चुनाव में बागी बिगाड़ेंगे सियासी समीकरण !
चुनाव में बागी बिगाड़ेंगे सियासी समीकरण, इन हाईप्रोफाइल सीटों पर होगा त्रिकोणीय संघर्ष
चुनावी रण में कांग्रेस ने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है लेकिन उसकी कई सीटें ऐसी हैं। जहां टिकट से वंचित नामांकन फार्म खरीदकर बकायदा निर्दलीय मैदान में उतरने को तैयार हैं। यही हाल भाजपा का भी है। भाजपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दी है लेकिन कुछ सीटों पर असंतोष की लहर है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से उपजी नाराजगी अब चुनाव मैदान तक पहुंच गई है। चुनावी रण में कांग्रेस ने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है, लेकिन उसकी कई सीटें ऐसी हैं। जहां टिकट से वंचित नामांकन फार्म खरीदकर बकायदा निर्दलीय मैदान में उतरने को तैयार हैं। यही हाल भाजपा का भी है। भाजपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दी है, लेकिन कुछ सीटों पर असंतोष की लहर है।
दंतेवाड़ा में कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने पर ब्लॉक अध्यक्ष अमुलकर नाग को जिला कांग्रेस कमेटी ने निलंबित कर दिया है। वहीं अंतागढ़ में कांग्रेस से टिकट कटने के बाद बागी होकर चुनाव लड़ रहे विधायक अनूप नाग के समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक प्रतिनिधि सहित 29 लोगों ने प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। इस सीट पर बागी के चलते त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। त्यागपत्र देने वालों में कई कांग्रेस संगठन के जिम्मेदार पदाधिकारी भी है।
धमतरी से पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा को दावेदार माना जा रहा था। उनकी टिकट कट गई है। उन्हाेंने अपने निवास में रविवार को समर्थकाें सहित बैठक की, जिसमें कांग्रेस के पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में गुरूमुख सिंह होरा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान तो नहीं किया, लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़ने का इच्छुक होने की बात जाहिर कर दी है।
रायपुर में भाजपा पूर्व विधायक ने खोला मोर्चा
धरसींवा से तीन बार के विधायक व दिग्गज भाजपा नेता देवजी भाई पटेल भाजपा से बेहद नाराज चल रहे हैं। उन्होंने पार्टी को धरसीवां या रायपुर उत्तर से चुनाव लड़ने का मन बनाया था। पुराने लोगों को टिकट दिए जाने के बाद से उनकी भी उत्सुकता थी कि पार्टी उन्हें फिर मौका देगी लेकिन पार्टी ने उन्हें किनारे कर दिया। उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन फार्म खरीद लिया है। वह धरसींवा से चुनाव लड़ेंगे तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है।
सरगुजा संभाग में सबसे ज्यादा बुरी स्थिति
सरगुजा संभाग की पांच ऐसी विधानसभा सीट है जहां बागी चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। इनमें मनेंद्रगढ़ विधायक का टिकट काट दिया गया तो वह नामांकन पत्र खरीद लिए हैं और चुनाव लड़ने का मूड बना चुके हैं। इसी तरह मनेंद्रगढ़ के साथ बैकुंठपुर, सामरी, प्रतापपुर, रामानुजगंज में भी बागी चुनाव मैदान में आ सकते हैं। इन विधानसभा सीटों पर बागियों के चुनाव मैदान में उतरता देख भाजपा और कांग्रेस दोनों की नजर है।
सरगुजा संभाग की 14 में से 14 सीट वर्ष 2018 में जीतने वाली कांग्रेस के लिए इस बार काफी चुनौती है और यह चुनौती विरोधी दल के कारण नहीं, बल्कि खुद कांग्रेस से मिलने जा रही है। सरगुजा संभाग में जिन विधायकों का टिकट काटा गया वे बागी होने की और अग्रसर हैं।
इनमें मनेंद्रगढ़ के कांग्रेस विधायक डा. विनय जायसवाल यदि जायसवाल संगठन की बात मान गए तब तो सब कुछ ठीक रहेगा वरना मनेंद्रगढ़ सीट में त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। ठीक इसी तरह बैकुंठपुर सीट से दोबारा विधायक अंबिका सिंहदेव को चुनाव मैदान में उतारा गया है। यहां के लिए प्रमुख दावेदार कांग्रेस नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी थे। ये भी बागी हो सकते हैं।
पहले से ही बागी तेवर
सूरजपुर जिले में प्रतापपुर विधानसभा विधानसभा सीट में भी ऐसी स्थिति बनती नजर आ रही है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व शिक्षा मंत्री व विधायक डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम का टिकट काट दिया, उनकी जगह जिला पंचायत अध्यक्ष सूरजपुर राजकुमारी मरावी को टिकट दिया है। यहां से प्रमुख दावेदार रहे कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव रामदेव जगते ने नामांकन फार्म खरीद कर कांग्रेस को संकट में डालने का काम किया है।
रामानुजगंज सीट से विधायक बृहस्पत सिंह का टिकट काट दिया गया है। पहले से ही ये बागी तेवर दिखा रहे हैं। यहां अंबिकापुर महापौर डा. अजय तिर्की को टिकट दिया गया है। बलरामपुर में ही सामरी विधानसभा सीट से विधायक चिंतामणि महाराज का टिकट काटकर विजय पैकरा को कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा है।
राजनांदगांव में बड़े नेताओं ने संभाला मोर्चा
अविभाजित राजनांदगांव जिले की छह सीटों पर सीधा मुकाबला की स्थिति है। टिकट नहीं मिलने से शुरुआत में उभरी नाराजगी नाम वापसी की प्रक्रिया के साथ शांत हो गई। राजनांदगांव सीट से प्रत्याशी गिरी देवांगन के खिलाफ नामांकन भरने वाले पूर्व महापौर नरेश डाकलिया ने कांग्रेस की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा से चर्चा के बाद उसे वापस ले लिया।
डोंगरगढ़ सीट से जिला पंचायत सदस्य राजेश् श्यामकर ने अधिकृत प्रत्याशी विनोद खांडेकर के खिलाफ नामांकन भरा था। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की समझाइश के बाद उन्होंने अपनी उम्मीदवारी छोड़ दी। अन्य सीटों पर कांग्रेस या भाजपा का कोई बागी नेता चुनाव मैदान में नहीं है।