क्या राम मंदिर का उद्घाटन BJP के हिंदुत्व का होगा नया लॉन्चिंग पैड?

क्या राम मंदिर का उद्घाटन BJP के हिंदुत्व का होगा नया लॉन्चिंग पैड? अयोध्या की दीवारों पर लिखा है चुनावी मंत्र!
बीजेपी फिर एक बार रामलला की शरण में है. वैसे भी रामजी ने कई बार पार्टी का बेड़ा पार किया है. अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने एक कहानी सुनाई. इस कहानी से पिक्चर क्लियर हो जाएगी. जनवरी में राम मंदिर का उद्घाटन बीजेपी के हिंदुत्व के लिए एक नया लॉन्चिंग पैड हो सकता है.
लोकसभा चुनाव के लिए यूपी का एजेंडा तो तय हो गया है. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं इसलिए कहा जाता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता लखनऊ होकर जाता है. गुजरात के बाद यूपी ही बीजेपी का सबसे मजबूत गढ़ है. विपक्ष पूरी ताकत लगाकर भी बीजेपी से मुकाबले में पीछे रह जाता है. पिछले दो लोकसभा चुनाव के नतीजे तो इसी बात की तरफ इशारा करते हैं. यूपी में विपक्ष का एजेंडा भी लगभग तय है. समाजवादी पार्टी PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के फार्मूले से बीजेपी को टक्कर देना चाहती है. इन दिनों अखिलेश यादव और कांग्रेस में लट्ठ बज रही है, लेकिन जातिगत जनगणना दोनों के एजेंडे पर है. मायावती अब भी समतामूलक समाज बनाने के नारे पर हैं.

दीपोत्सव के मौके पर अयोध्या जगमग है. शहर में मोदी और योगी के फोटो वाले कई होर्डिंग लगे हैं. साइज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो बड़ी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छोटी है. होर्डिंग में लिखा है, रामलला का अभिनंदन, दीपोत्सव से करें वंदन. अभी से पूरे यूपी को राममय बनाने की तैयारी है. बीजेपी फिर एक बार रामलला की शरण में है. वैसे भी रामजी ने कई बार पार्टी का बेड़ा पार किया है. अगले साल 22 जनवरी को पीएम नरेन्द्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. अयोध्या के बहाने बीजेपी ये बताना चाहती है कि बाकी सब राम विरोधी हैं.

यूपी में तो बीजेपी के लिए पहला एजेंडा हिंदुत्व

अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने एक कहानी सुनाई. इस कहानी से पिक्चर क्लियर हो जाएगी. उन्होंने बताया कि जब वे पहली बार सीएम बनकर अयोध्या पहुंचे तो क्या हुआ! तब लोगों ने नारे लगाए थे योगी जी एक काम करो, मंदिर का निर्माण करो.

गैर यादव पिछड़ों को जोड़े रखने में बीजेपी कामयाब

जनवरी में राम मंदिर का उद्घाटन बीजेपी के हिंदुत्व के लिए एक नया लॉन्चिंग पैड हो सकता है. राम मंदिर से हिंदुओं को एकजुट कर विपक्ष के OBC पॉलिटिक्स को मात देने की रणनीति है. पार्टी के पास अपना एक सामाजिक समीकरण भी है. गैर यादव पिछड़ों को जोड़े रखने में बीजेपी कामयाब रही है. बीजेपी, संघ और उसके सहयोगी संगठनों ने राम मंदिर की फोटो घर-घर पहुंचाने की पूरी प्लानिंग कर ली है. बिहार में जाति का जोर रहता है तो यूपी में धर्म का. इस बार तो राम मंदिर बनाने की क्रेडिट का शोर भी रहेगा.

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