खंडवा संसदीय क्षेत्र की पांच सीटों पर महिला विधायक !
मध्य प्रदेश के खंडवा संसदीय क्षेत्र की पांच सीटों पर महिला विधायक
खंडवा संसदीय क्षेत्र अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर भाजपा और तीन पर कांग्रेस ने महिलाओं पर भरोसा जताया था।
- खंडवा-बुरहानपुर संसदीय क्षेत्र से पांच महिलाएं चुनाव जीती हैं।
- भाजपा से चार महिला प्रत्याशी विजयी हुई हैं।
- भाजपा और कांग्रेस में तीन सीटों पर मुख्य मुकाबला महिलाओं में ही था।
खंडवा। लोकसभा में नारी शक्ति वंदन विधेयक लाने वाली भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव में महिलाओं को भी टिकट देकर विधायक बनने का अवसर प्रदान किया। इसका लाभ भी चुनाव में पार्टी को मिला है। खंडवा-बुरहानपुर संसदीय क्षेत्र से पांच महिलाएं चुनाव जीती हैं। इनमें खंडवा जिले से पहली बार दो महिलाएं विधानसभा पहुंची हैं।
संसदीय क्षेत्र अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर भाजपा और तीन पर कांग्रेस ने महिलाओं पर भरोसा जताया था। यह निर्णय भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। भाजपा से चार महिला प्रत्याशी विजयी हुई हैं। खंडवा सीट से भाजपा ने पहली बार महिला प्रत्याशी को मौका दिया था। इससे पूर्व कांग्रेस से एक बार महिला विधायक नंदा मंडलोई खंडवा का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
16वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में खंडवा संसदीय क्षेत्र से कोई भी दल जीतने पर तीन महिला विधायक अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करना तय था। भाजपा और कांग्रेस में तीन सीटों पर मुख्य मुकाबला महिलाओं में ही था, जबकि खंडवा और बुरहानपुर सीट पर भाजपा ने महिलाओं को अधिकृत प्रत्याशी बनाया था। इन दोनों सीटों पर महिला प्रत्याशियों के समक्ष कांग्रेस के पुरुष प्रत्याशियों को शिकस्त का सामना करना पड़ा है।
1985 के बाद पहली बार महिला
सामान्य और पिछड़ा के बाद अजा वर्ग के लिए आरक्षित खंडवा सीट पर इसके पूर्व भाजपा की ओर से पुरुषों को ही मौका मिला है। वैसे वर्ष 1985 में यहां कांग्रेस से नंदा मंडलोई विधायक रह चुकी हैं। अब 38 साल बाद प्रमुख राजनीतिक दल ने महिला भर भरोसा जताया है। इस बार यहां भाजपा की कंचन मुकेश तनवे का मुकाबला कांग्रेस के कुंदन मालवीय से था। कंचन तनवे ने 38049 मतों से जीत दर्ज की है। पहली बार विधानसभा पहुंची है।
पंधाना क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगी छाया मोरे
अजजा वर्ग की भाजपा की छाया मोरे पिछले चुनाव में भाजपा के खिलाफ कांग्रेस से मैदान में थीं। कांग्रेस से बगावत के बाद हाल ही में भाजपा का दामन थामा था। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रूपाली बारे पिछले चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ी थीं। इस बार दोनों में टक्कर रही। इसमें छाया मोरे ने 28816 मतों से चुनाव जीत लिया है। वे भी पहली बार विधायक बनी हैं।
बुरहानपुर की दिलचस्प सीट भाजपा के खाते में
बुरहानपुर में कांग्रेस ने सुरेंद्र सिंह शेरा भैया के सामने भाजपा ने पिछला चुनाव हारने वाली अर्चना चिटनिस को टिकट दिया था। यहां भाजपा और कांग्रेस के बागियों की वजह से चुनाव बड़ा दिलचस्प था। कड़ी मशक्कत के बाद बाजी भाजपा प्रत्याशी चिटनिस ने 31171 मतों से जीत ली है।
नेपानगर पर भाजपा जीती : बुरहानपुर जिले की नेपानगर सीट अजजा वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां भाजपा की मंजू दादू और कांग्रेस की गेंदू बाई के बीच मुकाबला था। चुनाव में भाजपा की मंजू दादू 44805 मतों से जीतकर दूसरी बार विधानसभा पहुंची हैं।
भीकनगांव सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार : खंडवा संसदीय क्षेत्र अंतर्गत आने वाली खरगोन जिले की भीकनगांव अजजा सीट पर भाजपा से नंदा ब्राह्मणे और कांग्रेस से झूमा सोलंकी मैदान में थीं। कशमकश पूर्ण मुकाबले में कांग्रेस की सोलंकी ने 440 मतों से सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है।