चुनावों में जब्त हुए पैसे का क्या होता है ?

चुनावों में जब्त हुए पैसे का क्या होता है, ऐसे मामलों में कार्रवाई क्या होती है? जानें सभी नियम
Election 2024: चुनावों की शुचिता बनाए रखने लिए निर्वाचन आयोग ने 2015 में मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी की थी। चुनावों में मतदाताओं के प्रलोभन के लिए नकदी, उपहार वस्तुएं, मदिरा या मुफ्त भोजन का वितरण, अथवा मतदाताओं को डराने के लिए धन-बल का इस्तेमाल अपराध है।

ये मौसम चुनावों का है। चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान पहले ही कर चुका है। 19 अप्रैल से लेकर 1 जून के बीच देशभर में सात चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। आम चुनाव 2024 के पहले चरण का नामांकन दाखिला बुधवार से शुरू हो गया है। 

इससे पहले चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए निर्वाचन आयोग ने चुनावों में धन और बल के इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई करने पर जोर दिया था। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया था कि नकदी के गैरकानूनी इस्तेमाल को रोकने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।

आइये जानते हैं कि नकदी के गैरकानूनी इस्तेमाल पर क्या नियम हैं? जो पैसा जब्त किया जाता है उसका क्या होता है? कैसे पता चलता है कि जब्त की गई नकदी गैरकानूनी है? अगर जब्ती कानूनी है तो क्या होता है?

धन-बल के इस्तेमाल को रोकने कि लिए क्या नियम हैं?
चुनाव के दौरान मतदाताओं के प्रलोभन के लिए नकदी, उपहार वस्तुएं, मदिरा या मुफ्त भोजन का वितरण, अथवा मतदाताओं को डराने के लिए धन-बल का इस्तेमाल किया जा रहा है तो ये आईपीसी की धारा 171 ख और 172ग के अंतर्गत अपराध है। इसके अलावा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 123 के अंतर्गत भी इन गतिविधियों  को भ्रष्ट आचरण माना गया है। चुनावों की शुचिता बनाए रखने लिए निर्वाचन आयोग ने 2015 में मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की थी। इसके तहत निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में अत्यधिक प्रचार खर्चों, घूस की वस्तुओं का नकद या वस्तु रूप में वितरण, अवैध हथियारों, गोला-बारूद, मदिरा, या असामाजिक तत्वों आदि की आवाजाही पर निगरानी रखने के लिए उड़न दस्तों का गठन किया जाता है।

Election 2024: What happens to the money seized during elections and the action taken
चुनाव आयोग – फोटो : ANI
उड़न दस्ता क्या होता है और इसके काम क्या होते हैं?
एसओपी के अनुसार प्रत्येक विधानसभा/लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र/खण्ड में तीन या अधिक उड़न दस्ते (एफ.एस.) होने चाहिए। उड़न दस्ता निर्वाचन की घोषणा की तारीख से काम करना शुरू करता है और मतदान खत्म होने तक काम करता रहता है।उड़न दस्ते के काम 

  • उड़न दस्ता आदर्श आचार संहिता के उल्लंघनों और संबद्ध शिकायतों के सभी मामलों पर कार्रवाई करता है। 
  • डराने, धमकाने, असामाजिक तत्वों, मदिरा, हथियार और गोला-बारूद और निर्वाचकों को रिश्वत देने के लिए भारी मात्रा में नकदी को लाने-ले जाने आदि की सभी शिकायतों पर कार्रवाई करता है।
  • उम्मीदवारों या राजनीतिक दल द्वारा या निर्वाचन संबंधी सभी शिकायतों पर कार्रवाई करता है।  
  • चुनावों की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों द्वारा की जाने वाली प्रमुख रैलियों, सार्वजनिक बैठकों या अन्य बड़े खर्चे की वीडियो निगरानी दल (बीएसटी) की सहायता से वीडियोग्राफी की जाएगी।
कब जब्त की जाती है नकदी?
संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों में जरूरत के आधार पर एक से अधिक उड़न दस्ते होते हैं। नियम के मुताबिक, जब कभी भी नकदी या शराब या रिश्वत की कोई अन्य वस्तु के वितरण के संबंध में या असामाजिक तत्वों या हथियारों और गोला-बारूद के लाने और ले जाने के संबंध में कोई शिकायत मिलती है जो उड़न दस्ता मौके पर तत्काल पहुंचेगा। किसी भी अपराध होने की आशंका में उड़न दस्ते के प्रभारी पुलिस अधिकारी नकदी या घूस की मदों या ऐसी अन्य मदों को जब्त करेगा। जिन व्यक्तियों से मदें जब्त की गई हैं उड़न दस्ता उनके और गवाहों के बयान रिकार्ड करेगा और साक्ष्य जुटाएगा। इसके साथ ही जिस व्यक्ति से ऐसी मदें जब्त की गई है उसको जब्ती का समुचित पंचनामा जारी किया जाएगा। उड़न दस्ता यह सुनिश्चित करेगा कि अधिकारिता वाले न्यायालय में 24 घंटे के भीतर मामले को प्रस्तुत किया जाए। रिश्वत या नकदी की जब्ती के बारे में रिपोर्ट उड़न दस्ता के मजिस्ट्रेट से होते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी तक भेजी जाएगी। इस पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग की जाएगी। उड़न दस्ते के प्रभारी अधिकारी द्वारा (1) रिश्वत लेने और देने वाले व्यक्तियों (ii) ऐसे अन्य व्यक्ति, जिनसे निषिद्ध वस्तुएं जब्त की गई है या (iii) ऐसे अन्य असामाजिक तत्व, जो गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं; के विरुद्ध शिकायतें / एफआईआर तत्काल दाखिल भी करेंगे।
 

किन-किन मामलों में होती है जब्ती?
जांच के दौरान यदि, उम्मीदवार, उसके एजेंट या पार्टी कार्यकर्ता को ले जाने वाले किसी वाहन में 50,000 रुपये से अधिक की नकदी पाई जाती है या वाहन में पोस्टर और निर्वाचन सामग्री या कोई ड्रग्स, शराब, हथियार या 10,000 रूपये के मूल्य से अधिक की ऐसी उपहार वस्तुएं से जाई जा रही है, जिनका इस्तेमाल निर्वाचकों को प्रलोभन दिए जाने के लिए किए जाने की आशंका हो या वाहन में कोई अन्य गैर-कानूनी वस्तुएं पाई जाती है तो वे जब्त किए जाएंगे। जांच किए जाने और जब्ती के पूरे घटनाक्रम को वीडियो या सीसीटीवी में दर्ज किया जाएगा।यदि वाहन में 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी पाई जाती है और किसी अपराध से जुड़े होने या किसी उम्मीदवार या एजेंट या पार्टी पदाधिकारी से जुड़े होने का कोई संदेह नहीं होता है तो स्थैतिक निगरानी दल (एसएसटी) नकदी जब्त नहीं करेगा। एसएसटी आयकर कानूनों के तहत कार्रवाई करने के लिए आयकर को सूचना दे देगा। जांच के दौरान यदि किसी अपराध होने की कोई आशंका है तो कार्यकारी मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुसार एसएसटी नकदी या अन्य मदों की जब्ती करेगी। इसके बाद एसएसटी के प्रभारी पुलिस अधिकारी द्वारा क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय में 24 घंटे के भीतर शिकायत/एफआईआर दर्ज की जाएगी। 

जब्ती के बाद क्या होता है?
जब्ती के बाद जब्त की गई धनराशि न्यायालय के निर्देशों के तहत जमा की जाएगी और 10 लाख रुपये से अधिक की नकदी की जब्ती की एक प्रति इस आयकर विभाग को भेजी जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी जब्त नकदी प्राप्त करने के लिए कोषागार इकाईयों को आवश्यक आदेश देंगे। 
नकदी वापस भी होती है क्या?
आम जनता और सही व्यक्तियों को असुविधा से बचाने के लिए और उनकी शिकायतों का निवारण करने के लिए जिला स्तर पर एक समिति होती है। समिति में जिले के तीन अधिकारी होते हैं। समिति, पुलिस या एसएसटी या उड़न दस्ते द्वारा की गई जब्ती के प्रत्येक मामले की अपनी ओर से जांच करती है। यदि समिति यह पाती है कि जब्ती के संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं है या यह जब्ती किसी उम्मीदवार या राजनीतिक दल या किसी चुनाव प्रचार आदि से जुड़ी हुई नहीं है तो यह ऐसे व्यक्तियों को जिनसे नकदी जब्त की गई थी, को ऐसी नकदी रिलीज करने के बारे में एक स्पीकिंग आदेश जारी जारी होता है। समिति सभी मामलों का अवलोकन करेगी और जब्ती पर निर्णय लेगी।यदि रिलीज की गई नकदी 10 लाख रुपये से अधिक है, तो रिलीज किए जाने से पहले आयकर विभाग के नोडल अधिकारी को सूचित किया जाएगा। जिले में गठित समिति नकदी आदि की जब्ती के सभी मामलों पर उचित कार्रवाई करेगी। जब्त की गई नकदी या जब्त की गई कीमती वस्तुओं से संबंधित मामले, मालखाना या कोषागार में मतदान के एक हफ्ते से अधिक समय से ज्यादा लंबित नहीं रखे जाएगे जब तक कि कोई प्राथमिकी न दर्ज की गई हो। यह रिटर्निंग अधिकारी का उत्तरदायित्व होगा कि वे ऐसे सभी मामलों को अपीलीय समिति के सामने प्रस्तुत करें और अपीलीय समिति के आदेशानुसार नकदी या कीमती वस्तुओं को रिलीज करें। 

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