उपजाऊ भूमि पर बिना डायवर्सन काट रहे अवैध कॉलोनियां, अधिकारी बेखबर !
उपजाऊ भूमि पर बिना डायवर्सन काट रहे अवैध कॉलोनियां, अधिकारी बेखबर
तीन साल में 90 बीघा से अधिक कृषि भूमि पर बन चुके हैं दो सैकड़ा से अधिक मकान
बिना नक्शा के ही काट रहे कॉलोनियां …
भिण्ड रोड पर पहले न तो डायवर्सन कराया गया है और न ही टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से नक्शा पास कराया गया है। इतना ही नगर पालिका से किसी ने भवन निर्माण की परमिशन भी नहीं ली है। जिन लोगों ने अवैध रूप से खेती की जमीन पर मकान बना लिए हैं। वहां पर विद्युत की सुविधा नहीं है। अधिकांश लोगों ने बल्लियों पर सीधे ट्रांसफार्मर से हुकिंग कर तार खींचकर बिजली जला रहे हैं। बस स्टैंड के पास कट रहीं अवैध कॉलोनी में बिना कनेक्शन लिए ही बिजली का उपयोग करना शुरू कर दिया है। इन बस्तियों में मकान बनाने वालों को निकलने के लिए सड़क तक नहीं है। बरसात के मौसम में तो सैकड़ों परिवार घरों में ही कैद हो जाने को मजबूर हो जाते हैं। अवैध प्लाटिंग से राजस्व विभाग और नगर पालिका को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कस्बे में उपजाऊ जमीन पर बिना डायवर्सन के ही धड़ल्ले से आवासीय कालोनियों का निर्माण हो रहा है। बीते तीन वर्ष में 50 एकड़ से अधिक कृषि भूमि पर दो सैकड़ा से अधिक आवासीय भवनों का निर्माण कराया गया है। नगर के चारों ओर वर्तमान में 100 बीघा से अधिक कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन के प्लाटिंग का कार्य चल रहा है। इसके बाद भी नगर पालिका और राजस्व विभाग की ओर से किसी भी जमीन का क्रय-विक्रय करने वाले कॉलोनाइजर को नोटिस तक जारी नहीं किया है। जबकि नगर में पांच कॉलोनी ही वैध हैं।
गोहद. नगर में कॉलोनाइजर्स किसानों को कुछ रुपए देकर उनकी कृषि भूमि का अनुबंध करा लेते हैं। किसानों से जमीन लेकर कॉलोनाइजर लोगों को गुमराह कर महंगे दामों पर प्लाट बेचे देते हैं, जबकि किसी ने भी कॉलोनाइजर का लाइसेंस नहीं लिया है। नगर में स्टेशन रोड, ग्वालियर नगर में स्टेशन रोड, ग्वालियर रोड, भिंड रोड, बस स्टैंड के पास, गाय-बछड़ा चौराहा के पास मौ रोड, धमसा रोड कॉलोनाइजर्स के द्वारा खेतों में काटी गई कॉलोनियों में तो दो सैकड़ा से अधिक मकानों का निर्माण हो चुका है। साथ ही इन स्थानों पर आज भी कॉलोनाइजरों लोगों को प्लाट बेचे जा रहे हैं। इन स्थानों पर कहीं भी प्लाटिंग करने से कॉलोनाइजर बाज नहीं आ रहे हैं। इसके बावजूद इन पर कोई ठोस कार्रवाई अधिकारियों द्वारा नहीं की जा रही है।
नक्शे में दिखाते हैं सुविधाएं
कानूनी फंदे से बचने के लिए अवैध कॉलोनाइजर किसान से उसके खेत का सौदा कर लेते हैं। दोनों पक्षों के बीच 100 रुपए के स्टांप पर जमीन का सौदा हो जाता है। इसके बाद कॉलोनाइजर उस जमीन पर प्लाटिंग कर देते हैं। नक्शे में जगह-जगह सड़कें और पार्क भी दर्शा दिए जाते हैं, जो ग्राहक प्लॉट खरीदने के लिए तैयार होता है। उससे पैसे तो खुद ले लेते हैं, जबकि रजिस्ट्री किसान से करा दी जाती है। इससे कालोनाइजर कानूनी फंदे में फंसने से बच जाता है। गोहद नगर में सड़क के किनारे प्रति बीघा जमीन का भाव 35 लाख रुपए है, जबकि प्लॉटिंग के बाद इसकी कीमत 40 से 45 लाख तक पहुंच जाती है।
बिना अनुमति के जो लोग खेतों में प्लाटिंग कर रहे हैं, उनके खिलाफ शीघ्र ही जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे।
एसडीएम, गोहद