कंपनियां मसालों में मिला रहीं कैंसर सब्सटेंस …! बाजार के मसालों से बचें …

कंपनियां मसालों में मिला रहीं कैंसर सब्सटेंस …!
बाजार के मसालों से बचें, घर पर बनाएं शुद्ध मसाले, रहें सुरक्षित

इंडियन ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) के मुताबिक 2023-24 में (फरवरी 2024 तक) भारत ने 3.67 बिलियन डॉलर यानी करीब 30 हजार करोड़ रूपए के मसालों का निर्यात किया।

मसाले हिंदुस्तानी रसोई की भी जान हैं। मसालों के बिना वेज हो या नॉनवेज, किसी भी स्वादिष्ट खाने की कल्पना नहीं की जा सकती।

मसाले हमारे खाने में सिर्फ खुशबू ही नहीं, बल्कि स्वाद में भी चार चांद लगा देते हैं। साथ ही मसाले इम्यूनिटी बूस्ट करने से लेकर पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने तक, हर चीज में मददगार हैं।

लेकिन हाल में भारत के दो प्रमुख मसालों के ब्रांड एवरेस्ट और एमडीएच के कुछ प्रोडक्ट्स की क्वालिटी को लेकर हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में उठे सवालों ने सबकी चिंता बढ़ा दी है। जांच में इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड नाम का तत्व पाया गया, जो बहुत खतरनाक है। यह केमिकल कैंसर का कारण भी बन सकता है।

जिन मसालों को अब तक हम आंख मूंदकर इस्तेमाल कर रहे थे, अब हमें पता चला कि वह हमारे खाने का स्वाद बढ़ाने की बजाय हमारे शरीर को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का घर बना रहा है।

यह एक चेतावनी है कि हमें बाजार के मसाले खरीदने की बजाय घर पर ही मसाले बनाने चाहिए। यह स्वादिष्ट और सुरक्षित दोनों होंगे।

घर पर बने मसाले पूरी तरह केमिकल्स फ्री होते हैं। इन्हें खाने में शामिल करने से किसी तरह की बीमारी होने का खतरा नहीं है।

 हम आपके लिए लेकर आए हैं भारतीय मसालों की खास रेसिपी। आज हम इन चार तरह के मसालों को घर में बनाने की विधि बताएंगे-

  • गरम मसाला
  • चिकन मसाला
  • सब्जी मसाला
  • कलौंजी मसाला

तो आइए शुरू करते हैं।

गरम मसाला

गरम मसाला हमारे किचन में रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीज है। कोई भी सब्जी बनानी हो, दो चुटकी गरम मसाले के बगैर बात नहीं बनती।

तो आइए जानते हैं घर पर गरम मसाला बनाने की रेसिपी।

चिकन मसाला

भुने हुए देसी मसालों के साथ घर का बना चिकन मसाला पाउडर बनाना बेहद आसान है। यह आपके चिकन को अद्भुत स्वाद और खुशबू देता है। इस चिकन मसाले से हम कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बना सकते हैं। आप चाहें तो इस मसाले को लंबे समय तक स्टोर करके भी रख सकते हैं।

सब्जी मसाला

सब्जी मसाला पाउडर किसी भी भारतीय रसोई का अभिन्न अंग होता है। इसका इस्तेमाल सूखी सब्जी से लेकर ग्रेवी वाली सब्जियों तक में किया जाता है। घर पर बने सब्जी मसाले की खुशबू इतनी कमाल होती है कि आसपास के चार घर उसकी महक से खिल उठें।

तो आइए, बनाते हैं घर पर सब्जी मसाला।

कलौंजी मसाला

कलौंजी मसाला एक भुना हुआ मसाला पाउडर होता है, जिसका इस्तेमाल सब्जियों की कलौंजी बनाने में किया जाता है। भिंडी, करेला, परवल या बैंगन- किसी भी सब्जी की कलौंजी में यह मसाला चार चांद लगा देता है।

इन होम रेसिपीज के बाद आइए कुछ और जरूरी तथ्यों और सावधानियों पर भी नजर डाल लें।

मिलावटी मसालों से बचें, बरतें सावधानियां

बाजार में मिलने वाले मिलावटी मसालों से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में कुछ सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है। जैसेकि-

  • खुले में बिकने वाले पिसे हुए मसाले खरीदने से बचना चाहिए।
  • सिर्फ खुले में बिक रहे मसाले ही नहीं, बल्कि अब तो सो कॉल्ड विश्वसनीय ब्रांड के मसालों पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता। अगर आपके शहर में या आपके आसपास कोई सहकारी महिला गृह उद्योग है या कुछ महिलाएं मिलकर घर में कोई छोटा-मोटा मसालों का बिजनेस करती हैं तो आप उस मसाले पर फिर भी यकीन कर सकते हैं। लेकिन मास प्रोडक्शन वाले कंपनी प्रोडक्ट को लेकर थोड़ा सजग रहें।
  • कोई भी प्रोडक्ट खरीदते हुए लेबल पर FSSAI का लाइसेंस नंबर जरूर चेक करें।
  • प्रतिष्ठित दुकानों से ही साबुत मसाले खरीदें और साफ करने के बाद घर पर पीसें। पिसे हुए मसालों की तुलना में साबुत मसालों में मिलावट की संभावना आमतौर पर कम होती है।
  • अधिक चमक वाले मसाले न खरीदें क्योंकि इनमें मिलावट होने की आशंका ज्यादा होती है।
  • अगर पिसे हुए मसाले में गांठें बन रही हैं या किसी तरह की गंध आ रही है तो उसे कभी न खरीदें।
  • मसाले खरीदने से पहले हमेशा मैन्युफैक्चरिंग डेट, मैन्युफैक्चरर की डिटेल, एक्सपायरी डेट और लेबल को अच्छे से पढ़ें।

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