2004-05 के बाद 1140% बढ़ा राज्यों पर पेंशन का भार !

2004-05 के बाद 1140% बढ़ा राज्यों पर पेंशन का भार, 2022-23 में 4.63 लाख करोड़ रही देनदारी
Pension Scheme: एक तरफ राज्यों पर पेंशन का बोझ बढ़ा है. दूसरी तरफ सरकारी कर्मचारी लगातार ओपीएस को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं.
 एक तरफ देशभर में केंद्र और राज्य सरकारों के सरकारी कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम की फिर से बहाली की मांग कर रहे हैं. ये कर्मचारी एनपीएस का विरोध कर रहे हैं. वहीं बैंकिंग सेक्टर की रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए राज्यों को लेकर हैंडबुक ऑफ स्टैटिसटिक्स (Handbook of Statistics on Indian States, 2022-23) जारी किया है जिसमें हर सेक्टर को लेकर राज्यों के वित्तीय हालत को दर्शाया गया है. इस हैंडबुक में राज्यों की पेंशन की देनदारी को लेकर भी डेटा जारी किया गया है. 
19 साल में 4.26 लाख करोड़ बढ़ा पेंशन का भार 

आरबीआई की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2004-05 में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर पेंशन का भार 37,378 करोड़ रुपये हुआ करता था. जो 10 वर्ष में करीब 4 गुना यानि 400 फीसदी के उछाल के साथ 2014-15 में बढ़कर 1,83,499 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा. और अगले 9 वर्ष 2022-23 में पेंशन का भार 152 फीसदी या डेढ़ गुना बढ़कर बढ़कर 4,63,437 करोड़ रुपये हो गया है. और 2004-05 से लेकर 2022-23 के बीच 19 सालों में राज्यों पर बढ़े पेंशन के भार को देखें तो ये 37,378 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,63,437 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है. यानि इस अवधि के दौरान पेंशन देनदारी में 4.26 लाख करोड़ रुपये यानि 11 गुना से ज्यादा 1140 फीसदी का उछाल देखने को मिला है.  

ओपीएस पर आरबीआई ने चेताया 

इन आंकड़ों से साफ है कि राज्यों के राजस्व का बड़ा हिस्सा पेंशन पर खर्च होता है. इससे पहले आरबीआई ने अपने बुलेटिन में ओल्ड पेंशन स्कीम को अपनाने पर चेतावनी देते हुए कहा था कि एनपीएस के मुकाबले ओपीएस को लागू करने से 4.5 गुना वित्तीय बोझ बढ़ेगा. कई राज्यों और केंद्रीय कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से बहाल किए जाने की मांग करते रहे हैं.   कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार में पुरानी पेंशन योजना को अपने राज्यों में फिर से बहाल कर दिया है. कांग्रेस ने तो मध्य प्रदेश में सरकार बनने पर ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने का वादा किया है. पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी अपने राज्य में ओपीएस को बहाल कर दिया है. 

दबाव में सरकारें 

आने वाले लोकसभा चुना में ये बड़ा मुद्दा बन सकता है तो केंद्र सरकार ने भी वित्त सचिव की अध्यक्षता में एनपीएस के रिव्यू के लिए कमिटी का गठन कर दिया है. कमिटी अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा कर रही है. वित्त मंत्रालय ने पिछले दिनों बताया कि कमिटी फिलहाल किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है. लेकिन इससे जाहिर है कि कुछ राज्यों के ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करने के बाद केंद्र सरकार दबाव में है. दिल्ली के रामलीला मैदान में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर देश के अलग अलग राज्यों के सरकारी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया है.  

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