हाथरस मामले में हाईकोर्ट के इस रिटायर्ड जज की अगुवाई में बनी कमेटी, 2 पूर्व IAS भी शामिल
हाथरस मामले में हाईकोर्ट के इस रिटायर्ड जज की अगुवाई में बनी कमेटी, 2 पूर्व IAS भी शामिल
Hathras Stampede मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा था कि इस मामले की जांच ज्यूडिशियल कमेटी करेगी. अब इसका गठन कर दिया गया है.
Hathras Stampede Judicial Committee:उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस में सत्संग के समापन के दौरान मची भगदड़ पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की ओर से जांच कमेटी गठित कर दी गई है. इसमें हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज और दो पूर्व आईएएस शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने विषय वस्तु की व्यापकता और जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बृजेश कुमार श्री वास्तव (द्वितीय) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है. आयोग 02 जुलाई को हुई घटना की जांच करेगा और जांच के बाद राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगा.
आदेश में क्या कहा जाता है?
आदेश में कहा गया कि चूंकि राज्यपाल की राय है कि दिनांक 02.07.2024 को ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी, थाना सिकंदराराऊ, जिला हाथरस में साकार नारायण विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग कार्यक्रम में घटित घटना के सम्बन्ध में लोकहित में जांच कराया जाना आवश्यक है. जिसमें उक्त सत्संग सम्पन्न होने के पश्चात सेवादार एवं स्थानीय आयोजक भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके और अचानक भगदड़ मच गई जिसमें 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई तथा कुछ लोग घायल हो गए.
कहा गया है कि विषयवस्तु की व्यापकता तथा जांच की पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु जाँच आयोग अधिनियम 1952 (अधिनियम संख्या-60, सन् 1952) की धारा-3 द्वारा प्रवृत्त शक्तियों का प्रयोग करके राज्यपाल, एतद्वारा निम्नलिखित तीन-सदस्यीय न्यायिक जाँच आयोग बृजेश कुमार वास्तव (द्वितीय), न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), इलाहाबाद उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में, जिसका मुख्यालय लखनऊ में होगा
1. बृजेश कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय), मा० न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त), इलाहाबाद उच्च न्यायालय -अध्यक्ष .
2. हेमन्त राव (सेवानिवृत्त, आई०ए०एस०)-सदस्य
3. भवेश कुमार सिंह (सेवानिवृत्त, आई०पी०एस) सदस्य
3 जुलाई को जारी यूपी सरकार के आदेश में कहा गया है कि आयोग द्वारा दिनांक 02 जुलाई, 2024 की घटित उक्त घटना की जांच की जायेगी और जांचोपरान्त निम्नलिखित बिन्दुओं पर राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी.