भिण्ड : नवीन जेल, जिसका अधूरा है निर्माण।
एजेंसी और अधिकारियों से 7.76 करोड़ की रिकवरी होती तो नहीं लेना पड़ता बजट ….
जेल निर्माण में लेटलतीफी और लापरवाही के चलते शासन ने एजेंसी और अधिकारियों पर निकाली थी रिकवरी …
भिण्ड. रतनूपुरा में निर्माणाधीन नवीन जेल का कार्य विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण पिछड़ गया है। पीडब्ल्यूडी मंत्रालय ने वर्ष 2016 में जेल का कार्य कर रही एजेंसी एजेंसी अवस्थी ब्रदर्श कंस्ट्रक्शन सहित तत्कालीन अधीक्षण यंत्री, मंडल अधीक्षण और तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पर जुर्माना लगाते हुए 7.76 करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली थी। लेकिन इस राशि की वसूली नहीं हो सकी है। विभाग यदि पूरी रिकवरी कर लेता तो अतरिक्त बजट की जरूरत नहीं पड़ती। बता दें निर्माण एजेंसी ने वर्ष 2006 में जेल का कार्य शुरू किया था। लेकिन वर्ष 2014 में आधा अधूरा काम छोड़ दिया। तब जेल के निर्माण की लागत 4.52 करोड़ रुपए थी, जो बाद में बढ़कर 8.38 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
4.52 करोड़ से 32.8 करोड़ हुई लागत
शहर से पांच किमी दूर रछेड़ी गांव के पास रतनूपुरा में नवीन जेल का निर्माण कार्य 15 साल में पूरा नहीं हो पाया है। निर्माण एजेंसी पीआईक्यू ने वर्ष 2006 में 4 करोड़ 52 लाख रुपए की राशि से निर्माण तय किया था, लेकिन निर्माण ठेकेदारों के समय पर कार्य न करने व विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण बार-बार टेंडर रिवाइज होने से जेल निर्माण की कीमत बढ़कर 32 करोड़ 8 लाख पहुंच गई है। कई महीनों से निर्माण कार्य बजट के अभाव में बंद है। अधिकारियों की मानें तो महज 6 माह का कार्य शेष है। लेकिन इसके बावजूद कार्य अधूरा है।
रतनूपुरा में निर्माणाधीन नवीन जेल का कार्य विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण पिछड़ गया है। पीडब्ल्यूडी मंत्रालय ने वर्ष 2016 में जेल का कार्य कर रही एजेंसी एजेंसी अवस्थी ब्रदर्श कंस्ट्रक्शन सहित तत्कालीन अधीक्षण यंत्री, मंडल अधीक्षण और तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पर जुर्माना लगाते हुए 7.76 करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली थी। लेकिन इस राशि की वसूली नहीं हो सकी है। विभाग यदि पूरी रिकवरी कर लेता तो अतरिक्त बजट की जरूरत नहीं पड़ती।
इन पर निकाली रिकवरी
नाम रिकवरी की राशि
अवस्थी ब्रदर्श कंस्ट्रेक्शन 3.25
कमलसिंह यादव, तत्कालीन अधीक्षण यंत्री 1.20 करोड़
कमलेश शर्मा, मंडल अधीक्षक पीडब्ल्यूडी 1.20 करोड़
पीडी वर्मा, तत्कालीन कार्यपालन यंत्री 2.11 करोड़
कुल रिकवरी 7.76 करोड़
2016 में निकाली थी रिकवरी
भोपाल की टीम ने वर्ष 2016 में जेल का निरीक्षण कर लापरवाह अधिकारी और एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जुर्माना तय किया। एजेंसी पर 3 करोड़ 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया। वहीं विभाग के तत्कालीन अधीक्षण यंत्री कमलसिंह यादव पर 1.20 करोड़ रुपए, मंडल अधीक्षण कमलेश शर्मा पर 1.20 करोड और तत्कालीन कार्यपालन यंत्री पीडी वर्मा पर 2.11 करोड़ की रिकवरी निकाली। इसमें अधीक्षण यंत्री यादव ने 1 करोड़ 12 लाख रुपए जमा किए हैं, बाकी लोगों ने विभाग वसूली करने में नाकाम रहा है। लगभग सात साल बाद भी रिकवरी की राशि वसूल नहीं हो पाई है।