विवादित चेहरों की छुट्टी, महिलाओं पर भरोसा…
विवादित चेहरों की छुट्टी, महिलाओं पर भरोसा…10 प्वाइंट में जानें पहली लिस्ट में छिपा BJP का ‘सीक्रेट मैसेज’
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 195 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. पीएम मोदी एक बार फिर उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट से चुनाव लड़ेंगे.
देश में लोकसभा चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले 400 पार के लक्ष्य के साथ बीजेपी ने 2 मार्च को 195 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. पहली लिस्ट में पार्टी ने 115 पुराने उम्मीदवारों के टिकट को बरकरार रखा है. जिसका मतलब है कि इस सूची में 60% उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें फिर से चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है.
कैंडिडेट की लिस्ट की घोषणा करते हुए, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि पार्टी की पहली सूची में 28 महिला, अनुसूचित जाति के 27, अनुसूचित जनजाति के 18 और अन्य पिछड़ा वर्ग के 57 उम्मीदवार शामिल हैं. साथ ही पार्टी ने 50 साल से कम उम्र के 47 उम्मीदवारों को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए टिकट दिया है.
इस लिस्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से मैदान में उतरेंगे. पीएम मोदी इस सीट पर लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं. जबकि गृह मंत्री अमित शाह को गुजरात के गांधीनगर से उम्मीदवार बनाया गया है और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लखनऊ से टिकट दिया गया है.
इतना ही नहीं उम्मीदवारों की पहली सूची में बीजेपी ने कई केंद्रीय मंत्री, जो वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं, उन्हें भी मैदान में उतारने का फैसला किया है. इन सांसदों में मनसुख मंडाविया (वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री) गुजरात के पोरबंदर से, भूपेंद्र यादव (पर्यावरण मंत्री) राजस्थान के अलवर से, ज्योतिरादित्य सिंधिया (केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री) मध्य प्रदेश के गुना से, परषोत्तम रूपाला (केंद्रीय पशुपालन मंत्री) राजकोट से, सर्वानंद सोनोवाल (केंद्रीय शिपिंग मंत्री) असम के डिब्रूगढ़ से और तिरुवनंतपुरम से प्रौद्योगिकी एवं सूचना राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, सहित अन्य कई नाम शामिल हैं.
ऐसे में इस रिपोर्ट में इस लिस्ट से जुड़ी उन 10 बड़ी बातों की चर्चा करेंगे जिसके बारे में आपका जानना बेहद जरूरी है
1. विवादास्पद नामों का कटा टिकट
400 सीट अपने नाम करने का टारगेट रखने वाली बीजेपी ने अपनी पहली सूची में उन सीटों पर खासकर फोकस किया है, जिसे पार्टी साल 2019 के चुनावों में हार गई थी.
इतना ही नहीं साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में जीती गई कुछ सीटों पर भी पार्टी ने अपने कैंडिडेट बदल दिए हैं. उदाहरण के तौर पर राजधानी दिल्ली की सीटें ही देख लीजिए. बीजेपी ने पहली लिस्ट में ही दिल्ली की 7 सीटों में से 5 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, उन 5 उम्मीदवारों में से सिर्फ एक मौजूदा सांसद को टिकट दिया गया है.
पार्टी ने विवादास्पद नामों जैसे, भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, जयंत सिन्हा, दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी और परवेश सिंह वर्मा को भी हटा दिया है.
बिधूड़ी वहीं सांसद हैं जिन्होंने साल 2023 में संसद सत्र के दौरान दानिश अली के खिलाफ अपनी नफरत भरी सांप्रदायिक भाषण देकर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया था. वहीं दूसरी तरफ साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जश्न मनाने वाली टिप्पणी से विवाद खड़ा कर दिया है.
दिल्ली सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा भी पिछले कुछ सालों में कई सांप्रदायिक बयान देकर विवादों में आ चुके हैं. वहीं हजारीबाग लोकसभा सीट से सांसद जयंत सिन्हा उस वक्त विवादों में फंस गए थे, जब उन्होंने कहा था कि उन्होंने और कुछ अन्य बीजेपी नेताओं ने झारखंड के रामगढ़ में मीट व्यापारी की लिंचिंग के आरोपियों की कानूनी फीस का भुगतान किया था. आरोपियों के बेल पर बाहर आने पर वह उनका स्वागत करते हुए देखे गए थे.
2. सिर्फ 14 प्रतिशत महिलाओं को मिला टिकट
195 उम्मीदवारों की लिस्ट में केवल 28 महिलाओं को ही टिकट दिया गया है. जिसका मतलब है कि सिर्फ 14 फीसदी महिलाओं को ही मैदान में उतारा गया है. इन 28 महिला प्रत्याशियों में बंगाल में तीन महिला कैंडिडेट हैं. इन तीनों में से एक हैं श्रीरुपा मित्रा चौधरी जो मालदा दक्षिण की कैंडिडेट हैं. दूसरी महिला प्रत्याशी हैं हुगली से लॉकेट चटर्जी और तीसरी प्रत्याशी हैं बोलपुर से प्रिया साहा.
छत्तीसगढ़ से भी तीन महिलाओं को लोकसभा का टिकट दिया गया है. इनमें तीन महिलाएं कोरबा से सरोज पांडेय, जांजगीर से कमलेश जांगड़े और महासमुंद से रूप कुमारी चौधरी शामिल हैं.
3. जनाधार वाले नेताओं को दिया है तवज्जो
बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी जगह ही है. इसके अलावा दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे-बेटी को टिकट दिया है. इन्हें टिकट देने से ये संदेश बाहर जा रहा है कि बीजेपी अपने जनाधार वाले नेताओं का भी पूरा ख्याल रखती है.
इन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों में एक हैं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान. चौहान को विदिशा से मैदान में उतारा गया है. इस बात की भी चर्चा तेज है कि अगर इस बार भी पार्टी केंद्र में सरकार बनाती है तो शिवराज को कोई बड़ा पद दिया जाएगा.
ठीक इसी तरह त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब त्रिपुरा वेस्ट और असम के पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल को डिब्रूगढ़ से मैदान में उतारा गया है. बीजेपी ने इसी लिस्ट में दुष्यंत सिंह को झालावाड़ से टिकट दिया है. दुष्यंत राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे है. दिल्ली की पूर्व सीएम सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज को नई दिल्ली से भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है.
4. पार्टी ने यूपी में सांसदों पर जताया विश्वास
उत्तर प्रदेश में पार्टी ने 80 में से 51 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इस लिस्ट सबसे ज्यादा यूपी के सांसदों को ही दोहराया गया है, जैसे मथुरा से एक बार फिर हेमा मालिनी मैदान में उतरेंगी, गोरखपुर से रवि किशन को टिकट दिया गया, अयोध्या से लल्लू सिंह प्रत्याशी होंगे, मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान और खीरी से अजय मिश्रा टेनी पर विश्वास जताया गया. इनके अलावा भी कई सांसदों पर पार्टी ने एक बार फिर से दांव खेला है.
5. पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और सुदर्शन भगत हुए ‘बेटिकट’
झारखंड में पार्टी ने पहली लिस्ट में कुल 14 में से 11 सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इस सूची में दो बड़े नेताओं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा और सुदर्शन भगत का नाम नदारद हैं. इन दोनों की जगह नए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है. हालांकि, इस राज्य में भी बीजेपी ने ज्यादातर सीटों पर पुराने चेहरों को ही मौका दिया है.
- खूंटी से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को मैदान उतारा जाएगा
- कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी चुनाव लड़ेंगी
- पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा सिंहभूम से चुनाव लड़ेंगी. गीता हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थी.
- रांची से संजय सेठ मैदान में उतरेंगे
- राजमहल से ताला मरांडी को चुनावी मैदान में उतारा जाएगा
इतना ही नहीं दुमका से सुनील सोरेन, गोड्डा से निशिकांत दुबे, हजारीबाग से मनीष जयसवाल, लोगरदगा से समीर उरांव, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो और पलामू से बीडी राम को टिकट दिया गया है.
6. राजस्थान में कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को मिली जगह
इस लिस्ट में राजस्थान के 25 लोकसभा सीटों में से 15 सीटों पर भाजपा ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी गई है. इस राज्य में 15 उम्मीदवारों में से पांच सीटों पर मौजूदा सांसदों का टिकट कट गया है. राजस्थान के सबसे अहम सीटों में से एक कोटा से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला प्रत्याशी बनाया गया है. जबकि, अलवर सीट से केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मैदान में उतारा गया है.
इस लिस्ट में ऐसे नेताओं को भी जगह दी गई है जो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में थे. इनमें से एक उम्मीदवार हैं ज्योति मिर्धा. उन्हें जाट चेहरा बनाते हुए नागौर से टिकट दिया है. इसी सीट पर साल 2019 में बीजेपी गठबंधन से हनुमान बेनीवाल सांसद रहे थे.
कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए उम्मीदवारों में एक नाम महेंद्रजीत सिंह मालवीय का भी है. पार्टी ने उन्हे आदिवासी चेहरे के तौर पर बांसवाड़ा सीट से उम्मीदवार बनाया है. महेंद्रजीत अशोक गहलोत सरकार में एक बार सांसद और मंत्री रह चुके हैं.
7. तिरुवनंतपुरम में चंद्रशेखर और शशि थरूर का हो सकता है मुकाबला
पार्टी ने केंद्र सरकार के दो राज्य मंत्रियों वी मुरलीधरन और राजीव चंद्रशेखर को अट्टिंगल और तिरुवनंतपुरम से मैदान में उतार दिया है. तिरुवनंतपुरम से फिलहाल कांग्रेस नेता शशि थरूर सांसद हैं. अगर थरूर इस बार भी इसी सीट से चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें चंद्रशेखर चुनौती देंगे.
8. ओवैसी के खिलाफ महिला कैंडिडेट
वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने तेलंगाना में डॉक्टर माधवी लता कोम्पेला को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में इस सीट पर इस बार का चुनाव दिलचस्प होने वाले है क्योंकि ऐसे पहली बार होगा जब हैदराबाद से एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ कोई महिला प्रत्याशी मैदान में उतरेंगी.
9. इन राज्यों में 100 प्रतिशत पुराने उम्मीदवार बरकरार
इस लिस्ट में कुछ राज्यों ऐसे भी हैं जहां की सिटों पर सारे पुराने प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारने का फैसला लिया गया है. ये राज्य हैं उत्तराखंड, अरुणचाल प्रदेश, दमन और दीव, जम्मू-कश्मीर, गोवा.
10. जल्द हो सकता है आम चुनावों का ऐलान
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि निर्वाचन आयोग इस महीने के आखिर में लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर देंगे. बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 303 सीटें अपने नाम की थी और इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 400 पार का लक्ष्य निर्धारित किया है. बीजेपी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अकेले 370 सीटें जीतने पर फोकस कर रही है.