इस बार के बजट में आम आदमी के लिए कुछ खास घोषणाएं नहीं …?

मनरेगा, हेल्थ, शिक्षा और आम आदमी… बजट 2024 में ये कहां है?

इस बार के बजट में आम आदमी के लिए कुछ खास घोषणाएं नहीं की गई है.

वित्त मंत्री ने कहा- इस बजट में पूरे साल और उससे आगे के समय को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने विशेष रूप से रोजगार, कौशल, MSME और मध्यम वर्ग पर फोकस किया है.

हालांकि इन तीनों ही क्षेत्र में कोई खास ऐलान नहीं किया गया. यहां तक की पूरे बजट भाषण के दौरान मनरेगा का जिक्र तक नहींं किया गया. मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) एक प्रमुख भारतीय योजना है जिसे 2005 में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के उद्देश्य से लागू किया गया था. इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण निवासियों को आर्थिक सहायता और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण करना है.

ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं कि एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र तक आम आदमी के लिए क्या क्या है.

शिक्षा को लेकर आम आदमी के लिए क्या 

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान शिक्षा क्षेत्र को लेकर कोई बड़ा ऐलान नहीं किया है. हालांकि कुछ छोटे छोटे ऐलान किए गए हैं. इनमें से एक है आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख तक का लोन दिया जाएगा. ये लोन सिर्फ भारत में पढ़ाई करने के लिए दिया जाएगा.

इसके अलावा छात्रों को तीन फीसदी ब्याज दर पर लोन मिलेगा और उन्हें हर साल कुल राशि का 3 परसेंट अमाउंट सीधे ई-वाउचर के रूप में प्राप्त होगा. हर साल एक लाख छात्रों को ये सुविधा मिलेगी और इस पर तीन परसेंट की वार्षिक छूट मिलेगी.

निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा, ‘हमारी सरकार का उद्देश्य भारत के सभी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा सुलभ और किफायती बनाना है, ताकि वे वित्तीय बाधाओं के बिना अपनी शैक्षणिक आकांक्षाओं को पूरा कर सकें और सरकार इसलिए घरेलू संस्थानों में हायर स्टडी लेने वाले छात्रों को 10 लाख रुपए तक का लोन देगी.’

शिक्षा क्षेत्र को मिला 1.48 लाख करोड़ का बजट 

बजट में शिक्षा के क्षेत्र को 1.48 लाख करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया गया. वित्त मंत्री ने बजट की घोषणा करते वक्त बताया कि सरकार शिक्षा, रोजगार और स्किल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित करती है. बता दें कि इस बार का शिक्षा को लेकर जारी किया गया फंड पिछले बजट के मुकाबले काफी ज्यादा है. 

साल 2023 में केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को 1,12,898.97 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. जो कि उस वक्त तक का सबसे ज्यादा आवंटन था, लेकिन इस बार सरकार ने उस आंकड़े को भी पीछे छोड़ दिया है. 2023 में रिलीज किए गए फंड में स्कूली शिक्षा विभाग को 68,804.85 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि उच्च शिक्षा विभाग को 44,094.62 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. 

वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य को लेकर क्या कहा 

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने विकसित भारत के लिए 9 प्राथमिकताओं की घोषणा की, लेकिन उनमें स्वास्थ्य का जिक्र नहीं किया गया. हालांकि कैंसर की 3 दवाओं पर कस्टम ड्यूटी जीरो कर दी गई है. जिसका मतलब है कि इन दवाओं के आयात पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा. इस वजह से कैंसर का इलाज भी सस्ता हो जाएगा. इसके अलावा वित्त मंत्री ने नए मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल खोलने की भी बात कही है. 

एनडीए के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट से हेल्थ सेक्टर को काफी उम्मीदें थी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है, लेकिन ऐसी कोई बड़ी घोषणा हुई नहीं.

मनरेगा, हेल्थ, शिक्षा और आम आदमी... बजट 2024 में ये कहां है?

जरूरत का सिर्फ 27% प्रतिशत खर्च 

दरअसल साल 2017 की नेशनल हेल्थ पॉलिसी में साल 2024-25 तक हेल्थ सेक्टर पर GDP का 2.5 प्रतिशत खर्च करने का लक्ष्य साधा गया था. इसमें केंद्र और राज्य सरकार, दोनों के खर्च शामिल थे. 

इस निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस वित्त वर्ष में हेल्थ सेक्टर पर कुल 8.2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाने चाहिए थे. इसमें राज्य सरकार को 60% और बाकी 40% केंद्र सरकार को खर्च करना था. इस हिसाब से केंद्र का हेल्थ बजट हर साल 3.3 लाख करोड़ रुपए होना चाहिए था, लेकिन इस बार के बजट में हेल्थ सेक्टर को 91 हजार करोड़ रुपए ही दिए गए जो कि यह जरूरत का सिर्फ 27% है. 

हेल्थ बजट पर खर्च बढ़ाने के NDA कहां 

साल 2004 में देश का हेल्थ बजट 9200 करोड़ रुपए था. ये 9 साल बाद 2013 में बढ़कर 27,147 हजार करोड़ रुपए हो गया था. यूपीए के दस साल में 295% हेल्थ बजट बढ़ा. यानी, एवरेज ग्रोथ रेट 29.5% रहा.

जबकि एनडीए के 10 साल यानी 2014 से लेकर 2023 के बीच हेल्थ बजट 245 फीसदी बढ़ा. इन 10 सालों में एवरेज ग्रोथ रेट 24.5 फीसदी रहा. 

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रोजगार के लिए बजट में क्या 

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के युवाओं को 4 करोड़ नौकरी देने के साथ-साथ उन्हें टॉप की इंडस्ट्री में इंटर्नशिप करने काम मौका दिया जाएगा. इसके साथ ही लोगों को खुद का स्टार्टअप करने का भी मौका मिलेगा. 

वहीं, रोजगार के मामले में महिलाओं के लिए खुशखबरी ये है कि महिलाओं को नौकरी में बराबर की हिस्सेदारी मिलेगी.  इससे महिलाएं भी सशक्त बनेगी. इस बजट में 4 करोड़ नौकरियां देने के घोषणा के साख थी देश में बेरोजगारी का मुद्दा अब काफी हद तक काम हो जाएगा. 

बजट की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इस बार 20 लाख युवाओं को जो 5 साल में स्किल्ड किया जाएगा उसका भी काफी अच्छा असर भविष्य में देखने को मिलेगा. 

वित्त मंत्री ने बजट की घोषणा करते हुए कहा कि पूरे साल और उससे आगे के समय को ध्यान में रखते हुए इस बजट में, केंद्र सरकार ने विशेष रूप से रोजगार, कौशल, MSME और मध्यम वर्ग पर फोकस किया है. उन्होंने कहा कि मुझे 5 साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा के लिए 5 योजनाओं और पहलों के प्रधानमंत्री के पैकेज की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है, जिसमें 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे. 

मनरेगा का कोई जिक्र नहीं 

केंद्रीय बजट 2024 पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने एक बयान में कहा, ‘इस बार का बजट काफी निराशाजनक है. मैंने आम आदमी के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों के बारे में कुछ नहीं सुना. बजट में मनरेगा का कोई उल्लेख नहीं है. रोजगार सृजन पर, एक इशारा मात्र किया गया. मैं केवल एक प्रावधान का स्वागत करता हूं जो एंजेल निवेशकों पर टैक्स को खत्म करना है. मैंने 5 साल से अधिक समय पहले अरुण जेटली से इसकी सिफारिश की थी.’

पिछले बजट में इसे लेकर क्या की गई थी घोषणाएं 

चुनाव से कुछ महीने पहले आए अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने की बड़ी योजनाओं पर आवंटन को बढ़ाया था. इनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), आयुष्मान भारत-PMJAY, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम, सेमीकंडक्टर एंड डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के लिए मोडिफाइड प्रोग्राम, सोलर पावर और नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन शामिल था. 

अंतरिम बजट में सरकार ने मनरेगा का बजट बढ़ा दिया है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मनरेगा का बजट अनुमान 60,000 करोड़ रुपये था. इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि इस बजट में मनरेगा का बजट बढ़ाकर 86,000 करोड़ कर दिया जाएगा. हालांकि पूरे भाषण के दौरान इसे लेकर को घोषणा या जिक्र नहीं किया गया. 

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