लेन-देन में गई करोड़ों की जमीन, नायब तहसीलदार की शिकायत !
इसी नामांतरण में रजिस्ट्री की तिथि दो दिन पहले की डल गई। इसके बाद जिसकी जमीन थी उससे कब्जा लेने के लिए आवेदन प्रशासन को लगाया, लेकिन दूसरे पक्ष ने इस जमीन को किराये पर दे रखा था, जिस पर वह हाइकोर्ट चला गया और जमीन पर स्टे हो गया।
सिल्वर ओक होटल के पीछे है छह हजार वर्ग फीट से ज्यादा जमीन
- नामांतरण में रजिस्ट्री की तिथि दो दिन पहले की डल गई
- प्रशासन की ओर से कार्रवाई को होल्ड कर दिया गया है
ग्वालियर। शहर के पाश इलाके सिरोल में करोड़ों की जमीन को लेकर नायब तहसीलदार की शिकायत मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव से की गई है। यह जमीन पटेल नगर और सिल्वर ओक होटल के पास है जहां किराये से जिम का संचालन किया जाता है।
ब्याज पर पैसा चलाने वाले हरीश शर्मा ने जय और अजय यादव को डेढ़ करोड़ रुपया दिया था जिसपर तीन प्रतिशत ब्याज भी था। गारंटी के रूप में छह हजार वर्ग फीट से ज्यादा इसी जमीन की पावर अटार्नी करा ली गई और जब पैसा वापस नहीं मिलता दिखा तो हरीश शर्मा ने रजिस्ट्री कराकर नामांतरण को आवेदन दिया।
इसी नामांतरण में रजिस्ट्री की तिथि दो दिन पहले की डल गई। इसके बाद जिसकी जमीन थी उससे कब्जा लेने के लिए आवेदन प्रशासन को लगाया, लेकिन दूसरे पक्ष ने इस जमीन को किराये पर दे रखा था, जिस पर वह हाइकोर्ट चला गया और जमीन पर स्टे हो गया।
इस मामले में नायब तहसीलदार का एक पक्ष का साथ देने को लेकर सीएम से शिकायत की गई है। जानकारी के अनुसार हरीश शर्मा ब्याज का काम करता है जिसने जय और अजय यादव को रकम ब्याज पर दी। जय और अजय ने भी अपने रिश्तेदार के कारोबार के लिए यह धनराशि ली थी और जमीन गारंटी बतौर रखी।
यहां किराये से जिम चल रही थी। फरवरी 2024 को इस जमीन की रजिस्ट्री हरीश शर्मा ने करा ली और नामांतरण के लिए आवेदन दिया। रजिस्ट्री 28 फरवरी को हुई थी लेकिन नामांतरण में तिथि दो दिन पहले की डल गई। इसके बाद नायब तहसीलदार सिरोल महेंद्र यादव ने इस त्रुटि को सुधारकर संशोधित आदेश जारी किया।
हरीश शर्मा ने कब्जा लेने का आवेदन दिया तो प्रशासन ने धारा 250 का आदेश निकाला। इसके बाद मौके पर काबिज किरायेदार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से स्टे हो गया। यादव पक्ष की ओर से नायब तहसीलदार की शिकायत सीएम से की गई है। प्रशासन की ओर से कार्रवाई को होल्ड कर दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारी जांच कर रहे हैं।