सिसोदिया रिहा, अब इन 8 नेताओं को उम्मीद … क्या बेल ऑर्डर बनेगा नजीर?
मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल से रिहा, अब इन 8 नेताओं को उम्मीद; क्या बेल ऑर्डर बनेगा नजीर?
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा है कि जमानत नियम है और जेल अपवाद. कोर्ट ने कहा है कि ट्रायल पूरा न हो तो किसी को जेल में लंबे वक्त के लिए नहीं रखा जा सकता है. कोर्ट की इस टिप्पणी से जेल में बंद 8 नेताओं की उम्मीद जग गई है.

ईडी और सीबीआई की हिरासत में 17 महीने से जेल में बंद मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. जमानत मिलने के बाद वे तिहाड़ जेल से बाहर निकल आए हैं. दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को जमानत देते हुए सर्वोच्च अदालत ने जमानत को नियम और जेल को अपवाद बताया है.
सिसोदिया की जमानत पर कोर्ट की जो टिप्पणी आई है, उसने जेल में बंद देश के 8 बड़े नेताओं को भी उम्मीद जगा दी है. अब सिसोदिया की जमानत केस को नजीर बनाकर ये नेता अपने लिए जमानत मांग सकते हैं.
इस स्पेशल स्टोरी में इन्हीं नेताओं और उनके केस के बारे में विस्तार से जानते हैं…
केजरीवाल को भी है राहत की उम्मीद
शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अभी सीबीआई की गिरफ्त में हैं. केजरीवाल को मार्च 2024 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. मई में उन्हें 7 दिन की अंतरिम जमानत मिली थी, लेकिन तब से वे जेल में ही बंद हैं.
जून 2024 में केजरीवाल को ईडी मामले में जमानत मिली, लेकिन सीबीआई केस में वे अभी भी जेल में ही बंद हैं. मनीष सिसोदिया को राहत मिलने के बाद केजरीवाल को भी उम्मीद जगी है.
25 महीने से जेल में बंद हैं पार्थ चटर्जी
तृणमूल में नंबर-2 के नेता माने जाने वाले पार्थ चटर्जी पिछले 2 साल से जेल में बंद हैं. उन्हें जुलाई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. पार्थ बंगाल के विवादित शिक्षक भर्ती मामले में आरोपी हैं. उन पर पैसे लेकर नौकरी देने का आरोप है.
पार्थ के खिलाफ जनवरी 2024 में फाइनल चार्जशीट दाखिल की गई है. इसी साल मई में पार्थ की जमानत कोलकाता हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है. पार्थ ने हाल ही में कहा था कि उन्हें जबरन कैद कर रखा गया है. उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
ज्योतिप्रिय मलिक भी ईडी की गिरफ्त में
तृणमूल कांग्रेस के एक और कद्दावर नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक ईडी की गिरफ्त में हैं. उन्हें अक्टूबर 2023 में राशन घोटाले के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है. ईडी ने दिसंबर 2023 में ज्योतिप्रिय मलिक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था.
ईडी का कहना था कि बंगाल में राशन का घोटाला करीब 400 करोड़ रुपए का है. मलिक अभी भी ईडी की ही गिरफ्त में हैं. निचली अदालत से ज्योतिप्रिय की याचिका खारिज हो चुकी है. जून 2024 में उन्होंने जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया हुआ है.
जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे अब्बास
सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी नवंबर 2022 से ही जेल में हैं. उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. अब्बास पर धन उगाही का आरोप है. मार्च 2023 में ईडी ने अब्बास के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
इसी साल मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब्बास की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अब्बास पर मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा जेल में पत्नि से नियमों का उल्लंघन कर मिलने का भी आरोप है. उनपर गैंगस्टर का भी मुकदमा दर्ज है.
जेल में बंद हैं तमिलनाडु के सेंथिल
तमिलनाडु में सत्ताधारी डीएमके के कद्दावर नेता सेंथिल बालाजी भी जेल में बंद हैं. उन्हें जून 2023 में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. सेंथिल पर तमिलनाडु के परिवहन मंत्री रहते हुए नौकरी के लिए पैसे लेने का आरोप है.
गुरुवार को निचली अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय किया. जुलाई 2023 में बालाजी की जमानत सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है. अब मनीष सिसोदिया पर कोर्ट के फैसले के बाद माना जा रहा है कि सेंथिल फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंचेंगे.
सत्येंद्र जैन भी नहीं हो पा रहे रिहामनीष सिसोदिया के साथ दिल्ली सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन भी लंबे वक्त से जेल में बंद हैं. मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने हवाला से जुड़े एक केस में उन्हें गिरफ्तार किया था. जैन को हाल ही में स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत मिली थी, लेकिन उन्हें फिर जेल जाना पड़ा. जुलाई 2024 में दिल्ली की निचली अदालत ने जैन की याचिका खारिज कर दी थी.
जैन की याचिका अभी हाईकोर्ट में लंबित है. उन्होंने ट्रायल न होने के आधार पर यह याचिका दाखिल की है.
2022 में गिरफ्तार हुए थे अनुब्रत मंडल
बंगाल में तृणमूल के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल को 2022 में पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था. अनुब्रत तब से जेल में ही बंद हैं. सुरक्षा को देखते हुए अनुब्रत को तिहाड़ जेल में रखा गया है. सीबीआई ने अनुब्रत के खिलाफ अक्टूबर 2022 में चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.
जुलाई 2024 में अनुब्रत मंडल को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के मामले में जमानत दे दी, लेकिन अभी भी वे ईडी के केस में जेल में ही बंद हैं. अनुब्रत जंगल महल इलाके के बड़े नेता माने जाते हैं. 2021 के चुनाव में उन्होंने खेला होबे का नारा दिया था, जिसने तृणमूल की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी.
के कविता को भी नहीं मिली है बेल
मार्च 2024 में दिल्ली शराब घोटाले के एक मामले में बीआरएस नेता के कविता को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. कविता पर सीबीआई का भी केस दर्ज है. कविता राहत के लिए हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक याचिका दाखिल कर चुकी है, लेकिन अब तक उन्हें राहत नहीं मिली है.