ग्वालियर : शहर की 17 लाख आबादी केवल चार फायर स्टेशन के भरोसे ?
Fire brigade office शहर की 17 लाख आबादी केवल चार फायर स्टेशन के भरोसे, होने चाहिए 10
गर्मी के मौसम में आगजनी की घटनाएं अधिक होती हैं। शहर में जनवरी से जून तक 1000 से अधिक आग लगने की शिकायतें आई हैं। जबकि पूरे साल में यह आंकड़ा 2000
सकरी गलियों में गाड़ी पहुंचना मुश्किल
महाराज बाड़ा क्षेत्र में दानाओली, मोचीओली, माधवगंज, नजरबाग मार्केट, सुभाष मार्केट, टोपी बाजार सहित कई ऐसी जगह हैं, जहां पर आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंचना काफी मुश्किल है। यहां के लिए छोटी गाड़ी के लिए कई बार मांग की जा चुकी है, लेकिन कोई छोटी गाड़ी नहीं आई है। हालांकि फायर विभाग के पास तीन बुलट बाइक हैं, लेकिन फायर अमला उन्हें बाहर ही नहीं निकलता है। इससे वह रखी रखी खराब हो रही हैं।
सब स्टेशन बनाए पर समस्या जस की तस
महाराज बाड़ा स्थित दानाओली, मोचीओली, माधवगंज, सराफा, बहोड़ापुर क्षेत्र के आनंद नगर, विनय नगर, मुरार क्षेत्र के सदर बाजार, संतर, गुडागुडी नाका क्षेत्र के लिए केदारपुर, महाराजपुरा, शताब्दीपुरम क्षेत्र के लिए डीडी नगर समेत आसपास के क्षेत्रों में दमकलों की पहुंच आसान बनाने के लिए चार सब स्टेशन भी बनाए गए हैं। लेकिन यहां भी संकरी गलियां और अतिक्रमण सबसे बड़ी परेशानी है।
इन बिंदुओं पर काम करने की जरूरत
- फायर ब्रिगेड में गाड़ियों की हालत खराब है, जिन्हें सही किया जाए।
- अधिकतर कर्मचारी बिना ट्रेङ्क्षनग के कार्य कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों को ट्रेङ्क्षनग दी जाए।
- कर्मचारियों के पास आग की घटना के दौरान समांजस्य की कमी है, इसलिए उन्हें टीम के साथ कार्य करना सिखाया जाए।
- स्थाई कर्मचारी कम हैं, जबकि विनियमित व आउटसोर्स कर्मचारी अधिक हैं। इसमें स्थाई की तुलना में आउटसोर्स व विनियमित को कम वेतन व लाभ मिलता है। इससे उनमें हीन भावना भी पैदा हो रही है।
- नेशनल बिङ्क्षल्डग कोड का पालन नहीं हो रहा है। इसका कड़ाई से पालन कराया जाए।
- आग बुझाने में काम आने वाली सभी चीजों को गाड़ी में रखा जाए न की ऑफिस में।
- फायर गाड़ी के पीछे ही पानी का टैंकर तत्काल भेजा जाए।
- अधिकारी-कर्मचारियों को पूरे एरिया व शहर की जानकारी होना चाहिए।
- 50 हजार की आबादी पर एक गाड़ी और 17 लाख की आबादी के हिसाब से 8 से 10 फायर सब स्टेशन होना चाहिए। सभी संस्थानों के पास फायर एनओसी होना चाहिए।
निगम के पास न पर्याप्त संसाधन न स्टाफ
नगर निगम के पास आगजनी की बड़ी घटना होने पर उससे निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन और दमकल बेड़ा नहीं है, न ही उनको चलाने के लिए ट्रेंड स्टाफ है। 50 हजार की आबादी पर जितने फायर स्टेशन होने चाहिए, उनमें भी काफी गैप है। आग पर जल्द काबू नहीं पाने का वैज्ञानिक प्लान नहीं है। शहर की आबादी को देखते हुए कम से कम 8 से 10 फायर सब स्टेशन होने चाहिए।
बजरंग ङ्क्षसह भदौरिया, सेवानिवृत्त फायर अधिकारी नगर निगम