एक हजार बिस्तर के अस्पताल के द्वार पर … रास्ता रोक रहा अतिक्रमण

इलाज तब मिले जब अस्पताल पहुंचे, रास्ता रोक रहा अतिक्रमण
अस्थायी अतिक्रमण के कारण एक हजार बिस्तर के अस्पताल के द्वार पर ही रुकावटें बैठ गई हैं। द्वार के आसपास हाथ ठेले से लेकर हाकर्स तक बैठ गए हैं, यहीं अब एंबुलेंस भी खड़ी होने लगी हैं।
Smart Road in Gwalior: इलाज तब मिले जब अस्पताल पहुंचे, रास्ता रोक रहा अतिक्रमण
  1. अस्थायी अतिक्रमण की अव्यवस्था के कारण एक हजार बिस्तर के अस्पताल का गेट बना जाम का पाइंट
  2. अस्थायी अतिक्रमण के कारण एक हजार बिस्तर के अस्पताल के द्वार पर ही रुकावटें बैठ गई हैं
ग्वालियर। अस्थायी अतिक्रमण के कारण एक हजार बिस्तर के अस्पताल के द्वार पर ही रुकावटें बैठ गई हैं। द्वार के आसपास हाथ ठेले से लेकर हाकर्स तक बैठ गए हैं, यहीं अब एंबुलेंस भी खड़ी होने लगी हैं। इसके चलते डाक्टर से लेकर मरीज और अटेंडर तक परेशान हैं। इस अव्यवस्था के कारण यहां जाम का नया पाइंट भी बन गया है, लेकिन न तो ट्रैफिक पुलिस का ध्यान इस तरफ है और न ही निगम के मदाखलत अमले का।
जेएएच प्रबंधन इसको लेकर नगर निगम को पत्राचार कर चुका है, लेकिन समस्या का समाधान अब तक नहीं हो सका है। यही हालात माधव डिस्पेंसरी स्थित मुख्य गेट पर हैं। मरीज और स्वजन की परेशानी को जिम्मेदारों द्वारा नजर अंदाज किया जा रहा है, इसके चलते साठगांठ से इनकार नहीं किया जा सकता। एक हजार बिस्तर के अस्पताल पर रोजाना सुबह ओपीडी का संचालन होने से मरीज और अटेंडरों की भीड़ लगी रहती है। इससे यह अंचल का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल बाहर से देखने पर निजी अस्पताल जैसा ही दिखता है, लेकिन अस्पताल के गेट पर ही अतिक्रमण है, गेट गंदगी है, क्योंकि चाय, नाश्ता, खाने के ठेले लग रहे हैं। बाहर फुटपाथ पर ठेले खड़े होने के साथ सड़क पर भी ठेले लग जाते हैं। यहां पैदल चलना तक मुश्किल है। बावजूद इसके जिम्मेदार बेखबर हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा ननि को किए पत्राचार को नजरअंदाज किया जा रहा है। इससे समस्या कम होने की बजाय बढ़ रही है।
गेट पर खड़ी होने लगी हैं निजी एंबुलेंस

eक हजार बिस्तर के अस्पताल और माधव डिस्पेंसरी गेट के बाहर स्मार्ट रोड पर निजी एंबुलेंस का कब्जा शुरू हो गया है। इससे सड़क का एक हिस्सा निजी एंबुलेंस चालकों ने ही घेर लिया है। सड़क के दूसरी तरफ भी एंबुलेंस खड़ी हो रही हैं। वहीं हाथ ठेलों के कब्जे के बाद टेंपो, आटो और ई-रिक्शा यहां सुबह से शाम तक खड़े रहते हैं। हालात यह हो गए हैं कि आधी से भी कम सड़क से ट्रैफिक गुजर रहा है।

पुलिस व नगर निगम को कार्रवाई करनी चाहिए

यातायात पुलिस और नगर निगम को यहां कार्रवाई करना चाहिए। हम इस संबंध में नगर निगम को पत्राचार कर चुके हैं। पहले काफी कम अतिक्रमण थे। फुटपाथ तक इन्होंने घेर लिए हैं। -डा.आरकेएस धाकड़, अधीक्षक, जयारोग्य अस्पताल।

अमला चुनाव में व्यस्त होने के कारण सड़क पर अतिक्रमण और अव्यस्थित तरीके से खड़े होने वाले वाहनों और ठेले वालों पर कार्रवाई नहीं की जा सकी, लेकिन अब जल्द ही अमले को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। सड़क अतिक्रमण को हटवाया जाएगा।

मदाखलत प्रभारी, नगर निगम।

……………………………………….

अस्पताल पहुंचने में एंबुलेंस और मरीज की अटक जाती हैं सांसें
स्मार्ट रोड के फुटपाथ और सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों को हटाने के साथ बिगड़े ट्रैफिक को सुधारने के लिए अफसर भले ही कई बार मंथन कर समाधान करने का निर्णय ले चुके हैं, लेकिन अब तक वह राजपायगा स्मार्ट रोड का हाल नहीं सुधार पाए हैं।
Smart Road in Gwalior: अस्पताल पहुंचने में एंबुलेंस और मरीज की अटक जाती हैं सांसें
  1. व्यस्त समय ही नहीं..दिन भर सड़क पर होती है अवैध पार्किंग, लगता है जाम, ट्रैफिक मैंनेजमेंट फेल
  2. सुधार के लिए अफसर बना चुके हैं प्लान, लेकिन हुआ अब तक कुछ नहीं

 ग्वालियर: स्मार्ट रोड के फुटपाथ और सड़क पर खड़े होने वाले वाहनों को हटाने के साथ बिगड़े ट्रैफिक को सुधारने के लिए अफसर भले ही कई बार मंथन कर समाधान करने का निर्णय ले चुके हैं, लेकिन अब तक वह राजपायगा स्मार्ट रोड का हाल नहीं सुधार पाए हैं। अफसरों की लापरवाही से सड़क की इंजीनियरिंग भी हांफने लगी है। कारण यातायात सुगम बनाने के लिए जिम्मेदार विभागों में तालमेल के अभाव के कारण यहां से फुटपाथ पर हुए अवैध अतिक्रमण और सड़क पर लगने वाली अवैध पार्किंग नहीं हट सकी है, जबकि जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन अतिक्रमण हटाने के लिए अफसरों को कई बार पत्र लिख चुका है, लेकिन इनका कोई असर नहीं हुआ है।

तीजा यह है कि अस्पताल तक पहुंचने में एंबुलेंस और मरीज की कई बार सांसें अटक जाती हैं। जेएएच के ट्रामा सेंटर एंबुलेंस से आने वाले मरीजों की आफत आ जाती है। अस्पताल गेट पर लगने वाला जाम मरीजों का दर्द बढ़ा रहा है, यहां फुटपाथ पर दुकानें तो सड़क पर आटो और ई-रिक्शा चालकों और कारों का कब्जा रहता है। ऐसे में 500 मीटर की दूरी तय करने में समय लग जाता है। सड़क पर हमेशा 100 से ज्यादा आटो, कार और ई-रिक्शा, निजी एंबुलेंस खड़े रहते हैं। यह हालात स्मार्ट रोड़ बनने के बाद से ही बने हुए हैं। इससे निजात न तो नगर निगम के जिम्मेदार अफसर दिला पा रहे हैं न ही ट्रैफिक पुलिस व प्रशासन के पास कोई प्लान है। सभी जिम्मेदार आंख मूंदकर बैठे हैं।
अस्पताल ने दी 53 फुट जगह, फिर भी समस्या

जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने स्मार्ट रोड के लिए नगर निगम को लगभग 35 फुट जगह दी। बावजूद इसके अस्पताल गेट के पास समस्या जस की तस बनी हुई है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि नगर निगम को फुटपाथ बनाने व सड़क चौड़ीकरण के लिए हमने जगह दी। मकसद यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, लेकिन यहां फुटपाथ पर अतिक्रमण हो गए। नगर निगम को अस्पताल परिसर के चारों तरफ से अतिक्रमण हटाने के लिए कई पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी। सुविधा की जगह मरीजों को असुविधा का सामना ही करना पड़ रहा है।

कई बार निगम को पत्र लिखे अस्पताल के बाहर हुए अतिक्रमण को हटाने हम कई बार निगम को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम तो निगम को 35 फुट जगह भी दे चुके हैं। स्मार्ट रोड बनने पर भी हालात नहीं सुधरे हैं। अतिक्रमण जस के तस हैं। एंबुलेंस निकलने में दिक्कत होती है।

-डा.आरकेएस धाकड़, अधीक्षक, जेएएच।

मरीजों की गाड़ी खड़ी होती हैं अस्पताल रोड पर चिकित्सकों के क्लीनिक हैं यहां उनको दिखाने मरीज आते हैं। वह सड़क पर गाड़ी पार्क कर चले आते हैं। ऐसे में उन पर कार्रवाई ठीक नहीं। अतिक्रमण को लेकर निगम से बात की जाएगी।

-डा. सतीश सिकरवार, विधायक, ग्वालियर पूर्व।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *