ग्वालियर. : मिलावट रोकने के लिए अंचल में भेजे 36 अफसर !

मिलावट रोकने के लिए अंचल में भेजे 36 अफसर, सीएस नाराज, रोज सख्त कार्रवाई होगी
Gwalior Adultration News:ग्वालियर उच्च न्यायालय के निर्देशों के परिपालन में कलेक्टराें को विशेष दल गठित कर रोजाना सख्त कार्रवाई कर मिलावट से मुक्ति अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। इधर ग्वालियर-चंबल अंचल में मिलावट को रोकने के लिए 36 अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अभियान चलाने के लिए अंचल के जिलाें में भेजा गया है।
  1. खाद्य पदार्थाें में मिलावट को लेकर उच्च न्यायालय ग्वालियर की नाराजगी का असर
  2. मुख्य सचिव ने ली प्रदेशभर के अधिकारियों की बैठक,ग्वालियर-चंबल पर जोर

 ग्वालियर. मिलावटखोरी को लेकर देशभर में कुख्यात ग्वालियर-चंबल अंचल में उच्च न्यायालय ग्वालियर की नाराजगी के बाद प्रदेशभर में हड़कंप है। अफसर आए दिन कोर्ट में खड़े हो रहे हैं और कोई जवाब भी नहीं होता है। मिलावट को लेकर हो रही सिस्टम की किरकिरी के बीच प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा ने प्रदेशभर के कलेक्टरों व अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक लेकर काफी नाराजगी जाहिर की। ग्वालियर उच्च न्यायालय के निर्देशों के परिपालन में कलेक्टराें को विशेष दल गठित कर रोजाना सख्त कार्रवाई कर मिलावट से मुक्ति अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। इधर ग्वालियर-चंबल अंचल में मिलावट को रोकने के लिए 36 अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को अभियान चलाने के लिए अंचल के जिलाें में भेजा गया है। अब यह मौजूदा अधिकारियों के साथ रोज कार्रवाई करेंगे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुख्य सचिव राणा ने निर्देश दिये कि प्रदेश में “मिलावट से मुक्ति अभियान“ अंतर्गत जिलों में जिला कलेक्टरों द्वारा खाद्य पदार्थ में मिलावट के विरुद्ध निरंतर कार्रवाई करें। सभी जिले मिलावटी एवं नकली दूध निर्माताओं एवं मिलावटखोरी में लिप्त दूध, मावा, पनीर एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों के कारोबारियों के विरूद्ध तत्काल पुनः विशेष अभियान चलाया जाना सुनिश्चित करें।

क्यों अलर्ट पर अफसर: हाइकोर्ट अपनाए हुए है सख्त रवैया

हाईकोर्ट में ग्वालियर-चंबल संभाग में हो रही खाद्य पदार्थो की मिलावट को लेकर लगी याचिका में सुनवाई चल रही है। वर्तमान में यह मामला काफी तूल पकड़े हुए है । हाईकोर्ट न सिर्फ खाद्य पदार्थो की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है बल्कि व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। संभाग में हो रही मिलावट पर हर जिले में क्या किया जा रहा है इसे लेकर हाईकोर्ट बेहत सख्त रवैया अपनाए हुए हैं। हाल ही में भोपाल से आए खाद्य विभाग के अधिकारी से भी हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित आर्या ने इस बात का जिक्र किया था कि जिले के अधिकारियों को सैंपलिंग करना नहीं आता है। उन्हें यह तक नहीं पता है कि सैंपल कैसे एकत्रित करना है। कमाल की बात तो यह है कि अधिकारी मावा, दूध जैसे अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर शेष खाद्य पदार्थ जब्त करने के स्थान पर वापस कर देते हैं। इस सैंपलिग की प्रक्रिया पर नाराजगी जताते हुए हाईकोर्ट ने ग्वालियर चंबल संभाग के सभी कलेक्टरों को जमकर लताड़ा था।

तीन माह में 214 नमूनों की जांच, 57 प्रकरण दर्ज

ग्वालियर में खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने चलाए जा रहे अभियान के तहत बीते तीन माह में 214 सैंपल की जांच में 57 अमानक निकले। इनमें प्रकरण दर्ज किए गए। मिलावट रोकने छापामार कार्रवाई के साथ मिलावट की पहचान के लिए लोगों को जागरूक करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। गुरुवार को शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भितरवार व शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पीएमश्री डबरा में छात्र-छात्राओं को घर पर ही दाल-मसालों एवं दुग्ध उत्पादन में मिलावट का पता लगाने के तरीके बताए गए।

वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग के द्वारा 13 दिसम्बर 2023 को न्यू श्रीराम डेयरी भितरवार से खाद्य पदार्थ मिश्रित दूध, पनीर एवं मावा के नमूने लिए गए थे जो अवमानक-असुरक्षित आए। फर्म का पंजीयन निरस्त कर दिया गया।

इधर ग्वालियर में लैब अटकी,कलेक्टर ने उठाई बात

प्रदेश में खाद्य सैंपलों की जांच के लिए ग्वालियर में सालों से फूड लैब बन रही है लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो सकी है। 2019 में इसका भूमिपूजन किया गया था लेकिन अब ढांचा तैयार होने के बाद मशीनें शुरू नहीं हो सकी हैं। गुरूवार को वीसी में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने ग्वालियर की फूड लैब का बिंदु भी उठाया। यह लैब अब जल्द शुरू की जा सकती है। भोपाल में नमूने भेजने से रिपोर्ट लेट आती है, इस कारण ग्वालियर में कार्रवाई देर से हो

तीन माह में 214 नमूनों की जांच, 57 पर दर्ज हुए प्रकरण

खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने चलाए जा रहे अभियान के तहत बीते तीन माह में 214 सैंपल की जांच में 57 अमानक निकले। इनमें प्रकरण दर्ज किए गए। मिलावट रोकने छापामार कार्रवाई के साथ मिलावट की पहचान के लिए लोगों को जागरूक करने का अभियान भी चलाया जा रहा है। गुरुवार को शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भितरवार व शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पीएमश्री डबरा में छात्र-छात्राओं को घर पर ही दाल-मसालों एवं दुग्ध उत्पादन में मिलावट का पता लगाने के तरीके बताए गए। स्कूल परिसर में चलित खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला के माध्यम से खाद्य पदार्थों की मिलावट की जांच करने की बारीकियां बताई गईं। पिछले तीन माह के दौरान छापामार कार्रवाई कर विभिन्न दुकानों व फर्मों से खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने दो मसाला फर्मों को सील भी किया। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने के लिए अभियान को तेज करने के निर्देश खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यह काम नियमित रूप से किया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

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