भोपाल। मध्‍यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां राजनीतिक दलाें के साथ ही चुनाव आयोग ने भी शुरू कर दी है। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने और हटाने का क्रम जारी है। जहां भाजपा के पास अपनी सरकार बचाए रखने की चुनौती है, तो डेढ़ साल में ही सत्‍ता से बाहर हुई कांग्रेस दोबारा सरकार बनाने के प्रयास में जुटी है, वहीं उम्‍मीद की जा रही है कि मध्‍य प्रदेश में नवंबर माह में चुनाव करवाए जा सकते हैं।

दरअसल, इन दिनों मध्‍य प्रदेश में मतदाता सूची का पुनरीक्षण जारी है, जिसमें नए मतदाताओं के नाम भी जोड़े जा रहे हैं। इसमें 1 अक्‍टूबर 2023 काे 18 साल की उम्र पूरी कर रहे लोग भी अपना नाम जुड़वा सकते हैं और वे इस विधानसभा चुनाव में वोट भी डाल सकेंगे। जाहिर सी बात है कि ऐसे में अक्‍टूबर माह तक ता चुनाव नहीं हो सकते। लिहाजा पूरी स्थिति को देखें तो नवंबर माह में ही चुनाव होने की उम्‍मीद जताई जा रही है।

4 अक्‍टूबर को प्रकाशित होगी अंतिम मतदाता सूची

मध्‍य प्रदेश की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 4 अक्‍टूबर को किया जाएगा। मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद चुनाव आयोग करीब 10 दिनों में आचार संहिता की घोषणा करता है। ऐसे में उम्‍मीद है कि मध्‍य प्रदेश में 15 अक्‍टूबर से पूर्व आचार संहित लग सकती है।

एक चरण में हुए थे चुनाव

मध्‍य प्रदेश में अंतिम विधानसभा चुनाव 2018 में हुआ था। 28 नवंबर को एक ही चरण में प्रदेश में चुनाव करवा दिए गए थे।

कांग्रेस बनी थी सबसे बड़ी पार्टी

2018 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और सपा, बसपा और अन्‍य के साथ मिलकर कांग्रेस ने सरकार बनाई थी। चुनाव परिणाम में कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि 15 सालों तक सत्‍ता में रही भाजपा को 109 सीटों पर जीत मिली। इधर, बसपा ने 2, सपा ने 1 और अन्य ने 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी

फिर बनी भाजपा सरकार

मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस अपनी सरकार सिर्फ डेढ़ साल तक ही चला पाई और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। जिसके बाद कमल नाथ को अपने पद से इस्‍तीफा देना पड़ा था और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्‍व में वापस भाजपा की सरकार बनी थी।