MP: कलेक्टर के CAA विरोधी पोस्ट से तिलमिलाई BJP, शिवराज बोले ‘पहले छोड़ें संवैधानिक पद’
मंडला: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंडला कलेक्टर जेसी जटिया के CAA और NRC को लेकर किए गए फेसबुक पोस्ट पर बवाल मच गया है. उन्होंने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर कमेंट करते हुए लिखा कि वे सीएए व एनआरसी का सपोर्ट नहीं करते. हालांकि, विवाद बढ़ता देख उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दिया. वहीं इस मामले में वो कुछ भी कहने से बच रहे हैं.
वहीं, कलेक्टर से जब फिल्म छपाक देखे जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस फिल्म को देखने के पीछे मेरी मंशा एसिड पीड़ितों की वेदना समझने की थी. जिसे मैंने जाहिर किया.
उधर, इस पूरे वाक्ये से सियासत गरमा गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता चल रही है. कलेक्टर फेसबुक पर इस तरह की बातें लिख रहे हैं. ये लोक सेवा आचरण संहिता का खुला उल्लंघन है. कलेक्टर पर तत्काल कार्रवाई की जाना चाहिए. हम केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय से उचित जांच की मांग करेंगे और शिकायत करेंगे.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है. अपने पत्र में शिवराज चौहान ने लिखा कि मध्य प्रदेश में विगत कुछ समय से प्रशासनिक तंत्र निरंकुश और राजनीतिक संलिप्तता प्रदर्शित करने वाली मशीनरी में बदल चुका है. CAA विधि सम्मत कानून का रूप ले चुका है. भारतीय संसद में बहुमत से पारित किया है. कलेक्टर मंडला द्वारा की गई टिप्पणी अक्षम एवं दंड योग्य है. उन्होंने राज्यपाल से मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को प्रशासनिक कार्रवाई के निर्देश देने की मांग की है.
वहीं इससे पहले ट्वीट करते हुए शिवराज चौहान ने लिखा ”संवैधानिक पद पर रहते हुए मंडला कलेक्टर ने जो CAA पर टिप्पणी की है, वह अमर्यादित है. संवैधानिक पद पर रहते हुए संसद द्वारा बनाए गये कानून का विरोध करने का उन्हें नैतिक अधिकार नहीं है. उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार चाहिए, तो पहले संवैधानिक पद छोड़ें.
संवैधानिक पद पर रहते हुए मंडला कलेक्टर ने जो #CAA पर टिप्पणी की है, वह अमर्यादित है। संवैधानिक पद पर रहते हुए संसद द्वारा बनाए गये कानून का विरोध करने का उन्हें नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार चाहिए, तो पहले संवैधानिक पद छोड़ें। #IndiaSupportsCAA