5 IAS जो हर सरकार में पावरफुल !
5 IAS जो हर सरकार में पावरफुल:कमलनाथ से लेकर डॉ. मोहन सरकार में मिली बड़ी जिम्मेदारी, आखिर इन पर भरोसे की क्या वजह
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने पहले सरकार ने 100 से ज्यादा IAS अफसरों को इधर से उधर किया। इनमें से कुछ IAS अफसर ऐसे थे, जो शिवराज सिंह चौहान की सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे थे, उन्हें छोटे महकमों में भेज दिया लेकिन 5 सीनियर IAS अफसरों पर मोहन सरकार में भी भरोसा बरकरार रहा। इस रिपोर्ट में पढ़िए इन अफसरों की तीन सरकारों में मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और उसकी वजह..
मोहम्मद सुलेमान : सब बदले पर चार साल से हेल्थ में कायम
कमलनाथ सरकार: उद्योग और औद्योगिक निवेश जैसा बड़ा विभाग था। जनवरी 2019 में सीएम कमलनाथ के साथ स्विट्जरलैंड भी गए। बाद में इनवेस्टर्स की कॉन्क्लेव भी कराई।
शिवराज सरकार: कोरोना की एंट्री के साथ शिवराज सरकार के गठन पर ACS हेल्थ की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो अब तक उन्हीं के पास है।
मोहन सरकार: 13 दिसंबर 2023 को शपथ लेने के बाद डॉ. मोहन यादव ने कमोबेश अधिकतर एसीएस के तबादले कर दिए हैं, पर सुलेमान एसीएस हेल्थ बने हुए हैं।
भरोसे की वजह : सीएम के निर्देशों पर क्विक एक्शन और मैदानी कार्रवाई।
राजेश राजौरा : तीनों सरकार में महत्वपूर्ण महकमे संभाले
कमलनाथ सरकार: कृषि विभाग की जिम्मेदारी संभाली। उनके दौर में ही कांग्रेस की किसान कर्ज माफी योजना लागू हुई। वे सरकार के पावर सेंटर में रहे।
शिवराज सरकार: मार्च 2020 में गृह और धर्मस्व विभाग के ACS बने। कोरोना काल में उनके आदेश चर्चा में रहे। 2023 में भाजपा की नई सरकार बनने तक वे इसी पद पर रहे।
मोहन सरकार: जल संसाधन जैसे बड़े विभाग का जिम्मा सौंपा है। इस दौरान केन बेतवा, चंबल काली-सिंध पार्वती नदी लिंक नदी जोड़ो योजना पर काम तेज हुआ है।
भरोसा इसलिए : जनता के मूड को भी भांपने में माहिर, इसलिए मैदानी जांच-पड़ताल में आगे रहते हैं।
मलय श्रीवास्तव : हर सरकार में बड़े विभाग की जिम्मेदारी मिली
कमलनाथ सरकार: लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव रहे। परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव का जिम्मा भी संभाल रहे थे। सरकार ने ट्रांसफर के बाद उन्हें महत्वपूर्ण विभाग सौंपे थे।
शिवराज सरकार: पीएचई विभाग में जल जीवन मिशन के काम कराने की जिम्मेदारी संभालते रहे। यह पीएम नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। बाद में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के एसीएस का जिम्मा मिला।
मोहन सरकार: मोहम्मद सुलेमान के बाद दूसरे ऐसे अफसर हैं जिनका तबादला डॉ. मोहन यादव सरकार में नहीं हुआ है। पंचायत और ग्रामीण विकास जैसा भारी महकमा अब भी है।
भरोसे की वजह: किसी भी स्थिति में और किसी भी तरह का टास्क पूरा करने में माहिर हैं।
एसएन मिश्रा : हर बार मिला महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा
कमलनाथ सरकार: शिवराज सरकार के 2018 के कार्यकाल में प्रमुख सचिव बनाए गए थे। कमलनाथ सरकार में गृह जैसा महत्वपूर्ण विभाग सौंपा गया।
शिवराज सरकार: जल संसाधन और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभाग सौंपे गए। तीन साल से अधिक समय तक एसीएस जल संसाधन के रूप में काम करते रहे।
मोहन सरकार : जनजातीय कार्य विभाग का भी जिम्मा मिला। विभाग 2 बार बदले गए और अब कृषि उत्पादन आयुक्त का महत्वपूर्ण जिम्मा भी उन्हीं के पास है।
भरोसे की वजह : सादगी और सीएम व मंत्रियों के साथ बेहतर संवाद।
मनीष रस्तोगी : घोटाला उजागर किया, बड़ी जिम्मेदारी मिली
कमलनाथ सरकार : राजस्व और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव रहे। इस दौरान जल संसाधन विभाग का ई-टेंडर घोटाला उजागर किया था। राजस्व से जुड़े वर्षों पुराने नियमों में बदलाव कराया।
शिवराज सरकार : चार साल तक लगातार मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे। इस दौरान करीब दो साल तक राजस्व विभाग भी रहा। सीधे जनता से जुड़ा लोक सेवा प्रबंधन विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली।
मोहन सरकार : 44 दिन तक वे बिना काम के रहे लेकिन इसके बाद पीएस जेल विभाग जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली। इसके अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी भी दी गई।
भरोसे की वजह : हर आने वाले की बात सुनना और समाधान तक पहुंचाना।
100 दिन में 23 सीनियर आईएएस के विभाग बदले
डॉ. मोहन सरकार ने अपने 100 दिन कार्यकाल में 23 सीनियर आईएएस के विभाग बदले हैं। ये एसीएस और पीएस स्तर के अधिकारी हैं। इनमें कुछ अफसर ऐसे हैं जो शिवराज सरकार में महत्वपूर्ण महकमों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अब वे लूप लाइन माने जाने वाले विभागों में भेज दिए गए हैं। विनोद कुमार शिवराज सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस थे। अब इन्हें महानिदेशक बनाकर प्रशासन अकादमी भेज दिया। प्रमुख सचिव में उमाकांत उमराव के पास पहले पंचायत एवं ग्रामीण विकास और बाद में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग था। अब इन्हें राजस्व मंडल ग्वालियर में सदस्य पदस्थ किया है।
100 दिन में 22 जिलों के कलेक्टर बदले
डॉ. मोहन यादव की सौ दिन पुरानी सरकार में अब तक 55 जिलों में से 22 जिलों के कलेक्टर बदले जा चुके हैं। गुना में तरुण राठी को हटाने के बाद अमनबीर सिंह बैंस कलेक्टर बनाए गए थे और अब सतेंद्र सिंह नए कलेक्टर के रूप में काम कर रहे हैं। इसके अलावा चंबल, ग्वालियर, इंदौर, रीवा, शहडोल, उज्जैन के संभागायुक्त बदले जा चुके हैं।
इंदौर पुलिस कमिश्नर और 20 जिलों के एसपी हटाए
मोहन सरकार में शुरुआत में एसपी को नहीं हटाया गया लेकिन बाद में इनके तबादले तेजी से हुए। इंदौर के पुलिस आयुक्त भी बदले गए हैं। यहां के पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे, इसलिए यहां नए अफसर की पोस्टिंग की गई है। साथ ही, यहां नगरीय पुलिस आयुक्त प्रणाली में नियुक्त एसपी स्तर के अधिकारी भी हटाए गए हैं। डिंडोरी जिले में तो तीन माह में दो एसपी पदस्थ किए गए हैं।