मुरैना : मोबाइल चोरों पर मेहरवान मुरैना पुलिस … !
गिरे मोबाइल को उठाकर उसका इस्तेमाल करने वाले को अपराधी नहीं मानती मुरैना पुलिस …
बता दें, कि पुलिस का मानना है कि ऐसे मामलों में मोबाइल पाने वाले को अपराधी नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि जमीन पर पड़े मोबाइल को कोई न कोई तो उठाएगा ही और अगर वह उसे चलाता पकड़ा जाता है तो अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। उसके खिलाफ संबंधित थाने में एनसीआर(असंगेय रिपोर्ट) जिसे कच्ची रिपोर्ट भी कहा जाता है, दर्ज कर मामला खत्म कर दिया जाता है। इसमें मोबाइल पाने वाले के बयान ले लिए जाते हैं जिसमें वह बताता है कि उसे मोबाइल जमीन पर पड़ा मिला था।
यह है असल हकीकत, समझें इसे
इस मामले में असल हकीकत यह है कि आपका मोबाइल भले ही चोरी हुआ हो लेकिन पुलिस उसे एनसीआर में डालती है, जिसमें यह दर्शाया जाता है कि मोबाइल गुम हो गया था। अगर वह मोबाइल चोरी का केस दर्ज करती है तो उसे मामला दर्ज करना पड़ेगा तथा फरियादी को कोर्ट से मोबाइल मिलेगा जिसके कारण पुलिस को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे। लिहाजा इस झंझट से बचने के लिए पुलिस चोरी हुए मोबाइलों के प्रकरणों को एनसीआर में डाल देते हैं। इसके बाद जब सायबर सेल द्वारा मोबाइल ट्रेस करके पाने वाला व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ ठोस कार्यवाही न करते हुए केवल खानापूर्ति करते हुए उसके बयान दर्ज कर लिए जाते हैं जिसमें वह बताता हैै कि यह मोबाइल उसे जमीन पर पड़ा मिला था जो उसने वापस कर दिया है। इस प्रकार मोबाइल चोरी का अपराध गंभीर होने के बावजूद उसे साधारण प्रकरण बनाकर रफा-दफा करने से जिले में मोबाइल चोरी की घटनाओं में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है जिसका जीता-जागता उदाहरण गत दिवस पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रदर्शित किए गए 220 मोबाइल हैं जिनकी कीमत 55 लाख रुपए है।
मोबाइल चोरी को बढ़ावा दे रही पुलिस
बता दें, कि मुरैना पुलिस मोबाइल चोरी को गंभीर अपराध न मानकर उसकी एनसीआर काटकर मोबाइल चोरों के हौंसले बुलंद कर रही है। इससे जिले में मोबाइल चोरी की घटनाओंे में निरंतर इजाफा हो रहा है तथा चोर इस बात को समझने लगे हैं कि अगर पकड़े भी गए तो वे अपराधी की श्रेणी में नहीं आएंगे।
कहती है पुलिस
जो 220 मोबाइल जब्त किए गए थे वे, पिछले 6 माह के अन्दर लोगों की जेब से गिरे थे या धोखे से छूटे थेे। इन मामलों में एनसीआर की जाती है, क्योंकि ये चोरी के नहीं हैं, इसलिए किसी को आरोपी नहीं बनाया गया है।
आशुतोष बागरी, पुलिस अधीक्षक, मुरैना