कानपुर के 16 अस्पतालों में फर्जीवाड़ा ?
कानपुर के 16 अस्पतालों में फर्जीवाड़ा:ICU तक नहीं, लेकिन गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा, आयुष्मान के लिए कर दिया आवेदन
गरीबों के इलाज के लिए केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ देने के लिए शहर के 16 प्राइवेट अस्पतालों ने आवेदन किया था। जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पतालों की हकीकत जानने के लिए पांच एडीएम अलग-अलग अस्पतालों में जांच करने पहुंचे तो कई खामियां मिलीं।
जिस बीमारी का इलाज करने के लिए अस्पतालों ने आवेदन दिया, उसकी वहां व्यवस्था ही नहीं मिली। खामियों को दूर करने का अस्पताल संचालकों को मौका दिया गया है। जल्द ही फाइनल अस्पतालों की सूची जिलाधिकारी की टीम जारी करेगी।
आयुष्मान योजना के तहत इलाज
कमजोर वर्ग के लोंगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना चलाई जा रही है। इसमें लोगों को पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है।
इलाज के दौरान इसमें दवाई की लागत, चिकित्सा आदि का खर्च सरकार की ओर से दिया जाता है। जो लोग योजना के पात्र हैं उनके लिए आयुष्मान कार्ड जारी किया गया है।
प्राइवेट अस्पताल में इलाज की सुविधा
प्राइवेट अस्पताल में भी 5 लाख तक इलाज कर सकते हैं। अभी तक जिले के करीब 152 अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने की अनुमति थी। इस योजना के तहत मरीजों का लाभ करने के लिए शहर बड़े निजी अस्पतालों ने भी आवेदन किया है।
सीडीओ और एडीएम ने की जांच
अस्पतालों की हकीकत जानने के लिए जिलाधिकारी ने डॉक्टरों के साथ सीडीओ, एडीएम वित्त, एडीएम प्रशासनिक, एडीएम सप्लाई को जांच अधिकारी नामित किया था। अधिकारियों के सत्यापन में कई अस्पतालों में खामीं मिलीं। जिस मर्ज का इलाज करने के लिए आवेदन किया था उसकी वहां कोई व्यवस्था ही नहीं मिली।
ICU तक ही सुविधा नहीं मिली
एक अस्पताल ने गंभीर बीमारियों का ऑपरेशन करने के लिए आवेदन किया था, जांच में पता चला कि अस्पताल में आईसीयू की सुविधा ही नहीं है। तो कैसे आपरेशन होगा। इसी तरह से कई जगह अलग-अलग खामियां मिली हैं। अधिकारियों ने खामियों को दूर करने के लिए 15 दिन का समय दिया है।
वहीं अधिकारियों ने सत्यापन कर अपनी-अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित टीम फाइनल अस्पतालों की सूची तैयार कर इलाज करने की अनुमति जारी करेगी।