RGPV के कुलपति प्रो. सुनील कुमार का इस्तीफा मंजूर

RGPV के कुलपति प्रो. सुनील कुमार का इस्तीफा मंजूर
19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में जमा कराने का आरोप, रूपम गुप्ता को प्रभारी कुलपति बनाया
RGPV प्रभारी कुलपति रूपम गुप्ता ने गुरुवार दोपहर 2 बजे पदभार ग्रहण कर लिया।

राजीव गांधी प्रौद्यौगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) के कुलपति प्रो. सुनील कुमार का इस्तीफा गुरुवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मंजूर कर लिया। इसके साथ ही RGPV की कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौद्यौगिकी डिपार्टमेंट की एचओडी प्रोफेसर रूपम गुप्ता को प्रभारी कुलपति बनाया है। उन्होंने दोपहर 2 बजे पदभार भी ग्रहण कर लिया। प्रभारी कुलपति प्रो. गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि वह यूनिवर्सिटी में औपचारिक रूप से काम की शुरुआत 11 मार्च से करेंगी।

उल्लेखनीय है बुधवार को छुट्‌टी से लौटने के बाद कुलपति प्रो. सुनील कुमार यूनिवर्सिटी में विभिन्न डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स के मुलाकात के बाद राजभवन जाकर राज्यपाल मंगू भाई पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। प्रो. सुनील कुमार का आरजीपीवी में बतौर कुलपति दूसरा कार्यकाल था। इसे जून 2025 में पूरा होना था।

प्रोफेसर रूपम गुप्ता की ओर से राज्यपाल को लेटर लिखकर पदभार ग्रहण करने की सूचना दे दी गई है।
प्रोफेसर रूपम गुप्ता की ओर से राज्यपाल को लेटर लिखकर पदभार ग्रहण करने की सूचना दे दी गई है।

मंत्री ने दी थी चेतावनी
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने RGPV में बड़ा घोटाला होने की बात कर कहा था कि कुलपति प्रो. सुनील नहीं हटते तो उन्हें सरकार हटाएगी। गांधीनगर थाने में कुलपति सहित पांच पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। ऐसे में प्रो. सुनील कुमार बुधवार को RGPV पहुंचे। कुछ प्रोफेसर्स के पास इस्तीफे की जानकारी पहुंचाई और कहा कि अब इस विश्वविद्यालय में दोबारा नहीं आऊंगा, लेकिन ऐसा कुछ करूंगा, जिससे विवि से एसोसिएशन (संपर्क) बना रहे। इसके बाद वे राजभवन पहुंचे और इस्तीफा सौंपा।

रजिस्ट्रार राजपूत और कंट्रोलर फायनेंस वर्मा के घर पर ताले
RGPV के 19.48 करोड़ रुपए फ्लैक्सी फिक्स डिपॉजिट अकाउंट के नाम पर प्राइवेट अकाउंट में जमा कराए जाने के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, फायनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा गायब है। दोनों अफसरों के घरों पर तीन दिन से ताला लगा हुआ है। इसकी पुष्टि आरजीपीवी के एक सीनियर अधिकारी ने की है।

RGPV के कुलपति प्रो. सुनील कुमार के इस्तीफे मंजूरी का आदेश।
RGPV के कुलपति प्रो. सुनील कुमार के इस्तीफे मंजूरी का आदेश।

भदौरिया के नाम की थी चर्चा
नए कुलपति नियुक्त होने तक प्रो. एस.एस. भदौरिया कार्यवाहक वीसी बनाए जाने की चर्चा थी। उन्होंने इस घोटाले को कम समय में उजागर करने और जांच समिति को दस्तावेज उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई। अभी वे विवि के सीनियर मोस्ट प्रोफेसर होने के साथ यूआईटी के डायरेक्टर भी हैं।

प्रभारी रजिस्ट्रार ने कराई थी एफआईआर
आरजीपीवी के प्रभारी रजिस्ट्रार डॉ. मोहन सेन ने RGPV कुलपति प्रो. सुनील कुमार, तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत, फायनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा , आरबीएल बैंक के तत्कालीन टास्क हेड कुमार मयंक और दलित संघ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। कुलपति प्रो. कुमार के खिलाफ जब एफआईआर दर्ज हुई, तब वह छुट्‌टी पर थे।

RGPV के 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में जमा कराए
कुलपति प्रो. सुनील कुमार, तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, फायनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने RGPV के 19.48 करोड़ रुपए कुमार मयंक के प्राइवेट खाते में जमा कराए हैं। कुमार मयंक और दलित संघ के अकाउंट में जमा कराए गए इन रुपयों के चैक पर कुलपति, तत्कालीन रजिस्ट्रार और फायनेंस कंट्रोलर के दस्तखत मामले की जांच कर रही तीन सदस्यीय समिति को मिले हैं।

RGPV के सभी बैंक खाते फ्रीज

यूनिवर्सिटी में करोड़ों के गबन का खुलासा होने के बाद RGPV प्रशासन ने अपने सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इसमें खास तौर पर एक्सिस बैंक और यूनियन बैंक के खाते हैं। इन बैंकों से कोई भी लेन-देन RGPV प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा। सिर्फ सैलरी के खाते ही चालू रखे गए हैं। करप्शन के इस पूरे खेल में 200 से 250 करोड़ रुपए का लेन-देन जांच के दायरे में है। 50 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाने के बाद करीब 20 करोड़ रुपए अवैध तौर पर निकाले जाने का खुलासा हो चुका है, और बाकी की जांच हो रही है।

आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही पुलिस
एडीशनल पुलिस उपायुक्त जोन-4 मलकीत सिंह ने बताया कि RGPV के 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने के मामले में आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटा रहे हैं। यूनिवर्सिटी के प्रभारी रजिस्ट्रार ने एफआईआर में विवि के तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, कंट्रोलर फायनेंस ऋषिकेष वर्मा, कुलपति प्रो. सुनील कुमार, प्राइवेट खाताधारक कुमार मयंक और सोहागपुर के दलित संघ को आरोपी बनाया गया है। एफआईआर में संबंधितों पर जो आरोप लगाए गए हैं, उन आरोपों के संबंध में जांच टीम, सबूत जुटा रही है। जांच में आरोपियों की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर की जाएगी।

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