इंदौर  पिछले कुछ समय में प्लास्टिक सर्जरी का चलन काफी बढ़ा है। प्लास्टिक सर्जरी का भारत से गहरा रिश्ता है। प्राचीन भारतीय चिकित्सक और सर्जन सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक माना जाता है। प्लास्टिक वर्ड ग्रीक भाषा के प्लास्टिकोस से लिया गया है। इसका अर्थ मोल्ड करना होता है। लोगों को इसके बारे में जानकारी या तो कम है या अधूरी है, इसलिए हर वर्ष 15 जुलाई को विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य प्लास्टिक सर्जरी और इससे जुड़े मिथकों को तोड़ना है। यह आज के चिकित्सीय जगत में प्लास्टिक सर्जरी की अलग-अलग स्ट्रीम की अहमियत को समझने व समझाने की दिशा मे एक संयुक्त प्रयास है।

प्लास्टिक, कॉस्मेटिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जन डा. रवि बिलूनिया के अनुसार, लोगों को लगता है कि प्लास्टिक सर्जरी का उपयोग केवल सुंदर बनाने के लिए किया जाता है। जबकि इंफेक्शन, कैंसर, एक्सीडेंट, जलने या अन्य किसी कारण से शरीर के अंगों को हुए नुकसान पर भी प्लास्टिक सर्जरी की जाती है। इसका प्राथमिक उद्देश्य नष्ट हो चुके टिश्यू को पुनः सुधारना या रिप्लेस करना होता है। शरीर के हिस्सों के बनावट को सुधारना भी महत्वपूर्ण काम है।
इनके लिए होता है प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल

जन्म दोष के कारण होने वाली असामान्यता जैसे कि कटा होंठ व तालू, जुड़ी हुई अंगुलियां, पैदाइशी निशान का इलाज किया जाता है। कैंसर सर्जरी के पश्चात चेहरे, स्तन व शरीर के अन्य हिस्सों एवं गंभीर रूप से जले हुए रोगियों में शरीर के अन्य जगह से मांस व चमड़ी निकालकर ठीक किया जाता है। मोटर वाहन दुर्घटना के उपरांत कटी अंगुली, कटे हुए हाथ को माइक्रोवस्कुलर सर्जरी से जोड़ने के लिए व अन्य चोटों को ठीक करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है।

इनमें भी सर्जरी मददगार

कॉस्मेटिक सर्जरी में स्तन वृद्धि, अतिरिक्त चर्बी को कम करना, स्तन का आकार कम करना, ब्रेस्ट लिफ्ट, टमी टक सर्जरी, नितंब सुधार, पलकों में सुधार, नाक के आकार में सुधार, कान के आकार में सुधार, झुर्रियों में सुधार, माथे का कायाकल्प, ठोड़ी के आकार में सुधार, गाल के आकार में सुधार, त्वचा के जवां करने के लिए, मृत त्वचा को हटाना, बालों में सुधार, योनि के आकार में सुधार आदि प्रमुख हैं।