे बरत सकती है।

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