इंदौर : एमआर 10 शहरी आवाम से जारी रहेगी टोल वसूली !
6 लेन का होगा एमआर 10 ब्रिज, शहरी आवाम से जारी रहेगी टोल वसूली
ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए दो लेन बढ़ाने की तैयारी, बीओटी पर ही होगा नया निर्माण, जनता भुगतेगी भार
इंदौर, एक और लवकुश चौराहे पर करीब पौने दो सौ करोड़ रुपए खर्च का डबल डेकर ब्रिज बनाने की योजना बनाना वाला इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) एमआर-10, कुम्हेड़ी ब्रिज का सिक्स लेन करने की तैयारी में है। करीब 13-14 साल पहले बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) पर करीब 12 करोड़ खर्च कर ब्रिज बनाने वाला आइडीए फिर इसी पॉलिसी पर काम करेगा जिससे शहरी आवाम को ब्रिज पर टोल टैक्स चुकाते रहना होगा।
एमआर-10 पर टोल बूथ पर कई बार विवाद हो चुके है। स्थानीय लोगों के गाड़ी पर दूसरे जिले का नंबर होने पर टोल पर रोक दिया जाता है जिसके कारण विवाद होते है। एक साल पहले कंपनी ने टोल वसूली के लिए फास्ट टैग मशीन लगा दी। फास्ट टैग से टोल वसूली शुरू हुई तो जमकर विरोध हुआ, जनप्रतिनिधियों ने हस्तक्षेप किया तो फास्ट टैग व्यवस्था को हटाना पड़ा था लेकिन बाहरी वाहनों से वसूली जारी है।
टॉपिक एक्सपर्टअतुल सेठ, आर्किटेक्ट
एम आर 10 पर कुम्हेड़ी के पास टोल टैक्स की वसूली पूरी तरह से अव्यवहारिक है। यहां आसपास बड़ी संख्या में कॉलोनी है, कॉलेज-नौकरी आदि के लिए लोगों को दिनभर गुजरना पड़ता है। ऐसे में टैक्स देना बहुत भारी पड़ेगा। एक ओर आइडीए शहर में सडक़ बनाने में 100 करोड़ तो ब्रिज बनाने में 200 करोड़ खर्च कर रहा है। ऐसे में 15-20 करोड़ के ब्रिज को बनाकर टोल टैक्स वसूलना शहर के साथ पूरी तरह से बेइमानी है। ब्रिज का विस्तार पुराने मॉडल पर करने को योजना आइडीए को बदलना होगा। शहर के लोग काफी समय से टोल वसूली का विरोध कर रहे है।
एमआर-10 रोड पर ट्रैफिक का दबाव लगातार बढ रहा है जिसे देखते हुए 4 लेन ब्रिज को 6 लेन करने की योजना बनाकर सर्वे कराया जा रहा है। पहले ब्रिज बीओटी आधार पर बना था इसलिए टोल टैक्स वसूला जा रहा है। अभी सर्वे करा लेते है फिर किस मॉडल पर काम करना है इसे बाद में तय कर लेंगे। जनता के हित को ध्यान में रखा जाएगा।