भोपाल । केरवा और कलियासोत डैम के कैचमेंट में बढ़ते अतिक्रमण से जल स्रोतों को नुकसान हो रहा है। रसूखदारों ने डैम के अंदर तक फार्म हाउस, रेस्टोरेंट व अन्य निर्माण कर लिए हैं। इनकी गंदगी भी डैम के पानी में मिल रही है। इस मामले में पर्यावरणविद् सुभाष सी पांडे ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई में जवाब देने के लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को तलब किया था। शुक्रवार को हुई आनलाइन सुनवाई में जब मुख्य सचिव शामिल हुए तो एनजीटी के न्यायाधीश ने पूछा कि केरवा और कलियासोत डैम के कैचमेंट क्षेत्र में हुए अतिक्रमण को लेकर अब तक क्या कार्रवाई की। जिस पर उन्होंने कहा कि हमने एक नंवबर 2021 को सुनवाई के दौरान जो रिपोर्ट एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत की थी, वही हमारा जवाब है। इस पर एनजीटी के न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप गोलमोल जवाब दे रहे हैं। एक जिम्मेदार अधिकारी होने के बावजूद ऐसी बात कर रहे हैं, इसलिए आपके अधिकारी भी आप जैसे ही हैं।
अधिकारियों पर भी जर्मुाना लगाने का प्रविधान
मुख्य सचिव के जवाब से असंतुष्ट एनजीटी की बेंच ने कहा कि हम आपके बयान से संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में इस मामले में पांच लाख रुपये का जुर्माना है। आपके अधिकारियों का ऐसा ही रवैया रहा तो एनजीटी के पास अधिकारियों के खिलाफ भी जुर्माने और सजा का प्रविधान है।
20 सितंबर को फिर होगी सुनवाई
इस मामले में भले ही शुक्रवार को सुनवाई हुई, लेकिन इसका आर्डर अभी जारी नहीं हुआ है। संभवत: सोमवार या मंगलवार को जारी किया जाएगा। वहीं, समुचित रिपोर्ट के साथ एनजीटी में अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए 20 सितंबर को फिर मुख्य सचिव को तलब किया गया है।
150 एकड़ में बाटनिकल गार्डन की जगह तन गए फार्म हाउस
बता दें किभोपाल मास्टर प्लान2005 के अनुसार डैम के 33 मीटर का क्षेत्र ग्रीन बेल्ट के लिए आरक्षित है। इसके आसपास करीब 150 हेक्टेयर भूमि पर बाटनिकल गार्डन बनाया जाना प्रस्तावित है। लेकिन यहां रसूखदारों ने हरियाली को काटकर बड़े-बड़े फार्म हाउस और रेस्टोरेंट तान दिए हैं।
डैम के किनारे संचालित हो रही डेयरी, बाघ भ्रमण क्षेत्र में रेस्टोरेंट
केरवा डैम के कैचमेंट क्षेत्र में डैम के किनारे तक अवैध कब्जा हो गया है। यहां चंदनपुरा गांव में करीब 80 हेक्टेयर जमीन पर दूध डेयरी का संचालन हो रहा है। करीब 200 से अधिक मवेशी रखे गए हैं। इनकी गंदगी भी पानी को दूषित कर रही है। यह इलाका बाघ भ्रमण क्षेत्र भी है, लेकिन यहां जंगल के अंदर तक रेस्टोरेंट का संचालन किया जा रहा है। जिससे वन्यजीवों पर भी प्रतिकूल असर हो रहा है। यही हाल कलियासोत डैम के कैचमेंट क्षेत्र का भी है।
याचिककर्ता ने 15 निजी अतिक्रमणों को भी किया शामिल
इस मामले में डा. सुभाष सी पांडे ने केरवा व कलियासोत डैमके आसपास हुए अतिक्रमण को लेकर जिम्मेदार प्रमुख नौ विभागों को उत्तरदायी बताया था। लेकिन एनजीटी ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि इस रिपोर्ट में अतिक्रमणकारियों को भी शामिल किया जाए। इसके बाद कलियासोत में नौ और केरवा डैम में छह बड़े अतिक्रमणों को चिह्नित कर पार्टी बनाया गया है। इन्हें नोटिस भी जारी किया जा चुका है। इसमें सपना सिंह देव, रीता राउत, राजेश वाधवानी, कुंवर राज यादव, शिक्षा महेंद्र सिंह, अर्जुन जाटव, ममता यादव, अवधेश अग्रवाल, ओमकार रिक्रिएशन, उमेश यादव, नीरज विजय, मनीष व्यास, मो. इब्राहिम खान व अन्य को नोटिस जारी किया गया है।