ठिठुरन से मौत का आंकड़ा डराने वाला !

क्यों भारत-पाकिस्तान और चीन के लोग नहीं झेल पाते हैं ठंड; ठिठुरन से मौत का आंकड़ा डराने वाला
भारत में साल 2020 में ठंड से होने वाली मौत का आंकड़ा गर्मी के मौसम में होने वाली मौतों से 76 गुना ज्यादा था. देश में ऐसे भी स्थान हैं जहां पारा -50 डिग्री तक गिर जाता है.

उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं. ऐसे मौसम में उंगलियां सुन्न हो जाती हैं, हार-पैर ठंडे पड़ जाते हैं और शरीर कांपने लगता है. जब उत्तर से ठंडी हवाएं चलती हैं, तो भारत का मौसम बदल जाता है.

दिन छोटे हो जाते हैं, रातें लंबी हो जाती हैं और तापमान गिरने लगता है. पहाड़ों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ जाती है, मैदानों में कोहरा छा जाता है, दक्षिण के राज्यों में भी हल्की ठंड महसूस होने लगती है. 

वातावरण में ठंडी हवाएं तेजी से चलने लगती हैं तो तापमान में तेजी से गिरावट आती है. आमतौर पर, जब ठंड में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 4-5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाए है तो इसे शीत लहर प्रकोप कहा जाता है.

हालांकि, ठंड का अनुभव व्यक्ति की शारीरिक स्थिति, कपड़ों की स्थिति और वातावरण की अन्य परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है. उदाहरण के लिए, पहाड़ों पर ठंड का अनुभव समुद्र तल की तुलना में अधिक होता है.

दुनियाभर में ठंड का मौसम अलग-अलग समयों में पड़ता है. उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के दौरान ठंड पड़ती है, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में गर्मियों के दौरान. हालांकि कुछ स्थानों पर जैसे कि ध्रुवीय क्षेत्रों में साल भर ठंड पड़ती रहती है. दुनियाभर में ठंड का मौसम का समय कुछ इस तरह का होता है.

  • उत्तरी गोलार्ध: दिसंबर से मार्च तक
  • दक्षिणी गोलार्ध: जून से सितंबर तक
  • ध्रुवीय क्षेत्र: साल भर

भारत में ठंड का मौसम आमतौर पर दिसंबर से फरवरी तक रहता है. इस दौरान, भारत के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस (32 डिग्री फॉरेन्हाइट) तक चला जाता है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी मौसम का लगभग यही ग्राफ रहता है.

भारत की सबसे ठंडी जगह
तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे आते ही लोग ठिठुरने लगते हैं. गर्म कपड़े या गर्म चीजें खाकर खुद को ठंड से बचाने की जद्दोजहद करने लगते हैं लेकिन भारत में कई ऐसे भी स्थान हैं जहां पारा 0 डिग्री सेल्सियस से काफी नीचे चला जाता है.

द्रास और सियाचिन ग्लेशियर भारत के सबसे ठंडे क्षेत्र माने जाते हैं. यहां पारा -50 डिग्री तक गिर जाता है. यही नहीं, ये क्षेत्र गर्मी के मौसम में भी ठंडे रहते हैं.


भारत में ठंड से हर साल कितनी मौत?
भारत में हर साल ठंड की चपेत में आने से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है. भारतीय मौसम विभाग IMD के अनुसार, साल 2020 में ठंड से होने वाली मौत का आंकड़ा गर्मी के मौसम में होने वाली मौतों से 76 गुना ज्यादा था.

इस अनुपात में इस साल ठंड से मौतें 20 सालों में सबसे अधिक हुईं. इस साल 99 दिन तक ठंडी हवाएं चलीं. 1980-2018 तक गर्मी के मौसम की तुलना में सर्दी ने ज्यादा भारतीयों की जान ली. 

2017 से 2020 तक शीत लहरों के दिनों की संख्या में लगभग 2.7 गुना बढ़ोतरी हुई.  2017 के बाद से दिनों की संख्या लगातार बढ़ती रही.  2018 में 63 दिन तक शीत लहर का प्रकोप चला था, जो अगले साल 2019 में 1.5 गुना बढ़कर 103 दिन हो गई.

8 जनवरी 2006 को राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत में बीते 20 सालों में सबसे ठंडे दिन के तौर पर रिकॉर्ड किया गया था. तब तेज बर्फीली उत्तर पश्चिमी हवाओं के कारण दिल्ली का तापमान 0.2 पर पहुंच गया था.

हालांकि statista.com की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में ठंड की वजह से पूरे देश में 618 मौतें हुईं. साल 2020 में कुल 776 लोगों ने ठंड की वजह से अपनी जान गंवाई. इस रिपोर्ट के अनुसार पिछले दशक में, देशभर में ठंड के कारण सबसे ज्यादा मौत साल 2015 में हुईं थी, तब एक हजार से ज्यादा की जिंदगी चली गई थी.


भीषण ठंड से कांप रहा चीन
वहीं चीन इस वक्त भीषण ठंड की मार झेल रहा है. राजधानी बीजिंग में तापमान जीरो से नीचे चला गया है. ठंडी हवाओं के चलते पूर्वोत्तर के कुछ क्षेत्रों में तापमान -40 सेल्सियस पहुंच गया है.

बर्फीली हवाओं ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. यहां ठंड ने पिछले 72 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इससे पहले साल 1951 में चीन में इस तरह की भयंकर ठंड ने लोगों का जीना मुश्किल किया था. 

अमेरिका की कड़ाके वाली ठंड

अमेरिका के अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में लोग अलग-अलग तरह की ठंड का सामना करते हैं. यहां कुछ राज्यों में सालभर ठंडी का मौसम रहता है. पश्चिमी क्षेत्र कैलिफोर्निया अक्सर गर्म और शुष्क रहता है, लेकिन उच्च पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी देखी जा सकती है.

यहां उत्तरी क्षेत्रों में सर्दीयों में बर्फबारी और ठंड आम बात है, यहां गर्मियों के मौसम में भी अधिक ठंडक होती है. अमेरिका के दक्षिणी क्षेत्र फ्लोरिडा गर्म और शुष्क रहता है. न्यूयॉर्क में ठंडी हवा और बर्फबारी सामान्य है, जो सर्दियों में अधिक रहती हैं.

जनवरी 1912 में अमेरिका में भीषण शीत लहर चली थी, तब सबसे लंबे समय तक -17.8 डिग्री सेल्सियस से नीचे पारा दर्ज किया गया था.

दुनिया का सबसे ठंडा शहर
दुनिया का एक शहर ऐसा भी है जहां खून जमा देने वाली ठंड पड़ती है, जहां लोग अपनी कार बंद ही नहीं करते हैं. ये शहर है- याकुत्स्क. रूस की लेना नदी (Lena River) के पास बसा ये शहर राजधानी मॉस्को से 5 हजार किमी पूर्व में स्थित है.

यहां न्यूनतम तापमान -83 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड हो चुका है. याकुत्स्क में इंसान का जिंदा रहना किसी चुनौती से कम नहीं है. यहां हर वक्त बर्फ ही जमी रहती है तो खेती के बारे में तो कोई सोच ही नहीं सकता.

इसलिए खाद्य सामग्री बहुत कम ही पहुंच पाती है. मछलियां ही याकुत्स्क शहर के लोगों के लिए खाने का अहम हिस्सा है.

शीत लहर से बचाव
शीत लहर के कारण इंसानों को कई तरह की बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है. जैसे सर्दी-जुखाम, बुखार, उल्टी-दस्त, स्वाइन आदि. ठंडी के मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए.

गर्म कपड़े जैसे स्वेटर, टोपी, मफलर लगातार पहने रहे. विशेष रूप से सिर, गर्दन, हाथ और पैर को गर्म रखें. गर्म पेय पदार्थ पिएं. बासी भोजन लेने से परहेज करें. धुम्रपान, कोल्डड्रिंक से परहेज करें.

अगर संभव हो तो बाहर कम निकलें, ज्यादा से ज्यादा घर से ही काम करें. अगर आपको सर्दी लग गई है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

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