नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुस्लिमों की आबादी काफी तेजी से बढ़ रही है। इससे देश की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लगा है।

पुलिस प्रशासन और अन्य संबंधित एजेंसियां इस पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना काल के बाद से रोहिंग्याओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। यही कारण है कि इनकी बसावट लगातार बढ़ रही है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश एटीएस ने जिस तरह से कार्रवाई की वैसी कार्रवाई राजधानी दिल्ली में भी होनी जरूरी है। दिल्ली में यदि इन्हें हटाया जाए तो यमुना का सारा खादर क्षेत्र खाली हो जाएगा, झुग्गी, बस्ती खत्म हो जाएंगी और अपराध का ग्राफ भी कम हो जाए, लेकिन राजनीतिक शरण से देश की सुरक्षा को ही दांव पर लगाया जा रहा है।

इन जगहों पर है रोहिंग्या व बांग्लादेशियों का ठिकाना

पुलिस सूत्रों की मानें तो दिल्ली के यमुना बाजार लोहे के पुल के आसपास बसी झुग्गी बस्तियों, बवाना, जहांगीरपुरी, सीमापुरी, आली गांव, दया बस्ती, सराय रोहिल्ला, यमुना पुस्ता, शशि गार्डन, सोनिया कैंप, संजय बस्ती, सोनिया विहार,शकरपुर, केशवपुरम, सीमापुरी रेलवे लाइन, विकासपुरी, नजफगढ़, भलस्वा डेयरी जेजे कालोनी, प्रेम नगर, केशव पुरम, कालिंदी कुंज के श्रम विहार आदि इलाकों में बहुतायत में रोहिंग्या व बांग्लादेशी रहते हैं।

  • छह मार्च 2021 : दिल्ली-एनसीआर में लूटपाट, डकैती की दर्जनों वारदातों को आंजाम दे चुके तीन बांग्लादेशी बदमाशों को दबोचा।
  • 22 अक्टूबर 2020 : राजधानी के कई इलाकों में एटीएम उखाड़कर ले जाने वाले तीन बांग्लादेशी बदमाशों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दबोचा।
  • छह अगस्त 2019 : जनवरी 2021 में कनार्टक में डकैती के दौरान कनार्टक के गृहमंत्री के एक रिश्तेदार की गला दबाकर हत्या करने वाले दो बांग्लादेशी बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया।
  • 24 नवंबर 2018 : देशभर में गत 18 वर्षों में 100 से अधिक संगीन आपराधिक वारदातों को अंजाम दे चुके पांच बांग्लादेशी बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया।
  • सात अगस्त 2018 : पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार इलाके में एक घर में डकैती डालने के मामले में छह बांग्लादेशी बदमाशों को गिरफ्तार किया।
  • 2017 में भी विभिन्न आपराधिक वारदातों में शामिल तीन बांग्लादेशी पकड़े गए।
  • 2016 में दिल्ली में विभिन्न आपराधिक वारदात में शामिल छह बांग्लादेशी बदमाश पकड़े ।
दिल्ली में कितनी है इनकी आबादी?

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों की अनुमानित संख्या पांच लाख के करीब है। रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2003 में बांग्लादेशी सेल का गठन का किया था। कुछ साल तक इसका सकारात्मक प्रभाव भी दिखा था।

कोरोना काल के बाद से दिल्ली में नहीं हुई पकड़ने की कार्रवाई
  • वर्ष 2003 में बांग्लादेशी सेल ने 50 हजार घुसपैठियों को पकड़ा था।
  • वर्ष 2005 से वर्ष 2010 के बीच 8300 रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठिए पकड़े गए।
  • वर्ष 2014 से 2018 तक बांग्लादेशी सेल ने 1134 घुसपैठिओं को पकड़ा। जिसमें सबसे अधिक उत्तर पूर्वी जिला पुलिस द्वारा 397 घुसपैठियों का पकड़ा था।
  • पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद कोरोना संकट के बीच इस तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई।
  • वर्ष 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की भूमिका सामने आई थी।
  • दिल्ली में 900 रोहिंग्या ही पंजीकृत हैं। अधिकारियों का दावा है कि ये मदनपुर खादर इलाके में शिविर में रहते हैं।
  • वर्ष 2022 में जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के मामले में भी बंग्लादेशियों के भूमिका सामने आई थी।

सेल के समय की सतर्कता

वर्ष 2003 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त अजय राज शर्मा ने हर जिले में एक-एक बांग्लादेशी सेल का गठन करवाया था। बांग्लादेशी सेल उन दिनों खूब सक्रिय थी। झुग्गियों में जाकर मुखबिरों से पता लगाकर उनकी धर पकड़ करते थे। वर्ष 2003 में बांग्लादेशी सेल द्वारा 50 हजार घुसपैठियों का पकड़ा गया था, लेकिन कुछ साल बाद ही उक्त सेल को बंद कर दिया गया। जिससे दिल्ली में घुसपैठियों की संख्या बढ़ती चली गई।

पकड़े गए रोहिंग्या व बांग्लादेशी
  • 24 जुलाई 2023- एटीएस मेरठ की टीम ने थाना धौलाना पुलिस के साथ मिलकर बड़ी कार्रवाई करते हुए गांव शेखपुर खिचरा में अवैध तरीके से रह रहे 16 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया।
  • 24 जुलाई 2023- लोनी से एटीएस ने चार रोहिंग्याओं को पकड़ा।
  • 29 अप्रैप 2022-धौलाना पुलिस ने अवैध रूप से रह रहे म्यांमार निवासी दो रोहिंग्या मुसलमान दिल मोहम्मद और फैयाज को गिरफ्तार किया।