पहली बार सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख दोनों एमपी से !

पहली बार सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख दोनों एमपी से
रीवा के सैनिक स्कूल में 8 साल साथ पढ़े ले. जनरल द्विवेदी और एडमिरल त्रिपाठी

भारतीय सेना के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी होंगे। वे मध्यप्रदेश के रीवा के रहने वाले हैं और मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे, जो एक महीने की सेवा विस्तार के बाद 30 जून को रिटायर होंगे। खास बात ये है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी एमपी के ही रहने वाले हैं। यह इतिहास में पहला मौका है जब दो सेनाओं के प्रमुखों का भार मध्यप्रदेश के बेटों के हाथ में है।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रीवा जिले के गढ़ क्षेत्र में स्थित ग्राम मुड़ला के मूल निवासी हैं। सेना प्रमुख के तौर पर उनके नाम की घोषण होते ही परिवार में खुशी छा गई। उनके बड़े भाई डॉ. पीसी द्विवेदी ने बताया कि पिता चाहते थे उनका एक बेटा सेना में जाए, इसलिए उनका एडमिशन सैनिक स्कूल रीवा में कराया था। यहीं उनकी दोस्ती हुई थी वर्तमान नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी से। दोनों सेना में भर्ती होने से पहले सैनिक स्कूल रीवा में साथ-साथ पढ़े हैं। वे वर्ष 1973 से 80 तक एकसाथ पढ़े। दोनों स्कूल के समय से दोस्त हैं। नौसेना प्रमुख सतना जिले के रामपुर बघेलान अंतर्गत मडुहर गांव के रहने वाले हैं।

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और भारतीय सेना के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रीवा के गांवों के रहने वाले हैं।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और भारतीय सेना के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी रीवा के गांवों के रहने वाले हैं।

50 पैसे की बात; पिता बोले- मेरा बेटा झूठ नहीं बोल सकता

डॉ. पीसी द्विवेदी बताते हैं कि लगभग 50 साल पहले उपेंद्र एक दुकान में सामान लेने गए थे। जो पैसे उन्हें दुकानदार ने लौटाए वो उन्होंने पिताजी को दे दिए। इसमें 50 पैसे कम थे। जिस पर वे दुकानदार के पास इसका हिसाब लेने गए। दुकानदार ने झूठ को छिपाने का प्रयास किया। जिस पर पिता ने कहा था कि मेरा बेटा कभी झूठ नहीं बोल सकता।

एक बार हेलिकॉप्टर क्रैश में बचे, आतंकी हमले काे भी नाकाम किया

नए सेना प्रमुख द्विवेदी ऑपरेशनल कमांड को लीड कर चुके हैं। इस दौरान दो बार उनकी जान पर बन आई। पहली बार नार्थ ईस्ट में उग्रवादियों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था, जिसे द्विवेदी और उनकी टीम ने नाकाम कर दिया था, और कई उग्रवादी मारे गए और जख्मी हुए थे। यह घटना 2014 की बताई जाती है। एक ऐसे ही घटनाक्रम से उनका सामना जम्मू-कश्मीर में हुआ था। पुंछ राजौरी सेक्टर में भ्रमण के दौरान आर्मी का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। यह घटना करीब दो साल पहले तब हुई, जब जनरल उपेंद्र द्विवेदी हेलीकॉप्टर से उतरकर कुछ दूर निकल चुके थे।

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