मध्य प्रदेश के 40 स्थानों में ई-चेकपोस्ट बनाएगी सरकार !
मध्य प्रदेश के 40 स्थानों में ई-चेकपोस्ट बनाएगी सरकार, AI से होगी वाहनों की जांच
इन चेक पोस्टों में रेत या अन्य खनिज का परिवहन करने वाले वाहनों के नंबर प्लेट से उनकी पहचान की जाएगी और रेत परिवहन की मात्रा का पता लगाया जाएगा। इस परियोजना में चेक पोस्ट के साथ स्टेट कमांड सेंटर तथा जिला कमांड सेंटर भी बनाए जाएंगे। इस परियोजना की लागत 26 करोड़ रुपये है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित मानव रहित होंगे ई- चेक पोस्ट
भोपाल । मध्य प्रदेश में अवैध उत्खनन एवं खनिज के अवैध परिवहन को रोकने के लिए मोहन सरकार ई-चेकपोस्ट बनाएगी। इसके लिए प्रदेश के ऐसे 40 स्थानों का चयन किया है, जहां अवैध उत्खनन एवं परिवहन की घटनाएं अधिक होती हैं। इनमें अधिकांश जिलों के स्थान राज्य की सीमाओं से लगे हैं। अंतरराज्यीय और अंतर जिला सीमाओं पर बनाए जाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित मानव रहित ई चेक पोस्ट होंगे और कैमरे द्वारा आने-जाने वाले वाहनों पर नजर रखी जाएगी।
इन चेक पोस्टों में रेत या अन्य खनिज का परिवहन करने वाले वाहनों के नंबर प्लेट से उनकी पहचान की जाएगी और रेत परिवहन की मात्रा का पता लगाया जाएगा। इस परियोजना में चेक पोस्ट के साथ स्टेट कमांड सेंटर तथा जिला कमांड सेंटर भी बनाए जाएंगे।
वाहन में नंबर प्लेट नहीं होने पर कंट्रोल कमांड सेंटर से तत्काल इसकी सूचना संबंधित जिले के परिवहन कार्यालय को दी जाएगी और संबंधित वाहन की जांच कराई जाएगी। कंट्रोल कमांड सेंटर से प्रदेशभर की खदानों पर भी नजर रखी जाएगी। पुणे की एक साफ्टवेयर कंपनी ई चेक पोस्ट का सिस्टम बना रही है। इस परियोजना की लागत 26 करोड़ रुपये है। जिस जिला खनिज प्रतिष्ठान मद से स्वीकृति प्रदान की गई है।
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बनाए जाएंगे 150 ई चेक पोस्ट
यह ई चेक पोस्ट उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बनाए जाएंगे। पहले चरण में पायलट के रूप में 50 ई चेक पोस्ट स्थापित होंगे। वर्ष 2022 में मध्य प्रदेश खनिज साधन विभाग के अधिकारियों का दल उत्तर प्रदेश की खनिज नीति का अध्ययन करने गया था।
वहां की खनिज नीति का दो बार अध्ययन कराया जा चुका है और इसकी रिपोर्ट भी मंत्री समूह के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव खुद भी उत्तर प्रदेश जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश की इस व्यवस्था को अब मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा।