करप्शन और रेप केस में फंसे IAS संजीव हंस से छीने गए सारे पद
बिहारः करप्शन और रेप केस में फंसे IAS संजीव हंस से छीने गए सारे पद, अब गिरफ्तारी की लटकी तलवार!
बिहार के विवादित आईएएस अफसर संजीव हंस को उनके पद से हटा दिया गया है. भ्रष्टाचार के अलावा संजीव पर रेप का भी मामला चल रहा है. ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव पद से हटाए जाने के बाद वह कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं.
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के किसी वरिष्ठ अफसर पर पहली बार बड़ी कार्रवाई की है. आय से अधिक संपत्ति जुटाने से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई झेल रहे सीनियर आईएएस अधिकारी संजीव हंस को अब ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के पद से हटा दिया गया है. पद से हटाए जाने के बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है.
पिछले महीने ED ने डाली थी रेड
हालांकि बिहार सरकार ने अब बड़ा कदम उठाते हुए उन्हें दोनों ही अहम पदों से हटा दिया है. ईडी ने पिछले महीने जुलाई में संजीव हंस के ठिकानों पर रेड डाली थी. ईडी ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति से जुड़े कई सबूत जुटाए हैं. जबकि पटना पुलिस ने उन पर लगे रेप के आरोप को भी सही पाया है.
इसी तरह पिछले साल जनवरी में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक गुलाब यादव और आईएएस संजीव हंस के खिलाफ पटना के रूपसपुर थाने में रेप का मामला दर्ज कराया गया था. ऐसे में दोनों ही मामलों में उन पर गिरफ्तारी का संकट मंडरा रहा है. गिरफ्तारी को लेकर अगले 24 घंटे उनके लिए बेहद अहम माना जा रहा है.
सामान्य प्रशासन विभाग में बिना किसी पद के अटैच
1997 बैच के ये वही चर्चित आईएएस अफसर संजीव हंस हैं जिनके कार्यकाल के दौरान ताबड़तोड़ अंदाज में बिहार में 10 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगवा दिए गए थे. इस वजह से इतनी संख्या में स्मार्ट मीटर लगवाने वाला बिहार देश का पहला राज्य भी बन गया. हालांकि इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर कुछ भी अपडेट नहीं किया गया.
इतने बड़े भ्रष्टाचार के बाद भी संजीव हंस को पद से हटाते हुए सामान्य प्रशासन विभाग में योगदान देने का आदेश जारी किया गया है. ऐसे में सरकार का यह आदेश भी सवालों के घेरे में है. संजीव हंस की जगह अब ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव का जिम्मा उद्योग विभाग के एसीएस संदीप पौंड्रिक को दिया गया है.
आईएएस संदीप पौंड्रिक 1993 बैच के आईएएस अफसर हैं. संजीव हंस से बिजली विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी छीन लिया गया है. अब उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में बगैर किसी भूमिका के रखा गया है.