प्रोफेसरों को बाबूगिरी पसंद है ? 2 लाख वेतन, फिर भी पढ़ाना अच्छा नहीं लगता

प्रदेश के 50 से ज्यादा प्रोफेसर-असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेज छोड़ मंत्रालय-संचालनालय में डटे

2 लाख वेतन, फिर भी पढ़ाना अच्छा नहीं लगता

भोपाल. कॉलेजों में विद्यार्थियों को तालीम देने वाले प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफसरों को पढ़ाना अच्छा नहीं लग रहा। उन्हें बाबूगिरी ही पसंद आ रही है। प्रदेशभर के कॉलेजों में 6500 प्रोफसरों के पद खाली हैं। इसके बावजूद उच्च शिक्षा विभाग ने बाबूगिरी की चाहत रखने वाले प्रदेश के 50 से ज्यादा प्रोफसरों व असिस्टेंट प्रोफेसरों को संचालनालय (सतपुड़ा भवन), वल्लभ भवन (मंत्रालय) और प्रशासनिक अकादमी समेत अन्य दफ्तरों में बरसों से अटैच कर रखा है। कुछ प्रोफेसरों को तो एक से अधिक पदों का जिम्मा दिया गया है। नतीजा, कॉलेज शिक्षकों की कमी झेल रहे हैं और दो-दो लाख रुपए प्रति माह वेतन पाने वाले प्रोफेसर बाबूगिरी कर रहे हैं। इन प्रोफेसरों के वेतन पर हर माह 1 करोड़ रुपए फूंकने के बाद भी कॉलेजों में नियमित कक्षाएं नहीं लग रहीं।

सप्ताह में 14 घंटे कक्षा लेना जरूरी

कॉलेज छोड़ संचालनालय, मंत्रालय और अन्य दफ्तरों में डटे प्रोफसरों के कारण पढ़ाई के साथ शोध कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। नियमानुसार, कॉलेजों में प्रोफेसर को सप्ताह में 14 घंटे कक्षा लेना जरूरी है। असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए यह समय 16 घंटे का तय है।

कई तो 20-20 साल से प्रतिनियुक्ति पर

कई प्रोफेसर 20 साल से भी ज्यादा समय से प्रतिनियुक्ति पर हैं। जानकारों की मानें तो उच्च शिक्षा विभाग समेत अन्य दफ्तरों में जो काम उन्हें दिए गए हैं, उसे सामान्य बाबू से भी करवाए जा सकते हैं। कई तो ऐसे हैं, जिनका प्रोबेशन पीरियड भी पूरा नहीं हुआ था।

जानिए…कौन कहां प्रतिनियुक्त पर और उनकी मूल पदस्थापना कहांये प्रोफेसर सतपुड़ा भवन में तैनात

प्रोफेसर मूल पदस्थापना

दिभा मिश्रा: शासकीय गीतांजलि गर्ल्स पीजी कॉलेज, भोपाल

दीप्ती वैश्य: श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, भोपाल

ज्योति पंथी: श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, भोपाल

मुकेश नापित: श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, भोपाल

संतोष भार्गव: शासकीय भगत सिंह महाविद्यालय, जावरा

धीरेंद्र शुक्ला: शा. महात्मा गांधी स्मृति महाविद्यालय, इटारसी

जोनी यादव: एसजीएस कॉलेज, गंजबासौदा

धनश्याम चौकसे: एसजीएस कॉलेज, गंजबासौदा

अनिल राजपूत: शासकीय महाविद्यालय, सीहोर

राकेश श्रीवास्तव: मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय, भोपल

आलोक वर्मा: एमएलबी गर्ल्स पीजी कॉलेज, भोपाल

प्रो. गंगाराम गंगेले: शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उज्जैन

डॉ. ऊषा: सरोजनी नायडू पीजी गर्ल्स कॉलेज (नूतन)

पीके गुप्ता: सरोजनी नायडू पीजी गर्ल्स कॉलेज (नूतन)

अनुपमा रावत: सरोजनी नायडू पीजी गर्ल्स कॉलेज (नूतन)

इन पदों पर प्रतिनियुक्ति: ओएसडी, नोडल अधिकारी, असिस्टेंट ओएसडी, सहयोगी।

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