राजनगर पार्षद मर्डर केस … 3 FIR, 100 आरोपी, गिरफ्तारी एक भी नहीं ?
राजनगर पार्षद मर्डर केस में 3 दिसंबर का इंतजार!
3 FIR, 100 आरोपी, गिरफ्तारी एक भी नहीं …. कांग्रेस-बीजेपी के कई नेता नामजद
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में वोटिंग के दिन 17 नवंबर को छतरपुर जिले के राजनगर में कांग्रेस नेता सलमान खान की हत्या को एक हफ्ता बीत चुका है। इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज हैं। 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन गिरफ्तारी किसी की नहीं हुई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी आ चुकी है। पुलिस ने इसे ओपिनियन के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट को भेजा है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट कहते हैं कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को ओपिनियन के लिए भेजना ही बताता है कि पुलिस जांच को टालना चाहती है।
दरअसल, इस मामले में पुलिस ने कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के साथ दर्जन भर नेताओं को नामजद आरोपी बनाया है। 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि पुलिस को भी चुनाव नतीजों का इंतजार है। हालांकि, छतरपुर एसपी अमित सांघी कहते हैं कि साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने मामले की जांच के लिए 4 पेज का इन्वेस्टिगेशन प्लान तैयार किया है।
पुलिस ने अब तक किस तरह से जांच की है..अब तक क्या-क्या हुआ..
SP बोले- साइंटिफिक जांच के लिए डिटेल प्लान
सलमान हत्याकांड की जांच के लिए पुलिस ने एक इन्वेस्टिगेशन प्लान तैयार किया है। जांच का जिम्मा खजुराहो एसडीओपी को सौंपा गया है। पुलिस का दावा है कि इसके तहत हर एक बिंदु की साइंटिफिक तरीके से जांच की जाएगी।
पुलिस ने जांच के लिए 25 बिंदु तैयार किए हैं, लेकिन अब तक इन पर डिटेल जांच शुरू ही नहीं की है। इन बिंदुओं के आधार पर समझिए, पुलिस जांच की धीमी गति..
गाड़ियों के सीसीटीवी फुटेज, तस्वीर साफ नहीं
पुलिस ने घटनास्थल से 4 से 20 किलोमीटर दूरी तक के सीसीटीवी फुटेज बरामद किए हैं। इसमें गाड़ियों का काफिला दिख रहा है, लेकिन गाड़ियों की तस्वीर साफ नजर नहीं आ रही है। पुलिस का तर्क है कि शहर के भीतर जहां-जहां से ये गाड़ियां गुजरी हैं, वहां के फुटेज भी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
पीएसटीएन डेटा लिया, लेकिन डेटा की जांच नहीं
पुलिस ने आरोपियों की घटनास्थल पर मौजूदगी को समझने के लिए टेलिकॉम कंपनी से पीएसटीएन यानी पब्लिक स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क डेटा ले लिया है। इससे मोबाइल फोन यूजर की लोकेशन पता की जाती है। पुलिस इसके जरिए पता लगा रही है कि जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वे घटनास्थल पर मौजूद थे या नहीं?
पुलिस ने डेटा तो हासिल कर लिया है, लेकिन अभी इसकी जांच शुरू नहीं की है।
बीजेपी काफिले की जिस गाड़ी पर हमला हुआ, वो जब्त की
बीजेपी की तरफ से दर्ज शिकायत में कहा गया है कि कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा और उनके समर्थकों ने उनके काफिले में शामिल गाड़ियों पर हमला किया था। पुलिस ने काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी को जब्त किया है।
पुलिस का कहना है कि इस गाड़ी की फॉरेंसिक जांच करने पर पता चलेगा कि गाड़ी पर हमला हुआ था या नहीं? ये जांच भी अभी शुरू नहीं हो पाई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर एक्सपर्ट से ओपिनियन मांगा
पुलिस को सलमान की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिल गई है। इसमें कहा गया है कि शरीर पर कई गंभीर चोट हैं। कई फ्रैक्चर हैं। पसली भी टूटी हुई है। इससे साफ है कि गाड़ी से कुचला गया है, लेकिन अभी ये तय नहीं हो पाया है कि वो किस गाड़ी की चपेट में आया था। पुलिस ने इस मामले में फॉरेंसिक एक्सपर्ट से ओपिनियन मांगा है।
फॉरेंसिक ओपिनियन यानी मामले को टालना: एक्सपर्ट
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर फॉरेंसिक एक्सपर्ट से ओपिनियन मांगना कितना जरूरी है, …..ने ये सवाल भोपाल के मेडिको लीगल एक्सपर्ट डॉ. ….से पूछा। उन्होंने कहा- पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को फॉरेंसिक जांच के लिए सिर्फ अपना पल्ला झाड़ने के लिए भेज रही है।
डॉ. सतपथी ने कहा- वाहन से कुचलकर हत्या के मामले में एक फॉरेंसिक डॉक्टर लिखता है कि मौत बॉडी में मल्टीपल इंज्युरी के कारण हुई है। ये भी लिखता है कि मौत का नेचर ओपन है। सरकमस्टांशिएल एविडेंस (परिस्थिजन्य साक्ष्य) के आधार पर मौत की वजह तय की जाना चाहिए।
डॉ. सतपथी कहते हैं- मामला एक्सीडेंट का है या हत्या का, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखकर फॉरेंसिक एक्सपर्ट ये डिसाइड नहीं कर सकता। ये पुलिस ही करेगी। सतपथी ये भी कहते हैं- फॉरेंसिक वालों के पास 400-500 रिपोर्ट्स पहले से पड़ी रहती हैं। इसके बाद नई रिपोर्ट की जांच में महीना भर लग जाता है। तब तक मामला ठंडा हो जाता है।
पुख्ता सबूत मिलने पर होगी गिरफ्तारी
छतरपुर एसपी अमित सांघी का कहना है कि जब पूरे साक्ष्य जुटा लिए जाएंगे, तभी गिरफ्तारी होगी। हमने कुछ ऐसे लोगों को ढूंढा है, जो उस वक्त दोनों काफिलों की गाड़ियों में मौजूद थे, लेकिन उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है। उनके स्टेटमेंट रिकॉर्ड करने का काम भी शुरू कर दिया है। इन स्टेटमेंट पर भी कई तरह की क्वेरी आती हैं, उनकी पुष्टि करने का काम कर रहे हैं।
ये मामूली मारपीट या गाली-गलौज का मामला नहीं है। इतने लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है।
मामले में ये तीन FIR दर्ज की गई हैं…
पहली FIR भाजपा उम्मीदवार पटेरिया और समर्थकों के खिलाफ
मामले में पहली एफआईआर 17 नवंबर को दर्ज की गई। इसमें भाजपा उम्मीदवार अरविंद पटेरिया समेत 21 नामजद आरोपी हैं। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा की तरफ से ये एफआईआर दर्ज करवाई गई है। इसमें लिखा है कि भाजपा प्रत्याशी अरविंद पटेरिया और उनके काफिले में शामिल गाड़ियों ने नातीराजा के ड्राइवर सलमान की कुचलकर हत्या कर दी।
एफआईआर पर एक्शन- पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की।
दूरी FIR कांग्रेस उम्मीदवार नातीराजा के खिलाफ, फायरिंग का आरोपस
दूसरी FIR घटना के 2 दिन बाद 19 नवंबर को भाजपा युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष नीरज चतुर्वेदी की शिकायत पर हुई। चतुर्वेदी ने विक्रम सिंह नातीराजा समेत 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
इस रिपोर्ट में लिखा है कि 17 नवंबर तड़के 3 से 4 बजे के बीच रनेहफॉल बैरियर के पास कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा ने बीजेपी प्रत्याशी अरविंद पटेरिया के काफिले को रोका। गाली-गलौज करते हुए नातीराजा और समर्थकों ने गाड़ियों पर हमला किया। नातीराजा और योगेंद्र सिंह ने अरविंद पटेरिया को जान से मारने के इरादे से फायर भी किया। गोली पटेरिया के कान के बगल से होकर गुजर गई।
एफआईआर पर एक्शन- जिस गाड़ी पर हमला हुआ वो जब्त, गोली चलने का कोई सबूत नहीं मिला।
आचार संहिता उल्लंघन की तीसरी एफआईआर दिग्विजय और अन्य के खिलाफ
तीसरी एफआईआर 21 नवंबर को दर्ज की गई। ये खजुराहो थाने के सब इंस्पेक्टर एसके गर्ग ने दर्ज कराई है। दरअसल, घटना वाले दिन शाम 7 बजे ही दिग्विजय सिंह खजुराहो पहुंच गए थे। सलमान के शव के साथ टेंट लगाकर धरना दिया था। इस दौरान करीब 60-70 कांग्रेस समर्थक मौजूद थे। पुलिस ने दिग्विजय समेत सभी लोगों पर आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत दर्ज की है।