ग्वालियर : 6 महीने बाद भी फरार हैं अड़ीबाज पुलिसकर्मी ?

6 महीने बाद भी फरार हैं अड़ीबाज पुलिसकर्मी …
पुलिस अपने साथियों को पकड़ नहीं रही या वो जानते हैं पुलिस से बचने के पैंतरे
पुलिस की गिरफ्त से फरार तीनों पुलिसकर्मी। वर्दी में निलंबित सब  इंस्पेक्टर मुकुल यादव, इसके अलावा निलंबित क्राइम ब्रांच के जवान - Dainik Bhaskar

पुलिस की गिरफ्त से फरार तीनों पुलिसकर्मी। वर्दी में निलंबित सब इंस्पेक्टर मुकुल यादव, इसके अलावा निलंबित क्राइम ब्रांच के जवान
  • दस-दस हजार का इनाम भी है घोषित

18 सितंबर 2023 को क्रिकेट सटोरियों से 23 लाख रुपए की अड़ीबाजी करने वाले क्राइम ब्रांच के दो जवान व गोला का मंदिर थाना के सब इंस्पेक्टर को फरार हुए 6 महीने हो चुके हैं। इन पर एसपी ग्वालियर की ओर से 10-10 हजार रुपए का नकद ईनाम भी घोषित है। अब समझ यह नहीं आ रहा कि पुलिस इनको पकड़ना नहीं चाहती है या फिर आरोपी पुलिस वाले हैं इसलिए पुलिस के सारे पैंतरों से रूबरू हैं। छह महीने से यह पूरे पुलिस विभाग को चकमा दे रहे हैं।

ऐसे समझिए पूरा मामला
18 सितंबर 2023 की रात को गोला का मंदिर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक मुकुल यादव को थाना सिरोल के अंतर्गत आने वाली एमके सिटी टाउनशिप के फ्लैट नंबर-105 में क्रिकेट पर सट्टा लगवाने की खबर मिली थी। एसआई ने इसकी सूचना क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षक विकास तोमर और आरक्षक राहुल यादव को दी। इसके बाद तीनों एमके सिटी के फ्लैट नंबर 105 में पहुंचे। बताया जाता है कि इनके साथ एक निजी व्यक्ति भी था। इन लोगों ने फ्लैट में घुसकर 15 सट्टेबाजों को पकड़ा था, तीनों पुलिसकर्मियों ने इन सटोरियों के पास से 10 हजार रुपए नकद व दो मोबाइल छीन लिए थे। जब पुलिस ने इनके मोबाइल देखे तो उसमें लाखों रुपये का हिसाब-किताब मिलते ही पुलिसकर्मियों की नीयत बदल गई। यहां एसआई मुकुल यादव ने अपनी पिस्टल दिखाकर सटोरियों को धमकाया और उनसे बैंक खातों की जानकारी मांगी। इसके बाद नेट बैंकिंग का पासवर्ड पूछा और दो खातों से 23 लाख 25 हजार रुपए दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिए। इसके बाद सिरोल थाना पुलिस को कार्रवाई के लिए सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद सिरोल थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की थी।

तत्कालीन मंत्री के हस्तक्षेप के बाद हुई थी FIR
तीनों पुलिसकर्मियों के द्वारा की गई कार्रवाई की खबर तो पुलिस अफसरों तक पहुंची लेकिन इसमें हुए खेल की जानकारी अफसरों को नहीं थी। लेकिन सुबह होते ही अड़ीबाजी की खबर पुलिस के आला अफसरों तक भी पहुंच गई थी। जब सटोरियों के बयान लिए तो उन्होंने अड़ीबाजी की पूरी कहानी का खुलासा किया। यहां बता दें कि सभी आरोपी दतिया जिले के रहने वाले थे। इसी बीच प्रदेश की भाजपा सरकार के एक तत्कालीन मंत्री के हस्तक्षेप के बाद 23 लाख रुपए की अड़ीबाजी करने वाले सब इंस्पेक्टर, हवलदार व सिपाही पर FIR दर्ज कर उन्हें निलंबित किया गया था। तत्कालीन एसपी ने उन पर 10-10 हजार का इनाम घोषित किया गया था। तभी से यह तीनों पुलिसकर्मी फरार हैं।

अपने ही दे रहे पुलिस को चुनौती
बता दें कि पुलिसकर्मियों की इस करतूत से नाराज तत्कालीन एसपी राजेश सिंह चंदेल ने क्राइम ब्रांच के एएसपी शियाज केएम को इस मामले की जांच सौंपी थी। एएसपी ने जांच की और तीन सटोरियों के दोबारा बयान लिए गए थे। बयान में तीनों पुलिसकर्मियों द्वारा उनसे 23.25 लाख रुपए हथियार की दम पर डरा धमकाकर वसूलने की पुष्टि हुई थी। तभी से तीनों पुलिसकर्मी फरार हैं। पुलिस के लिए पुलिस वाले आरोपियों को पकड़ना ही चुनौती बना हुआ है। 6 महीने बाद भी एक भी आरोपी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। तीनों फरार आरोपी पुलिस से जुड़े रहे हैं इसलिए वह पुलिस से बचने के पैंतरे अच्छी तरह जानते हैं।

पुलिस का कहना
इस मामले में सीएसपी हिना खान का कहना है कि मामले की जांच और आरोपियों की तलाश जारी है, लेकिन अभी सफलता नहीं मिली है। फिलहाल और कुछ नहीं कह सकती हूं।

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