ग्वालियर : मिलीभगत से हो रहा ग्वालियर जिले में अवैध खनन ?
मिलीभगत से हो ग्वालियर जिले में अवैध खनन
पत्रकारवार्ता में विधायक डॉ. सतीश सिकरवार, साहब सिंह गुर्जर और सुरेश राजे
ग्वालियर. कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाते हुए कहा, ग्वालियर जिले में भारतीय जनता पार्टी की मिलीभगत से अवैध उत्खनन चल रहा है। भाजपा सरकार नीति के खिलाफ कांग्रेस पार्टी सडक़ से विधानसभा तक विरोध प्रदर्शन करेगी। यह बात सिटी सेंटर स्थित निजी होटल में आयोजित पत्रकारवार्ता में विधायक डॉ. सतीश सिकरवार, साहब सिंह गुर्जर और सुरेश राजे ने कही।
विधायक डॉ. सिकरवार ने कहा, ग्वालियर जिले में अवैध रूप से रेत उत्खनन हो रहा है, जिससे सरकार को हर माह करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है। ओवर लोड वाहन रेत भरकर मुख्य सडक़ों से गुजर रहे हैं जिससे 10 साल गारंटी वाली सडक़ें भी क्षतिग्रस्त हो रही है। अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए ग्वालियर कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, राजस्थान का गणपत नाम का व्यक्ति ही रेत माफिया रैकेट चला रहा है और इस भाजपा सांसद, नेता और मंत्रियों का संरक्षण प्राप्त है।
विधायक साहब सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, ग्वालियर में रेत के अवैध खनन को लेकर एक पूरा रेत माफिया सक्रिय है, जो सारे नियमों को ताक पर रखकर खनन कर रहा है। ग्वालियर जिले में रायपुर, सेमरी, सिली, पुट्टी अनुमति प्राप्त खदानों की आड़ में बसई, बाबूपुर, गजापुर और लिधौरा में अवैध रूप से खदानें संचालित की जा रही है, लेकिन ऐसी अवैध खदानों पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
विधायक गुर्जर ने कहा, अवैध खनन करने वाले वाहन ओवर लोडिंग कर तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं, जिससे सडक़ों को नुकसान होता है, साथ ही आए दिन सडक़ हादसे हो रहे हैं, जिससे कई लोगों की मौत हो रही है। अवैध उत्खनन से पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है।
विधायक सुरेश राजे ने कहा, अवैध खनन कर रेत माफिया खेतों में रेत को डंप कर रहे हैं, जिससे बारिश में रेत को महंगी दरों पर बेची जा सके। एनजीटी के निर्देश है कि बारिश में रेत नहीं निकाली जा सकती है, लेकिन वह बारिश में रेत का खनन करते हैं। यदि कोई अधिकारी कार्रवाई करने जाता है तो उससे पहले ही रेत माफियाओं को जानकारी मिल जाती है और वह भाग जाते हैं। प्रशासन को मजबूरी में उपकरणों को नष्ट करके आना पड़ता है।
विधायक सुरेश राजे ने कहा, अवैध खनन कर रेत माफिया खेतों में रेत को डंप कर रहे हैं, जिससे बारिश में रेत को महंगी दरों पर बेची जा सके। एनजीटी के निर्देश है कि बारिश में रेत नहीं निकाली जा सकती है, लेकिन वह बारिश में रेत का खनन करते हैं। यदि कोई अधिकारी कार्रवाई करने जाता है तो उससे पहले ही रेत माफियाओं को जानकारी मिल जाती है और वह भाग जाते हैं। प्रशासन को मजबूरी में उपकरणों को नष्ट करके आना पड़ता है।